NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने ‘किसान संसद’ पहुंचकर जताया समर्थन
विपक्षी नेता एक बस में सवार होकर जंतर-मंतर पहुंचे जहां किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक ‘किसान संसद’ चला रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
06 Aug 2021
राहुल समेत कई विपक्षी नेताओं ने ‘किसान संसद’ पहुंचकर जताया समर्थन

नयी दिल्ली: पेगासस के अलावा किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर अपना दबाव बढ़ा दिया है। आज शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने दोपहर में यहां जंतर-मंतर पहुंच कर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता प्रकट की तथा इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की।

विपक्ष के इस कमद और एकजुटता से सरकार में काफ़ी बौखलाहट है और कृषि मंत्री तोमर ने इसे ‘मीडिया इवेंट’ करार दिया।

किसान संगठनों द्वारा आयोजित ‘किसान संसद’ में भाग लेने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने किसानों के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है और तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त करने पर जोर दिया है।

राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेता एक बस में सवार होकर जंतर-मंतर पहुंचे जहां किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक ‘किसान संसद’ का आयोजन किए हुए हैं। किसान संगठनों की मांग तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है।

किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचने वाले नेताओं में राहुल गांधी, राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, द्रमुक नेता तिरुची शिवा, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, भाकपा के विनय विश्वम,  माकपा के ई. करीम, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन और अन्य विपक्षी नेता शामिल थे।

राहुल गांधी के साथ तृणमूल कांग्रेस का कोई सदस्य जंतर-मंतर नहीं पहुंचा, जबकि पिछले दिनों कांग्रेस नेता के बुलाने पर तृणमूल कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी और सौगत रॉय नाश्ते पर पहुंचे थे।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से बताया गया कि उनके नेता पहले ही जंतर-मंतर पहुंचकर किसानों से मुलाकात कर चुके हैं और इसी कारण आज वे नहीं पहुंचे।

दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा कि अगर खड़गे की अगुवाई में विपक्षी नेता जंतर-मंतर जाते तो उनकी पार्टी पहुंचती, लेकिन वो राहुल गांधी की अगुवाई में वहां नहीं जा सकती।

राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता जंतर-मंतर पहुंचकर कुछ देर तक किसानों के बीच बैठे और किसान नेताओं का भाषण सुना।

‘किसान संसद’ में शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्ष की पार्टियां यहां हिंदुस्तान के किसानों का समर्थन करने के लिए आई थीं। ये तीन कानून खत्म होने चाहिए। हम अपने पूरा समर्थन दिया है।’’

उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार सदन में विपक्ष को नहीं सुनना चाह रही और पेगासस के मामले पर चर्चा नहीं करा रही है।

उधर, विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए तोमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रतिपक्ष का जंतर-मंतर जाना सिर्फ मीडिया इवेंट है। अगर उनके मन में किसानों के लिए जरा सा स्थान होता, ईमानदारी होती तो वह उनके विषय को सदन में उठाते और अगर समाधान नहीं निकलता तो संघर्ष करते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है और विपक्ष चर्चा से भाग रहा है, तो यह पूरा देश देख रहा है। अगर आप (मीडिया) ये दिखाना बंद करे तो यह बंद हो जाएगा।’’

इससे पहले, खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर विपक्षी सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि वे किसानों का समर्थन करने के लिए ‘जंतर-मंतर’ पहुंचेंगे।

सूत्रों के अनुसार, विपक्षी नेताओं की बैठक में यह भी तय किया गया कि पेगासस जासूसी मामला और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को आगे भी घेरा जाएगा।

पेगासस, कृषि कानूनों और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होती रही है।

kisan sansad
farmers protest
Farm Laws
opposition parties
Rahul Gandhi
protest on jantar mantar

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

दिल्ली: एसएससी जीडी भर्ती 2018 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

कृषि क़ानूनों के निरस्त हो जाने के बाद किसानों को क्या रास्ता अख़्तियार करना चाहिए


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License