NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
महोबा: क्वारंटाइन किए गए लोग घूम रहे हैं खुले में, रामनवमी पर निकाला गया जुलूस
इस मामले पर जब महोबा जिले के एसडीएम से बात की गई तो एसडीएम साहब ने पत्रकार से ही कहा कि, 'उनको जरा समझा दीजिए कि घूमें नहीं, आप पत्रकार हैं, ज़िम्मेदारी है।'
रिज़वाना तबस्सुम
03 Apr 2020
महोबा

महोबा (उत्तर प्रदेश) :  दूसरे शहरों से वापस आए लोगों को कोरोना वायरस के बढ़ने की वजह से सुरक्षा के नजरिए से बड़ी संख्या में क्वारंटाइन यानी अलग-थलग किया जा रहा है। बुंदेलखंड के महोबा जिले में वापस आए लोगों को अलग-अलग सरकारी स्कूलों में क्वारंटाइन किया गया है। लेकिन यहां क्वारंटाइन किए लोग गाँव-गाँव में घूम रहे हैं, उन्हें न खुद को लेकर कोई डर है, न दूसरों को लेकर। दरअसल व्यवस्था भी नहीं है और जागरूकता की भी कमी है। इसी तरह यहां बिना किसी अनुमति के रामनवमी का जुलूस भी निकाला गया।

गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर यहाँ के मुडहरा क्षेत्र में चौंकाने वाला मंजर देखने को मिला। यहाँ 50 से ज़्यादा लोग क्वारंटाइन किए गए हैं लेकिन स्कूल पहुँचने पर मालूम चला कि सभी क्वारंटाइन किए गए लोग गाँव में घूमने के लिए निकले हैं, केवल एक परिवार है जिसमें नौ लोग शामिल हैं वो लोग खुद को पूरी तरह से क्वारंटाइन किए हुए हैं। इतना ही नहीं, गाँव में रामनवमी के अवसर पर जुलूस भी निकाला गया, जिसमें बड़े-बुजुर्ग बच्चे शामिल थे।

महोबा-2.jpg

कोरोना वायरस की वजह से पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों में अनिश्चितता की स्थिति बन गई। केंद्र और राज्य सरकारों की तमाम घोषणाओं और आश्वासन के बाद भी वह अपने आपको उन जगहों पर सुरक्षित नहीं महसूस कर पा रहे थे, जहां पर उन्होंने कई सालों तक मेहनत-मज़दूरी की। इसलिए वे अपने उन गांवों की तरफ लौटने को मजबूर हो गए, जहां से वे कुछ इच्छाएं लेकर शहरों की ओर पलायन किए थे।

बुंदेलखंड के महोबा जिले से भी सालों से लोग पलायन करते रहे हैं, ये लोग दिल्ली, मुंबई, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश में जाकर कई साल रोजी रोटी कमाए। लॉकडाउन की घोषणा के बाद जिले के अधिकतर मजदूर अपने जिले में लौट आए हैं। यहाँ के एसडीएम के मुताबिक करीब 3500 लोग महोबा वापस आ गए हैं।

मुडहरा के सरकारी स्कूल में अस्थाई रूप से बने क्वारंटाइन सेंटर में रुकी हुई राधा बताई हैं कि, 'हम लोग 30 मार्च से यहाँ पर रुके हुए हैं। जिस दिन आए थे उस दिन खाना मिला था, अपने हाथ से करीब तीन मीटर की दूरी पर इशारे से बताते हुए राधा कहती हैं कि, 'हमें वहीं से फेंककर रोटी दी गई थी। फिर हम लोगों ने मिलकर कहा कि 'हमें सामान दे दीजिए हम बनाकर खा लेंगे।' राधा कहती हैं कि 'करीब चालीस-पचास लोग यहाँ रुके हुए हैं, सभी लोग गाँव घूमने के लिए गए हैं, इस समय केवल मेरा ही परिवार यहाँ पर है।' 

