NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
एक सप्ताह में 10 लाख लोगों ने किया यूक्रेन से पलायन: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार 2020 के अंत में यूक्रेन की आबादी चार करोड़, 40 लाख थी।
एपी
03 Mar 2022
migrants

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बृहस्पतिवार को बताया कि रूस के हमला करने के बाद से 10 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर चले गए हैं। इस सदी में पहले कभी इतनी तेज गति से पलायन नहीं हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार 2020 के अंत में यूक्रेन की आबादी चार करोड़, 40 लाख थी।

एजेंसी का अनुमान है कि यूक्रेन से अंतत: 40 लाख लोग पलायन कर सकते हैं और यह संख्या अनुमान से भी अधिक हो सकती है।

यूएनएचसीआर की प्रवक्ता जोंग-आह घेदिनी-विलियम्स ने एक ईमेल में लिखा कि राष्ट्रीय अधिकारियों की गणना के अनुसार ‘‘हमारे आंकड़े बताते हैं कि मध्य यूरोप में हमने आधी रात में 10 लाख की संख्या पार कर ली।’’

संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त फिलिप्पो ग्रांडी ने ट्वीट किया, ‘‘हमने मात्र सात दिन में यूक्रेन से पड़ोसी देशों में 10 लाख लोगों का पलायन देखा है।’’

In just seven days we have witnessed the exodus of one million refugees from Ukraine to neighbouring countries.

For many millions more, inside Ukraine, it’s time for guns to fall silent, so that life-saving humanitarian assistance can be provided.

— Filippo Grandi (@FilippoGrandi) March 2, 2022

यूक्रेन छोड़कर जाने वाले इन लोगों में समाज के अधिकतर कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं, जो पलायन को लेकर स्वयं फैसला करने में सक्षम नहीं हैं और उनकी यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए उन्हें सहायता की आवश्यकता है।

हंगरी के शहर जाहोनी में बुधवार को 200 से अधिक दिव्यांग यूक्रेनी पहुंचे, जो यूक्रेन की राजधानी कीव में दो आश्रय गृहों में रहते थे।

शरणार्थियों में कई बच्चे शामिल हैं। इनमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जो मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हैं और जिन्हें रूसी हमले के कारण आश्रय केंद्रों को छोड़कर देश से बाहर जाना पड़ा।

कीव में स्वयातोशिंकसी अनाथालय की निदेशक लारिसा लियोनिदोवना ने कहा, ‘‘वहां रहना सुरक्षित नहीं था। रॉकेट गिर रहे थे। वे कीव पर हमला कर रहे थे। हमने बमबारी के दौरान कई घंटे से अधिक समय भूमिगत स्थल में बिताया।’’

शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन से आधे से अधिक शरणार्थी यानी लगभग 5,05,000 लोग पोलैंड गए हैं, 1,16,300 से अधिक लोगों ने हंगरी में प्रवेश किया है और 79,300 से अधिक लोगों ने मोल्दोवा में प्रवेश किया है। इनके अलावा 71,000 लोग स्लोवाकिया गए हैं और करीब 69,600 लोग अन्य यूरोपीय देशों में चले गए हैं।

 

ukraine
migrants
Russia-Ukraine crisis
UN Refugee Agency
Filippo Grandi

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

गुटनिरपेक्षता आर्थिक रूप से कम विकसित देशों की एक फ़ौरी ज़रूरत

यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License