NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा - मोदी सरकार नहीं मान रही कि देश में मंदी है
योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष बुधवार को मोंटेक सिंह अहलूवालिया की पुस्तक 'बैकस्टेज' के लोकार्पण के मौके पर डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार यह स्वीकार नहीं ही नहीं करती कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है। इससे स्थिति और खतरनाक हो जाती है। क्योंकि उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं लगता है और वे  ठीक से इसका उपाय भी नहीं भी नहीं खोजते हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Feb 2020
Manmohan Singh
Image courtesy: Twitter

प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष बुधवार को मोंटेक सिंह अहलूवालिया की पुस्तक 'बैकस्टेज' के लोकार्पण के मौके पर डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार यह स्वीकार नहीं ही नहीं करती कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है। इससे स्थिति और खतरनाक हो जाती है। क्योंकि उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं लगता है और वे  ठीक से इसका उपाय भी नहीं भी नहीं खोजते हैं।

मनमोहन के मुताबिक, ‘‘योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने अपनी किताब में यूपीए सरकार के अच्छे और खराब कामों के बारे में लिखा है। इन पर हमेशा चर्चा होती रहेगी। लेकिन मौजूदा सरकार तो मंदी को नहीं मानती है। यह अच्छा नहीं है। मोंटेक 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने के सरकार के दावे को सकारात्मक सोच बताते हैं। हालांकि यह बात समझ में नहीं आती कि तीन साल में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो जाएगी।’’

‘‘मोंटेक ने यह भी कहा था कि हमें 8% विकास दर के लिए काम करना होगा, लेकिन इसके लिए वित्तीय नीति के बारे में दोबारा से सोचना होगा। इसके लिए टैक्स सुधारों को भी सख्ती से लागू करने की दरकार होगी। मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव, पी चिदंबरम और मोंटेक का आभारी हूं, जिन्होंने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था में उदारवाद लाने में सहयोग किया।’’

कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के दौरान पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘‘पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को आईसीयू की जरूरत है। मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। मेरे हिसाब से ऐसा है- बीमार अर्थव्यस्था को व्हीलचेयर पर बैठाकर आईसीयू में ले जाया जा रहा है। आईसीयू के बाहर मरीज को रोका जाता है और अक्षम डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं।’’

‘‘हालात ये हैं कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, खपत में गिरावट है, लेकिन सरकार कह रही है कि सब ठीक है। इसका मतलब है कि हमें अर्थशास्त्र की किताबों को दोबारा से लिखना होगा। हर इंडिकेटर यही बता रहा है कि अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है। इस हालत में जीडीपी ग्रोथ 7-8% कैसे बढ़ सकती है? मेरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सलाह है कि वे इस्तीफा दे दें।’’

मनमोहन सिंह ने कहा कि यह पुस्तक देश के विकास के लिए बहुत मददगार होगी. सिंह ने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में उन्हें समर्थन देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और मोंटेक सिंह अहलूवालिया द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की और वह विभिन्न तबकों के प्रतिरोध के बावजूद सुधारों को पूरा करने में सफल हो सके।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

MANMOHAN SINGH
Narendra modi
BJP
modi sarkar
Economic Recession
Nirmala Sitharaman
GDP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License