NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
लखनऊ में महापंचायत: लखीमपुर मामले में न्याय और एमएसपी की गारंटी की मांग बुलंद कर रहे किसान
देश के किसानों ने सरकारों से इतने धोखे खाए हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री के मौखिक वादे पर विश्वास करना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने जब तक लिखित में कानून वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं मिलती तब तक आंदोलन पर डटे रहने का ऐलान किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Nov 2021
Mahapanchayat in Lucknow

देश के प्रधानमंत्री ने गुरु पर्व के दिन अचानक विवादित तीन कृषि कानूनों की वापसी के जुबानी ऐलान किया, लेकिन देश के किसान सरकारों से इतने धोखे खाए हैं कि उन्हें इस मौखिक वादे पर विश्वास करना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने जब तक लिखित में कानून वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं मिलती तब तक आंदोलन पर डटे रहने का ऐलान किया है। इसके साथ ही शहीद किसानों की न्याय और मुआवज़े की भी मांग है। इन सभी सवालों को लेकर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कल रविवार, 21 नवंबर को एक बैठक की जिसमें उन्होंने अपने भविष्य के कार्यक्रमों और मोदी सरकार के कानून वापसी के फैसले को लेकर चर्चा की। इसके अलावा आज 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत हो रही है, जिसमें किसान आगे की रणनीति तय करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के अधिकतर पदाधिकारी इस पंचायत में भाग ले रहे हैं।

 इस महापंचायत को किसानों के लखनऊ में शक्ति-प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके प्रदेश के कई नेताओं ने किसानों को लखनऊ में आने पर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। आपको याद बीजेपी ने एक कार्टून के माध्यम से किसान नेताओ को डराने का प्रयास किया था। पंचायत में प्रदेश भर की इकाइयों से जुड़े संगठन बड़ी संख्या में किसानों को साथ लेकर लखनऊ लेकर आ रहे हैं। लखनऊ के कांशीराम ईको पार्क में "एमएसपी अधिकार महापंचायत" के नाम से यह आयोजन हो रहा है।  

भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और लखीमपुर खीरी की घटना के मद्देनज़र हमने घोषणा की थी कि हम लखनऊ में किसान महापंचायत कर रहे हैं। लेकिन किसानों को अब तक न्याय नहीं मिला। जब तक न्याय नहीं होगा हमारा संघर्ष जारी रहेगा।''

बीबीसी से बात करते हुए मलिक ने  कहा कि लखीमपुर की हिंसा वाले मामले की जांच भी सही दिशा में नहीं बढ़ रही है। उस जांच में अब किसानों को फंसाने का काम हो रहा है। जैसे ही मंत्री के खिलाफ सबूत पुख़्ता होते जा रहे हैं वैसे ही अधिक से अधिक किसानों को उसमें बुक कर दिया जा रहा है, जिससे इस केस को उनके हिसाब से अंज़ाम तक ले जाया जा सके। घायलों को मुआवज़े की बात की गई थी लेकिन सरकार ने आज तक एक भी रुपया नहीं दिया।

एमएसपी अधिकार महापंचायत के बारे में धर्मेंद्र मलिक कहते हैं, ''एमएसपी अधिकार महापंचायत का मानना है कि जब तक एमएसपी का क़ानून नहीं होगा, तब तक किसानों की आय दोगुनी नहीं होगी और उसका क़र्ज़ बढ़ता ही जाएगा। हम अभी लाभकारी मूल्य की बात नहीं कर रहें। हम तो बस कह रहे हैं कि सरकार जो दाम घोषित करती है बस वो किसानों को मिलना चाहिए।"

kisan andolan
Kisan Mahapanchayat
Mahapanchayat in Lucknow
SKM
Indian Farmer's Union
MSP
New Farm Laws
Farm Laws Repealed
Narendra modi
Lakhimpur massacre

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License