यहीं पर रुके हुए मुन्ना कहते हैं कि, 'यहाँ पर व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है, जब हम लोग प्रधान से किसी चीज के लिए कहते हैं तो प्रधान कहते हैं कि, हमें कुछ मिला नहीं है बाहर से...अपने  घर से दे रहे हैं। मुन्ना कहते हैं कि, 'जब पुलिस वाले आए और हमने शिकायत की तो वो हमें ही गालियां देने लगे।

क्वारंटाइन सेंटर में रुकी हुई बुजुर्ग गीता बताती हैं कि, 'लोग बाहर घूम रहे हैं, हमें यहाँ पर खाने को नहीं मिल रहा है। यहाँ करीब पचास लोग रुके हुए हैं लेकिन सभी लोग अपने घर जा रहे हैं आ रहे हैं, कोई कुछ कह नहीं रहा है। पुलिस वाले आ रहे हैं तो गालियां दे रहे हैं, हम किसी से कुछ कह नहीं पा रहे हैं।' 

इस गाँव में दूसरे शहरों से आए लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रुकने के लिए कहा गया है लेकिन लोग गाँव में घूमते हुए पाये गए, लोगों से बातें कर रहे हैं। गाँव के एक बुजुर्ग ने बताया कि, 'ये लोग बाहर से बीमारी लेकर आए हैं (हालांकि ऐसा कोई टेस्ट नहीं हुआ है) और गाँव में घूम-घूमकर बीमारी फैला रहे हैं, जब इनसे कहा गया है कि स्कूल में रहें तो आखिर क्यों ये लोग बाहर घूम रहे हैं, पुलिस-प्रशासन क्यों इनपर ध्यान नहीं दे रही है।’

महोबा-1.jpg

मुडहरा गाँव के प्रधान से बातचीत की गई तो उन्होने कहा है कि, 'हमें जानकारी है कि सभी लोग बाहर घूम रहे हैं, मुझसे जितना हो सका मैंने किया, अब प्रशासन व्यवस्था नहीं कर रहा है तो हम क्या करें। हम लोगों ने तीन स्कूलों में व्यवस्था की है, जिसमें करीब पाँच दर्जन लोग रुके हैं। इन लोगों को कई बार मना किया गया कि बाहर न निकलें, लेकिन ये लोग मानते ही नहीं, इन लोगों से हम लड़ाई तो नहीं कर सकते, 24 घंटे बैठकर हम उनको देख नहीं सकते।

खाने के मामले में ग्राम प्रधान कहते हैं कि, 'पहले दिन हमने सब्जी-रोटी की व्यवस्था की थी, और कुछ सामान भी दिए थे तो इन लोगों ने पहले ही दिन मना कर दिया बोले, 'ऐसा खाना फेंक देते हैं, हम नहीं खाते हैं। गिरजा नाम की एक औरत है, वो कहती है ऐसा खाना हम फेंक देते हैं, तो हमने कह दिया कि जिसको खाना है खाओ, जिसको नहीं खाना है मत खाओ। हमने ये बात दरोगा को भी बताया।' 

ग्राम प्रधान बताते हैं कि, 'क्वारंटाइन किए गए लोगों ने कहा कि, 'हमें खाना पकाने का समान दे दो, हम पका लेंगे, हमने उनको सामान लाकर दे दिया। फिर उनको कुछ न कुछ चाहिए ही होता है, कभी टमाटर, कभी प्याज, कभी हरी मिर्च। अब मैं रोज-रोज तो इनको सामान नहीं दे सकता।' अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ग्राम प्रधान कहते हैं कि, 'एक व्यक्ति जो बाहर से आया है, उसे स्कूल में रहने के लिए कहा गया तो उसने कहा कि, 'अगर हमें स्कूल में रहने के लिए कहा जाएगा तो मैं आत्महत्या कर लूँगा, फिर वो पहाड़ी अपने घर रहने के लिए चला गया।' 

इस गाँव में लोग रामनवमी के अवसर पर हर्षोंल्लास के साथ जुलूस निकालते हुए नज़र आए। इस जुलूस में करीब सैकड़ों लोग शामिल रहे। यह जुलूस ढ़ोल-बाजे के साथ निकाला गया। जहां एक तरफ प्रशासन ने लोगों से इकट्ठा होने के लिए मना किया है वही दूसरी तरफ यहाँ लोग जमकर जुलूस निकाल रहे हैं।

