NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
माद्री… जलती ही तो रही हूँ अब तक
वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप कुमार के कविता संग्रह 'बिन जिया जीवन ' के 'महाभारत व्यथा' अध्याय की चौथी कविता 'माद्री'।
न्यूज़क्लिक डेस्क
06 Oct 2019
madri
प्रतीकात्मक तस्वीर साभार : tamilandvedas 

माद्री
 

पति चले गए
अपने पितरों से मिलने
अब मुझे भी उनकी देह के साथ
चिता की लकड़ी की तरह जल जाना है

जलती ही तो रही हूँ अब तक
अंतर केवल इतना ही है
कि
आज मेरे मन के बजाय
मेरी देह से
लपटें निकलेंगी
मेरा पीताभ मुख पति
महान योद्धा
दशार्ण, मगध, विदेह, काशी, सुह्म और पुंड़्र देशों का विजेता
उसकी वीरता के वर्णन सुनकर ही
मोहित हो गयी थी मैं
जब पता चला कि मेरे पिता को अनेक अमूल्य उपहार
और प्रचुर धन देकर
भीष्म मुझे पांडु के लिए प्राप्त करने आए हैं

तब क्या पता था कि
इस अमरफल के भीतर
जीवनरस चूसने वाला
काल का कीड़ा छुपा हुआ है

राजमहल के भोग-विलास ने
उसे बचपन में ही ऐसी असमर्थ कामेच्छा से भर दिया था
जो न स्वयं तृप्त हो सकती थी
न किसी को तृप्त कर सकती थी
वह तो एक व्याधि थी
जिसने व्याध की तरह
कामना के शर से
उसका जीवन हर लिया

इतना बड़ा शूरवीर
और
पुंसत्वहीन!

कुंती मेरी जेठानी
कैसी मीठी कैसी चतुर
पति को समझाया
धृतराष्ट्र के पुत्र पर पुत्र हुए जा रहे हैं
और तुम्हारा एक भी नहीं
तो क्या तुम्हारा वंशवृक्ष
यहीं सूख जाएगा?

दुर्वासा ऋषि के मंत्र की बात बताकर
मना ही लिया उसे
नियोग के लिए

तभी तो हम हिमालय के एक वन-प्रांतर में आए
ताकि किसी को भी पता न चल सके
कि यहाँ क्या घटित हो रहा है

और फिर,
पैदा किए तीन-तीन पुत्र
भोगा देवताओं के साथ सहवास का सुख
पर क्या मजाल जो कभी
मेरी चिंता की हो
जब भी मैंने मनुहार की
मुझे भी दिला दो अनुमति
मुझे झिड़क दिया उसने एक कुटिल मुस्कान के साथ
सौतिया डाह उसमें कम नहीं है

उसे हर समय यह भान रहता है
कि वह एक चौड़े हाड़ वाली हृष्ट-पुष्ट औरत है
जबकि मैं कवि की कोमलकांत पदावली जैसी
सौदर्यरस से भरी हुई
कामिनी

पांडु काम के वशीभूत हो
मँडराता तो मेरे आस-पास रहता था
लेकिन  
पति पर शासन तो सदैव उसी का रहा

एक बार एकांत में अवसर मिला तो
मैंने पांडु से कहा
मुझे आपसे ही पुत्र चाहिए
वह समझ गया मेरे मन की बात
सामर्थ्यरहित था तो क्या
हृदय तो उसने प्रेमी-पति का पाया था
     
उसने कुंती को आदेश दिया
हाँ, आदेश ही दिया
कि वह मुझे भी
देवताओं को बुलाने का मंत्र दे

कुंती के मुखमंडल पर किन-किन रंगों के बादल छाए
मैं आज तक नहीं भूली हूँ

और जब मेरे दो पुत्र हो गए
तो कुंती को चिंता होने लगी
उसके तो तीन ही हैं
यदि मेरे चार हो गए
तो उसकी महत्ता घट जाएगी
बस
अगली बार उसने मुझे मंत्र देने से
साफ़ इनकार कर दिया

पांडु यदि स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख पाया
तो मेरा क्या दोष
मेरा पति था वह आख़िर
कैसे मना कर सकती थी उसे
लेकिन कुंती ने एकमात्र मुझे ही दोषी ठहरा दिया

अब मेरे पास क्या विकल्प है
सिवाय पांडु के शव के साथ जल जाने के
यहाँ भी रहकर क्या करूँगी
जली-कटी सुनते हुए जेठानी की जीवन भर सेवा?
न…न….  
ऐसी जेठानी की सेवा करने से अधिक श्रेयस्कर है
चितारोहण
कम-से-कम
सती तो कहलाऊँगी

इस गर्वोन्मत्त कुरुवंश
का नाश तो होना ही है पर
मुझे नहीं देखना पड़ेगा


नकुल-सहदेव को कुंती ही पाल लेगी
इस मामले में वह विशाल हृदय वाली है
पृथा है
पृथ्वी की तरह
बहुत बोझ सँभाल सकती है

हिमालय की इस उपत्यका में
जहाँ चारों ओर सौंदर्य ही सौंदर्य है
जीवन से विदा ले रही हूँ
जलते समय होने वाले कष्ट का अनुमान लगाकर
काँप रही हूँ
लेकिन प्रारब्ध से कौन बच सका है
जो मैं बचूँगी
विदा

-
कुलदीप कुमार


इसे भी पढ़ें :'बिन जिया जीवन' की महाभारत व्यथा...

...जहाँ ज़बरदस्ती की जाएगी, जहाँ बलात्कार होगा, उस राज्य का नाश अवश्यंभावी है

महाभारत का युद्ध, बलात्कार का ही परिणाम है

hindi poetry
hindi poet
Hindi fiction writer
mahabharat
हिंदी काव्य
हिंदी साहित्य
Gender Equality
gender justice
Women Rights
gender violence

Related Stories

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

देवी शंकर अवस्थी सम्मान समारोह: ‘लेखक, पाठक और प्रकाशक आज तीनों उपभोक्ता हो गए हैं’

गणेश शंकर विद्यार्थी : वह क़लम अब खो गया है… छिन गया, गिरवी पड़ा है

अदम गोंडवी : “धरती की सतह पर” खड़े होकर “समय से मुठभेड़” करने वाला शायर

हमें यह शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है : भगत सिंह की पसंदीदा शायरी

इतवार की कविता: अपने जगे एहसास को पत्थर नहीं बना सकतीं अफ़ग़ान औरतें

विशेष: ...मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए

इतवार की कविता : तुम्हारी जाति क्या है कुमार अंबुज?

राही मासूम रज़ा : साझा भारतीय संस्कृति के भाष्यकार

एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है...


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License