NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी सैनिकों की वापसी की मांग को लेकर इराक में भारी विरोध प्रदर्शन
अमेरिका के ख़िलाफ़ 24 जनवरी यानी शुक्रवार को लाखों लोगों ने मार्च किया। इसके बाद देश में सभी विदेशी दख़ल को समाप्त करने की मांग करते हुए रविवार को छात्रों ने रैली निकाली।
पीपल्स डिस्पैच
27 Jan 2020
iraq_rotests Credit Anadolu Agency

इराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी के ख़िलाफ़ लोगों का गुस्सा सड़कों पर दिखाई देने लगा है। देश में हर तरह के विदेशी दख़ल को समाप्त करने की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी के हज़ारों छात्रों ने 26 जनवरी यानी रविवार को बगदाद में विरोध प्रदर्शन किया। इराक से अमेरिकी सेनाओं को बाहर करने की मांग को लेकर शुक्रवार को लाखों लोगों द्वारा किए गए रैली के बाद रविवार को प्रदर्शन हुआ।

इन प्रदर्शनकारियों ने बगदाद में "नहीं, नहीं अमेरिका" और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के युद्ध प्रयासों की निंदा करते हुए रैली निकाला।

हालांकि रविवार को किया गया विरोध प्रदर्शन देश में सभी विदेशी दख़ल के ख़िलाफ़ था वहीं शुक्रवार की रैली में स्पष्ट रूप से अमेरिकी विरोध देखा जा सकता है। इस रैली का आह्वान इराकी संसद में सबसे बड़े ब्लॉक के नेता मुक़्तदा अल-सदर द्वारा किया गया था और दूसरे सबसे बड़े ब्लॉक के नेता हादी अल-अमेरी द्वारा इसे समर्थन किया गया था। 3 जनवरी को बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी और इराकी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस की हत्या के बाद इस रैली का आह्वान किया गया था।

इस हत्या के बाद इराकी संसद ने देश से सभी विदेशी सैनिकों को निकालने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।

एक बयान में मुकाता अल-सदर ने इराक में अमेरिकी सैनिकों के सभी ठिकानों को बंद करने की मांग की थी। उन्होंने इराकी हवाई क्षेत्र तक पहुंच से दूर करने के साथ ही अमेरिका के साथ सुरक्षा व्यवस्था को रद्द करने की भी मांग की।

सदर ने रविवार को दूसरे मार्च का आह्वान किया था। हालांकि, अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, "आंतरिक संघर्ष से बचने के लिए इसे आख़िरी वक़्त में वापस ले लिया गया।" सदर ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों से अपनी पार्टी की वापसी की भी घोषणा की।

इराकियों ने पिछले साल अक्टूबर से देश की राजनीतिक प्रणाली में व्यवस्थागत सुधारों के लिए विरोध किया है। रविवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों द्वारा गोलीबारी किए जाने पर एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

एक अन्य मामले में सोमवार सुबह तड़के बगदाद में उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास से तीन रॉकेट टकराया। इस महीने में यह तीसरा ऐसा हमला था।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Iraq
US occupation of Iraq
Iraq_rotests Credit Anadolu Agency
Iraq Protest
US-Iraq
America
Donand Trump

Related Stories

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

बढ़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ इराक़ में विरोध प्रदर्शन, प्रमुख तेल रिफ़ाइनरी बंद

अमेरिकी नागरिक समाज समूह ने "प्रोटेक्ट द रिज़ल्ट" के लिए देशव्यापी प्रदर्शन की योजना बनाई

इराक़ः विरोध की सालगिरह के मौक़े पर हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे

अमेरिका में पुलिस द्वारा एक किशोर की हत्या के बाद ताज़ा विरोध प्रदर्शन

अमेरिका में नस्लवाद-विरोध तेज़ होने के साथ प्रदर्शनकारियों पर हिंसा बढ़ी

नस्लवादियों के खिलाफ उठ खड़े होइए : स्कॉटलैंड यार्ड के भारतीय मूल के आतंक रोधी प्रमुख ने कहा

अमेरिकी बहुत ही चालाक हैं, हमें ट्विटर पर आंदोलन करना सिखा दिया और खुद सड़क पर निकले हैं

अमेरिका को जो चिंगारी जला रही है उसका बारूद सदियों से तैयार होते आ रहा है

Black Lives Matter और अन्य अधिकार  संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर हमले के लिए ट्रंप पर मुक़दमा दायर किया


बाकी खबरें

  • Uttarakhand
    न्यूज़क्लिक टीम
    "रोज़गार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के अभाव में पहाड़ से पलायन जारी"
    13 Feb 2022
    उत्तराखंड राज्य बने अब 22 साल हो गए हैं, जब यह राज्य बना था तब लोगों ने उम्मीद की थी कि इससे पहाड़ आबाद होंगे। परन्तु आज पहाड़ आबाद नहीं वीरान हो रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने खुद अपनी कई रिपोर्ट्स में…
  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    आखिर क्यों है भाजपा के संकल्प पत्र में 'लव जिहाद' पर इतना जोर ?
    13 Feb 2022
    हाल ही में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनावों के लिए भाजपा ने संकल्प पत्र जारी किया जिसमे लव जिहाद पर ज़्यादा जोर दिया गया है। आखिर क्यों है भाजपा के संकल्प पत्र में 'लव जिहाद' पर इतना जोर ? जानने की…
  • ch
    मुकुंद झा, अविनाश सौरव
    उत्तराखंड चुनाव : डबल इंजन सरकार में भी ऐसा गांव जो दवा-पानी और आटे तक के लिए नेपाल पर निर्भर
    13 Feb 2022
    एक गांव है थपलियालखेड़ा जो चम्पावत ज़िले के नेपाल-भारत सीमा पर स्थित है। ये गांव तीन तरफ से नेपाल सीमा से घिरा हुआ है और एक तरफ भारत का टनकपुर डैम है। इस गांव के लोग ज़रूरी सुविधाओं के लिए पूरी तरह से…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    फ़ैज़: हम ने इस इश्क़ में क्या खोया है क्या सीखा है... आजिज़ी सीखी ग़रीबों की हिमायत सीखी
    13 Feb 2022
    ‘इतवार की कविता’ में आज फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की 111वीं सालगिरह और प्यार के दिन वैलेंटाइन्स डे की पूर्व बेला पर पढ़ते हैं फ़ैज़ की यह नज़्म जिसमें वह बात कर रहे हैं अपने रक़ीब से...
  • voting
    रवि शंकर दुबे
    यूपी का रण, दूसरा चरण: मुस्लिम बाहुल्य इस क्षेत्र में किसका जनाधार?
    13 Feb 2022
    उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में 9 ज़िलों की 55 सीटों पर सोमवार, 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। इन सभी सीटों पर मुस्लिम वोटरों की आबादी अच्छी-ख़ासी है, ऐसे में देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी कैसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License