NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ट्यूनीशिया के संविधान में संशोधन करने की राष्ट्रपति की योजना का विरोध
राष्ट्रपति क़ैस सैयद ने पिछले हफ़्ते प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने और संसद को निलंबित करने के महीनों बाद 2014 के संविधान में बदलाव लाने के अपने इरादे को ज़ाहिर किया था।
पीपल्स डिस्पैच
14 Sep 2021
Kais Saied

कई प्रमुख ट्यूनीशियाई राजनीतिक और नागरिक समाज के लोगों और राजनीतिक दलों ने देश के 2014 के संविधान में संशोधन करने की राष्ट्रपति कैस सैयद की योजनाओं की कड़ी निंदा की है और इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

ट्यूनीशियाई-अरबी भाषा के रेडियो स्टेशन मोज़ैक एफएम द्वारा रविवार 12 सितंबर को जारी एक बयान में पत्रकारों, डॉक्टरों, वकीलों और छात्रों के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दलों एन्नाहदा और हर्ट ऑफ ट्यूनीशिया पार्टी के नेताओं सहित सभी क्षेत्रों के लोगों ने कहा कि 2014 का संविधान "ट्यूनीशियाई क्रांति के प्रगति की परिणति है और स्वतंत्रता, गरिमा, लोकतंत्र, नागरिकता और कानून के शासन के लिए ट्यूनीशियाई महिलाओं और पुरुषों की आकांक्षाओं का प्रतीक है और हम इसे दरकिनार करने और इससे विचलित करने और इसकी सामग्री को हटाने के हर प्रयास को खारिज करते हैं।”

ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद ने पिछले हफ्ते संविधान में संशोधन करने की घोषणा की थी, उन्होंने कहा था कि वह केवल संवैधानिक तरीकों से ऐसा करेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह जल्द ही एक नई सरकार का गठन करेंगे। राष्ट्रपति के सलाहकार ने कथित तौर पर रॉयटर्स और अन्य मीडिया संस्थानों को कहा था कि राष्ट्रपति ने एक नया संविधान लिखने के लिए एक समिति को नियुक्त करने की भी योजना बनाई है जिसे राष्ट्रीय जनमत संग्रह के लिए रखा जाएगा।

रविवार को दिए गए बयान में कहा गया है कि "राष्ट्रपति के सलाहकार का बयान संविधान के खिलाफ क्रांतिकारी मार्ग की पुष्टि को व्यक्त करते हैं जिसे इस गणतंत्र के राष्ट्रपति ने 25 जुलाई को असाधारण निर्णयों के माध्यम से शुरू किया था जो कि संविधान के अनुच्छेद 80 से अलग है, जिसमें राष्ट्रपति को कई कैबिनेट सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री को बर्खास्त करने, संसद और ट्यूनीशियाई सांसदों के अधिकार को निलंबित करने और देश में सभी कार्यकारी शक्ति प्राप्त करने का जिक्र है। इसने सभी ट्यूनीशियाई लोगों से "तख्तापलट के खिलाफ सभी प्रयासों को साझा करने, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लौटने और सभी असाधारण निर्णयों को समाप्त करने का आह्वान किया जिसमें पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव्स की असेंबली को फ्रीज करना भी शामिल है।"

राष्ट्रपति को लेकर बढ़ते विरोध के एक अन्य संकेत में ट्यूनीशिया में सबसे शक्तिशाली श्रमिक संघ यूजीटीटी ने भी संविधान को निलंबित या संशोधित करने के विरोध का संकेत दिया और इसके बजाय देश में नए संसदीय चुनावों का आह्वान किया।

Tunisia
Kais Saied

Related Stories

अब ट्यूनीशिया के लोकतंत्र को कौन बचाएगा?

ट्यूनीशिया: पहली डिजिटल राजनीतिक सुझाव प्रक्रिया पर लोगों में मत-विभाजन

ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को बर्ख़ास्त किया, देश में विरोध के बाद संसद निलंबित

कोविड मामलों में नए उछाल के बीच ट्यूनीशिया के स्वास्थ्य मंत्री हटाए गए

ट्यूनीशियाः पुलिस की बर्बरता के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई

ट्यूनीशियाई राज्य समाचार एजेंसी टीएपी के विवादास्पद प्रमुख ने विरोध के बाद इस्तीफा दिया

ट्यूनीशिया के पत्रकार संघ ने सरकारी न्यूज़ एजेंसी के पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस छापे की निंदा की

ट्यूनीशियाई सुरक्षा बलों ने बेरोज़गारी को लेकर हुए विरोध पर हिंसक कार्रवाई की

ट्यूनीशियाः नई सरकार को मंज़ूरी देने से राष्ट्रपति के इनकार के बाद राजनीतिक संकट गहराया

आर्थिक अधिकारों और राजनीतिक परिवर्तन की मांग करते हुए ट्यूनीशिया के लोगों ने संसद तक रैली निकाली


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License