महोबा-4_0.jpg

इस मामले पर जब महोबा जिले के एसडीएम से बात की गई तो एसडीएम साहब ने पत्रकार से ही कहा कि, 'उनको जरा समझा दीजिए कि घूमें नहीं, आप पत्रकार हैं, ज़िम्मेदारी है।' जब पत्रकार ने एसडीएम से कहा कि, 'सर! प्रशासन ऐसे लोगों पर नज़र नहीं रख रहा है क्या? तो एसडीएम साहब कहते हैं कि, 'हर जगह तो पुलिस नहीं बैठ सकती ना। ये तो आपस में समझने की बात है कि एक दूसरे से दूरी बनाकर वहीं पर रहें।' 

जब पत्रकार एसडीएम से कहती हैं कि, 'इतने सारे लोग बाहर घूमेंगे तो ये परेशानी हो सकती है, तो एसडीएम गाँव का नाम वापस से पूछकर सवाल टालने की कोशिश करते हैं। जब उनसे गाँव में निकाले गए रामनवमी यात्रा के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि, 'लोग मान कहाँ रहे हैं, जिसका जो त्योहार है, चाहे हिन्दू हो या मुसलमान... वो तो सोच रहा है कि हमें भगवान-अल्लाह मियां बचाएगा।' 

जुलूस रोकने के बारे में पूछने पर एसडीएम महोबा कहते हैं कि, 'जुलूस के बारे में हमसे लोगों ने कोई परमिशन तो ली नहीं थी, हमसे परमिशन ली जाएगी तो हम मना कर देंगे।' आपसे परमिशन नहीं ले रहे हैं तो आप मना नहीं करेंगे के सवाल पर एसडीएम कहते हैं कि, 'जब आप बताएँगी तभी तो हम मना करेंगे कि हम कोई भगवान हैं जो चारो तरफ देख रहे हैं।' एसडीएम कहते हैं कि, 'हम इतना समझाते हैं लेकिन लोग मानते कहाँ हैं।' 

Coronavirus
COVID-19
Corona Crisis
UttarPradesh
Ramnavami
Quarantine
Quarantine Facilities
Social Distancing

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • समीना खान
    हिजाब बनाम परचम: मजाज़ साहब के नाम खुली चिट्ठी
    12 Apr 2022
    यहां मसला ये है कि आंचल, घूंघट, हिजाब, नक़ाब हो या बिकनी, हमेशा से पगड़ी के फ़ैसले इन सब पर भारी रहे हैं। इसलिए अब हमें आपके नज़रिए में ज़रा सा बदलाव चाहिए। जी! इस बार हमें आंचल भी चाहिए और आज़ादी भी…
  • ज़ाहिद खान
    सफ़दर भविष्य में भी प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे
    12 Apr 2022
    12 अप्रैल, सफ़दर हाशमी जयंती और ‘राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस’ पर विशेष।
  • jnu
    न्यूज़क्लिक टीम
    ‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र
    11 Apr 2022
    जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा के बाद विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र अपना विरोध जताने के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुँचे जहाँ उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया. छात्रों की बड़ी माँग थी कि पुलिस…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU में अब नॉन वेज को लेकर विवाद? ऐसे बनोगे विश्वगुरु ?
    11 Apr 2022
    न्यूज़चक्र के आज के एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा JNU में हुए ABVP द्वारा राम नवमी के दिन मांसाहारी खाना खाने पर छात्रों की पिटाई की खबर पर चर्चा कर रहे हैं और वह भारत में तेज़ी से बढ़ रहे…
  • मुकुंद झा
    जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए
    11 Apr 2022
    घटना के विरोध में दिल्ली भर के छात्र सड़क पर उतरे। छात्र, पुलिस मुख्यालय पर विरोध जताने के लिए एकत्रित हुए परन्तु पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को अस्थायी हिरासत में ले लिया और चाणक्यपुरी, संसद मार्ग…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License