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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा - मोदी सरकार नहीं मान रही कि देश में मंदी है
योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष बुधवार को मोंटेक सिंह अहलूवालिया की पुस्तक 'बैकस्टेज' के लोकार्पण के मौके पर डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार यह स्वीकार नहीं ही नहीं करती कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है। इससे स्थिति और खतरनाक हो जाती है। क्योंकि उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं लगता है और वे  ठीक से इसका उपाय भी नहीं भी नहीं खोजते हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
20 Feb 2020
Manmohan Singh
Image courtesy: Twitter

प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर से मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष बुधवार को मोंटेक सिंह अहलूवालिया की पुस्तक 'बैकस्टेज' के लोकार्पण के मौके पर डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार यह स्वीकार नहीं ही नहीं करती कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है। इससे स्थिति और खतरनाक हो जाती है। क्योंकि उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं लगता है और वे  ठीक से इसका उपाय भी नहीं भी नहीं खोजते हैं।

मनमोहन के मुताबिक, ‘‘योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने अपनी किताब में यूपीए सरकार के अच्छे और खराब कामों के बारे में लिखा है। इन पर हमेशा चर्चा होती रहेगी। लेकिन मौजूदा सरकार तो मंदी को नहीं मानती है। यह अच्छा नहीं है। मोंटेक 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने के सरकार के दावे को सकारात्मक सोच बताते हैं। हालांकि यह बात समझ में नहीं आती कि तीन साल में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो जाएगी।’’

‘‘मोंटेक ने यह भी कहा था कि हमें 8% विकास दर के लिए काम करना होगा, लेकिन इसके लिए वित्तीय नीति के बारे में दोबारा से सोचना होगा। इसके लिए टैक्स सुधारों को भी सख्ती से लागू करने की दरकार होगी। मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव, पी चिदंबरम और मोंटेक का आभारी हूं, जिन्होंने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था में उदारवाद लाने में सहयोग किया।’’

कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के दौरान पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘‘पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को आईसीयू की जरूरत है। मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। मेरे हिसाब से ऐसा है- बीमार अर्थव्यस्था को व्हीलचेयर पर बैठाकर आईसीयू में ले जाया जा रहा है। आईसीयू के बाहर मरीज को रोका जाता है और अक्षम डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं।’’

‘‘हालात ये हैं कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, खपत में गिरावट है, लेकिन सरकार कह रही है कि सब ठीक है। इसका मतलब है कि हमें अर्थशास्त्र की किताबों को दोबारा से लिखना होगा। हर इंडिकेटर यही बता रहा है कि अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है। इस हालत में जीडीपी ग्रोथ 7-8% कैसे बढ़ सकती है? मेरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सलाह है कि वे इस्तीफा दे दें।’’

मनमोहन सिंह ने कहा कि यह पुस्तक देश के विकास के लिए बहुत मददगार होगी. सिंह ने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में उन्हें समर्थन देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और मोंटेक सिंह अहलूवालिया द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की और वह विभिन्न तबकों के प्रतिरोध के बावजूद सुधारों को पूरा करने में सफल हो सके।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

MANMOHAN SINGH
Narendra modi
BJP
modi sarkar
Economic Recession
Nirmala Sitharaman
GDP

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