NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
प्रॉक्सिमा सेंटॉरी की परिक्रमा करने वाले नए ग्रह में पानी मिलने की संभावना 
वैज्ञानिकों के मुतबिक प्रॉक्सिमा सेंटॉरी डी नाम का नया ग्रह संभवतः पृथ्वी से छोटा है।
संदीपन तालुकदार
16 Feb 2022
New Planet
चित्र स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स।

प्रॉक्सिमा सेंटॉरी, एक छोटा, कम दृव्यमान वाला तारा है, जो सूर्य से करीब 4.2 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है, लेकिन दशकों से जारी शोध के बावजूद काफी हद तक मायावी बना हुआ है। अब एक नई खोज में दावा किया गया है कि एक उम्मीदवार ग्रह को प्रॉक्सिमा सेंटॉरी की परिक्रमा करते देखा गया है, जिससे तारे के प्रति जिज्ञासा बढ़ गई है। खगोलविदों ने इसे प्रॉक्सिमा सेंटॉरी डी नाम दिया है, जो सूर्य से सबसे नजदीकी तारे का तीसरा ग्रह होगा। 

इस खोज ने इस भरोसे को पुष्ट किया है कि प्रॉक्सिमा सेंटॉरी के पास स्वंय की अपनी एक समृद्ध ग्रह प्रणाली मौजूद है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों के विचार में नया ग्रह संभवतः पृथ्वी से आकार में छोटा है और इसमें पानी की मौजूदगी भी संभव है। इससे पहले, अभी तक प्रॉक्सिमा सेंटॉरी बी और प्रॉक्सिमा सेंटॉरी सी इस तारे के पुख्ता तौर पर ग्रह थे।

लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री गुइल्लेम एंग्लाडा-एस्कुडे और उनकी टीम ने 2016 में प्रॉक्सिमा सेंटॉरी का चक्कर लगाने वाले सबसे पहले ग्रह की खोज की थी। नवीनतम खोज पर टिप्पणी करते हुए, गुइल्लेम का कहना था, “इससे पता चलता है कि निकटस्थ तारे के पास शायद एक बेहद समृद्ध ग्रहों का सिस्टम मौजूद है।” प्रॉक्सिमा सेंटॉरी डी की खोज एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुई है।

परंपरागत तौर पर, खगोलविद किसी भी नए ग्रह या तारे को सूची में शामिल करने के बारे में आधिकारिक निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले स्वतंत्र पुष्टि की प्रतीक्षा करते हैं। बहरहाल, पुर्तगाल के पोर्टो विश्वविद्यालय में खगोल भौतिकी एवं अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान के मुख्य विज्ञानी जोअओ फारिया के अनुसार, खोज का नेतृत्व करने वाले दल को अपने निष्कर्षों पर काफी भरोसा है।

फारिया के दल ने बेहद विशाल दूरबीन से, जो कि वास्तव में 8.2 मीटर की चार दूरबीनों का एक सिस्टम है, जिसे एस्चेल स्पेक्ट्रोग्राफ फॉर रॉकी एक्सोप्लैनेट्स एंड स्टेबल स्पेक्ट्रोस्कोपिक ऑब्जरवेशन (एस्प्रेसो- ईएसपीआरएसएसओ) कहा जाता है, जैसे आधुनिकतम उपकरण का इस्तेमाल किया है। यह दूरबीन प्रणाली चिली के सेर्रो में यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला में स्थित है। 

एस्प्रेसो तारे से निकलने वाले प्रकाश के विस्तार में होने वाले बेहद सूक्ष्म परिवर्तनों तक को माप सकता है, जो कक्षा का चक्कर लगाने के दौरान तारे से लगाये जाने वाले गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण उत्पन्न होता है। नेचर पत्रिका के मुताबिक, यह तकनीक धरती से निकलने वाली रोशनी के साथ-साथ तारे की गति में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाता है। एस्प्रेसो 10 सेंटीमीटर प्रति सेकंड के रूप में अति सूक्ष्म बदलावों तक का पता लगाने में सक्षम है। फारिया ने बताया कि कैसे दल ने इस तकनीक को इस्तेमाल में लाया: “ग्रह की कक्षा का चक्कर लगाने का कुल प्रभाव, जिसमें मात्र पांच दिन लगते हैं, लगभग 40 सेंटीमीटर प्रति सेकंड है। मुझे पता था कि एस्प्रेसो इस काम को कर सकता है लेकिन इसे दिखाते हुए देखने के बावजूद अचंभित था।”  

प्रॉक्सिमा सेंटॉरी के स्पेक्ट्रम के 100 से अधिक पड़ताल के साथ दल ने करीब दो वर्षों तक अपनी खोजबीन जारी रखी। वेधशाला में विशेष तौर पर डिजाइन किये गये एक कमरे में निरंतर दबाव और तापमान को बनाए रखने के लिए एस्प्रेसो को एक टैंक के भीतर रखा गया था। दल ने इस व्यवस्था का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया था जिससे कि अवलोकन एवं माप को सटीक बनाए रखने के साथ-साथ इसे वर्षों तक दोहराया जा सके।

फारिया ने कहा, “एस्प्रेसो वर्णक्रमीय रेखाओं की तरंगित लंबाई को 10-5 ऐंग्स्ट्रॉम, या परमाणु के व्यास के दस-हजारवें हिस्से को सटीक तौर पर माप करने में सक्षम है।” यह दिखाता है कि किस सटीकता के साथ यह सिस्टम काम कर सकता है। 

एस्प्रेसो को मुख्यतया सौर मंडल से बाहर के ग्रहों के साथ-साथ बेहद चमकदार और कैसर के नाम से जानी जाने वाली दूरस्थ वस्तुओं का अध्ययन करने के लिए विकसित किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, नवीनतम खोज इस बात को प्रदर्शित करती है कि यह उपकरण जैसा प्रचारित किया गया था, वास्तव में उसी के अनुरूप काम करता है।  

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

New Planet Orbiting Proxima Centauri Could Contain Water

Proxima Centauri
Proxima Centauri d
Proxima Centauri b
Proxima Centauri c
ESPRESSO
New Planet of Proxima Centauri
Sun’s Nearest Star

Related Stories


बाकी खबरें

  • food
    रश्मि सहगल
    अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?
    18 May 2022
    कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का कहना है कि आज पहले की तरह ही कमोडिटी ट्रेडिंग, बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी और व्यापार की अनुचित शर्तें ही खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों के पीछे की वजह हैं।
  • hardik patel
    भाषा
    हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया
    18 May 2022
    उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर साझा कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
  • perarivalan
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया
    18 May 2022
    उम्रकैद की सज़ा काट रहे पेरारिवलन, पिछले 31 सालों से जेल में बंद हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद उनको कभी भी रिहा किया जा सकता है। 
  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि
    18 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 17 फ़ीसदी मामलों की बढ़ोतरी हुई है | स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटो में कोरोना के 1,829 नए मामले सामने आए हैं|
  • RATION CARD
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी
    18 May 2022
    लखनऊ: ऐसा माना जाता है कि हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के पीछे मुफ्त राशन वित
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License