NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
ओडिशा में जिंदल इस्पात संयंत्र के ख़िलाफ़ संघर्ष में उतरे लोग
पिछले दो महीनों से, ओडिशा के ढिंकिया गांव के लोग 4000 एकड़ जमीन जिंदल स्टील वर्क्स की एक स्टील परियोजना को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह परियोजना यहां के 40,000 ग्रामवासियों की आजीविका छीन लेगी और क्षेत्र में पर्यावरण को प्रदूषित कर देगी। 
पीपल्स डिस्पैच
29 Jan 2022
Villagers in Odisha
ओडिशा में परियोजना का विरोध करते ग्रामवासी। (फोटोः लैंड कन्फिलिक्ट वॉच) 

पूर्वोत्तर भारत के ओडिशा प्रदेश में सैकड़ों-हजारों ग्रामवासी भारतीय इस्पात और ऊर्जा कंपनी जिंदल स्टील वर्क्स द्वारा एक एकीकृत इस्पात संयंत्र के लिए 4,000 एकड़ नियोजित भूमि का अधिग्रहण किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इन समुदायों का दावा है कि यहां प्रस्तावित संयंत्र सीधे-सीधे आसपास के 40,000 लोगों की आजीविका को चौपट कर देगा और ढिंकिया, नुआगांव और गडकुजंग में रहने वाले तीन स्वदेशी आदिवासी समुदायों के लिए पारिस्थितिक जोखिम पैदा करेगा।

14 जनवरी को जगतसिंह पुर जिले की इरासामा तहसील स्थित ढिंकिया गांव में औद्योगिक गतिविधियों के विरोध में सैकड़ों ग्रामवासियों ने प्रदर्शन किया। घटना की रिपोर्टों के अनुसार, विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए 500 सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया था। इन जवानों ने ग्रामवासियों पर लाठियां भांजी जिसमें दर्जनों लोग हताहत हो गए। इस पुलिस कार्रवाई के बाद से गांव के कई नेता छिप गए हैं। कई अन्य नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक कार्यकर्ता देवेंद्र स्वैन भी शामिल हैं।

जिंदल प्रतिरोध भीमती सुरक्षा समिति के प्रवक्ता प्रशांत पैकरे ने पीपुल्स डिस्पैच से बातचीत में बताया “ग्रामवासियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के जरिए दमन किए जाने के बावजूद स्वदेशी समुदाय प्रतिरोध का अपना दम-खम जारी रखे हुए हैं और वे आगे भी अपनी लड़ाई जारी रखने और विकास के बहाने निगम को यहां की भूमि का अधिग्रहण करने से रोकने पर पूरी तरह दृढ़ हैं”

उन्होंने कहा, "पिछले महीनों से इस क्षेत्र में सुरक्षाबलों के कम से कम तीन शिविर लगाए गए हैं, जो आंदोलन को दबाने के लिए हैं।"

गांव के कई लोगों ने शिकायत की है कि पुलिस ने धमकियां दी हैं और वह उनका उत्पीड़न कर रही है। पुलिस इन लोगों पर दबाव बनाने की गरज से पान की उनकी फसल को नष्ट कर रही है। पुलिस अधिकारी मानते हैं कि भूमि अधिग्रहण के कार्य को सुचारु रूप से सुनिश्चित करने और ग्रामीणों के किसी भी आंदोलन को रोकने के लिए प्रस्तावित इस्पात संयंत्र स्थल पर पुलिस की "कम से कम" 12 प्लाटून तैनात की गई है।

ढिंकिया गांव के लोगों ने क्षेत्र में निगमों के हस्तक्षेप का लगातार विरोध किया है। इससे पहले, ओडिशा में ही 2017 में ग्रामवासियों ने दक्षिण कोरियाई स्टील प्रमुख पोस्को (POSCO ) के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में आंदोलन छेड़ दिया था और इस अधिग्रहण को रोकने में सफल रहा था। अल्टरनेटिव लॉ फोरम की एक जांच में पाया गया कि POSCO परियोजना से पीड़ित होने वाले गांवों के 1,500 निवासियों को 2006 से लेकर 2012 के बीच 230 ‘फर्जी’ मामलों में फंसाया गया था।

फोरम की रिपोर्ट में कहा गया है कि "लोगों के खिलाफ झूठे आपराधिक मामले दर्ज करना एक सुनियोजित कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य उन्हें थका देना और प्रस्तावित स्टील प्लांट POSCO के खिलाफ संघर्ष को दबाना था।"

नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट्स (एनएपीएम) सहित नागरिक समाज संगठनों ने ताजा परियोजना के खिलाफ आंदोलनरत लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की व्यापक निंदा की है। इन संगठनों ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार से जिंदल स्टील वर्क्स को भूमि आवंटन किए जाने से पारिस्थितिक दुष्प्रभाव और पान की खेती के लिए वन भूमि पर निर्भर लोगों की आजीविका के नुकसान को देखते हुए मामले पर पुनर्विचार की अपील की है। इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पान के पते पर अत्यधिक निर्भर है। यहां से पान देश के प्रमुख शहरों में बेचा जाता है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

Debandra Swain
Dhinkia
Ecological Damage
human rights violations
Jindal Pratirodh Bheetamati Suraksha Samiti
Jindal Steel Works
Mass Arrests
National Alliance of Peoples’ Movements

Related Stories

जब जम्मू-कश्मीर में आर्द्रभूमि भूमि बन गई बंजर

त्रासदी: उत्तराखंड के पहाड़ों से खिलवाड़!

चमोली आपदा : इकोलोजी, सुरक्षा को ध्यान में रख विकास परियोजनाओं की समीक्षा करने की ज़रूरत  

अधिकारों का उल्लंघन और मुआवज़ा: अंतरराष्ट्रीय पैमानों को लागू करने में असफल भारत

बाग़ाजान तेल क्षेत्र आग: उत्तर पूर्व में पारिस्थितिक आपदा का पूर्वाभास  


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License