NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मिड-डे-मील में लापरवाहीः बिहार के बाद राजस्थान में खाने के बाद 22 बच्चे बीमार
मिड-डे-मील योजना में लापरवाही से बच्चों के बीमार पड़ने की ख़बरें अक्सर आती रही हैं। ताज़ा मामला राजस्थान का है जहां इस भोजन के करने के बाद 22 बच्चों के बीमार होने की बात सामने आई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Apr 2022
mid day meal
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

स्कूलों में चल रहे मिड-डे-मील योजना को लेकर लापरवाही, खाने में गुणवत्ता की कमी, घटिया राशन, एमडीएम खाने के बाद बच्चों के बीमार पड़ने, खाने में छिपकली के पाए जाने समेत अन्य मामले उजागर होते रहे हैं। ताजा मामला राजस्थान का है जहां मिड डे मील खाने से बच्चों के बीमार पड़ने की खबर सामने आई है।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के दौसा जिले के नांगल थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार को एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत परोसी गई खिचड़ी खाने से 22 बच्चे बीमार हो गए। इन बच्चों को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। नांगल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डॉ. रामजी लाल मीणा ने एनबीटी को बताया कि स्कूल के करीब 70 बच्चों ने मध्यान्ह भोजन योजना के तहत दी गई खिचड़ी खाई थी। उन्होंने बताया कि खिचड़ी खाने के बाद 22 बच्चों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करवाया गया। डॉ.मीणा ने बताया कि उपचार के बाद सभी बच्चों को घर भेज दिया गया। डॉक्टर ने आगे कहा कि स्कूल के पानी और खिचड़ी के नमूने को जांच के लिए भेजा गया है।

उधर एक सप्ताह पहले ही बिहार के दरभंगा जिले से मिड डे मील का खाना खाने से 6 बच्चों के बीमार पड़ने का मामला सामने आया था। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक मिड डे मील खाने से 6 बच्‍चे बीमार हो गए और उन्‍हें उल्‍टी आने के साथ ही पेट में दर्द और चक्‍कर आने की शिकायत आने लगी थी। पहले इन बच्‍चों को सथानीय अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति बिगड़ता देख आनन-फानन में 3 बीमार बच्‍चों को दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्‍पतालके शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। मिड डे मील के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्‍ता को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन के साथ ही शिक्षा विभाग की भी बड़ी लापरवाही देखने को मिली।

ज्ञात हो कि बिहार के मुख्य सचिव अमीर सुबाहनीकी अध्यक्षता में इस घटना से ठीक एक दिन पहले यानी 28 मार्च को मध्‍याह्न भोजन योजना को सभी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्वक तरीके से संचालित करने को लेकर ऑनलाइन बैठक की थी। मुख्‍य सचिव ने इस दौरान जिला प्रशासन को मिड डे मील के तहत दिए जाने वाले भोजन का स्वाद और गुणवत्ता की जांच स्थानीय स्तर पर कराने के भी निर्देश दिए थे। बैठक में शामिल सभी जिलाधिकारी को क्षेत्र भ्रमण के दौरान मध्‍याह्न भोजन करने एवं उसकी गुणवत्ता की जांच करने के लिए भी कहा गया था। इसके बावजूद दरभंगा जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और बैठक के एक दिन बाद ही मिड डे मील खाने से बच्‍चों के बीमार पड़ने की घटना सामने आ गई।

एक सप्ताह पहले ही बिहार के मधेपुरा जिले में मिड डे मील खाने से 24 से अधिक बच्चे बीमार पड़ गए थे। एबीपी न्यूज के अनुसार घटना मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के काशीपुर स्थित सोनी मध्य विद्यालय की थी। सभी बीमार बच्चों को आनन-फानन सामुदायिक अस्पताल, मुरलीगंज में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज किया गया।

बच्चों को जब खाना परोसा गया था तो कई बच्चों ने खाने से बदबू आने की बात कह कर खाना खाने से मना कर दिया था। ऐसे में विद्यालय में मौजूद शिक्षकों ने जब भोजन को चखा तो बच्चों की शिकायत को सही पाया, जिसके बाद भोजन परोसने से मना किया गया लेकिन तब तक कुछ बच्चे भोजन कर चुके थे। बाद में इन्हीं बच्चों ने पेट में दर्द की शिकायत की। ऐसे में आनन फानन में सभी को अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था।

बिहार के सुपौल में पिछले महीने स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले मिड डे मील में कीड़ा मिलने का मामला सामने आया था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना सदर सुपौल प्रखंड के मध्य विद्यालय भेलाही में हुई जहां जिले के नवोदय विद्यालय के पास बने कम्युनिटी किचन के जरिए खाना मुहैया कराया जाता था। मैन्यू के अनुसार बच्चों को खिचड़ी बना कर दिया गया था। जिसमें बच्चों को खाते वक्त कीड़ा मिल गया। उसके बाद 289 बच्चों ने खाना खाने से इंकार कर दिया और स्कूल के प्राचार्य को इस बात की शिकायत की जिसके बाद वहां बीआरपी एमडीएम ने खाने में कीड़ा मिलने की बात को स्वीकार किया लेकिन इसे आम बात बताया।

उनका कहना था कि खिचड़ी बनाने में गोबी की सब्जी का इस्तेमाल किया गया जिसकी वजह से बड़े कीड़े बच्चों को नजर आ गए। हालांकि कुछ बच्चों का कहना है इससे पहले भी एमडीएम का खाना खाने से उनके पेट में दर्द हुआ जिसकी वजह से उन लोगों ने कई महीनों से स्कूल मिड डे मील का खाना नहीं खाते थे।

ज्ञात हो कि पिछले महीने के अंत में दरभंगा के बाद बिहार के छपरा में मिड डे मील में मरी हुई छिपकली मिलने की घटना सामने आई थी। अभिभावकों ने इसको लेकर जमकर विरोध किया था। स्‍कूल में एक एनजीओ की ओर से म‍िड डे मील मुहैया कराया जाता है। इस घटना के बाद स्‍कूली छात्रों के अभिभावक एनजीओ से खाना मंगवाने को लेकर विरोध किया। ग्रामीण एनजीओ से खाना मंगवाने के बजाय पुरानी व्‍यवस्‍था को बहाल करने की मांग की थी। रिपोर्ट के अनुसार छपरा सदर ब्लॉक के तेलपा स्थित एक सरकारी विद्यालय में एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराए गए भोजन में छिपकली मिलने का मामला सामने आया था।

वहीं बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में हापुड़ के गांव डहाना स्थित प्राथमिक विद्यालय नंबर एक में मिड-डे मील में खराब गुणवत्ता का राशन प्रयोग करने को लेकर ग्रामीणों ने पिछले महीने विरोध किया था। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीणों ने राशन में कीड़े होने का भी दावा किया था। भाकियू के धौलाना तहसील अध्यक्ष ने इस मामले में डीएम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। छात्रों की शिकायत पर ग्रामीणों ने स्कूल जाकर मिड-डे मील के राशन की जांच की। ग्रामीणों का कहना था कि गेहूं और चावल सात से आठ महीना पुराना था। यह अनाज काला पड़ गया था, जिसमें कीड़े भी लग रहे थे। इस पर ग्रामीणों ने विरोध किया था। 

Rajasthan
mid day meal
Mid Day Meal Scheme
Bihar

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License