NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान
जनसभा से पहले कराची में पीटीएम कार्यकर्ता गिरफ्तार
पाकिस्तान में सरकार से लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचाने के लिए एक मूवमेंट के तौर पर पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) का साल 2014में गठन किया गया।
पीपल्स डिस्पैच
03 Feb 2020
PTM

बलूचिस्तान में इस सप्ताह होने वाली जनसभा से पहले कराची पुलिस ने रविवार को पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) से जुड़े दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। ये कार्यकर्ता छह फरवरी को अरमान लोनी की पुण्यतिथि पर आगामी जनसभा की व्यवस्था करने में लगे थे तभी उन्हें कराची के सोहराब गोथ में गिरफ्तार कर लिया गया।

इस्मत शाहजहां ने रविवार को ट्वीट किया, “फैसलाबाद में आवामी वर्कर्स पार्टी के सदस्यों को स्थानीय पुलिस ने फैसलाबाद प्रेस क्लब से हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए लोगों में आरिफ अयाज़, अमीना ज़मान, मोहम्मद सईद, हूर अब्बास नक़वी, ज़रीना आरिफ, अंस नकवी, फ़कीर हुसैन, मुहम्मद आरिफ शेख और असगर शाहीन को सिविल लाइंस थाने में बिना किसी औपचारिक आरोप के रखा गया है।“

पीटीएम के इन कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने व्यापक निंदा की है। 26 जनवरी को मूवमेंट के प्रमुख नेता मंज़ूर पश्तीन को पुलिस ने पेशावर के शाहीन टाउन में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। पश्तीन की गिरफ्तारी के नतीजे में पुलिस ने 24 प्रदर्शनकारियों के साथ सांसद मोहसिन दावर को हिरासत में लिया जिन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को जमानत दी थी।

इस्मत शाहजहां के अनुसार, कामगारों को चुप कराने के लिए डराने-धमकाने की इस शर्मनाक कोशिश का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, “हम सभी प्रगतिशील समुदाय से आग्रह करते हैं कि वे अपनी आवाज़ उठाते रहें और एफएसडी से अपने 9 साथियों की तत्काल रिहाई की मांग करें। हम सभी को अपनी आवाज़ तेज़ करनी है।”

देश में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ चल रही पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए, पीटीएम से जुड़े एक अन्य कार्यकर्ता अफरासियाब खट्टक ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध के बावजूद और कार्यकर्ताओं ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया फिर भी इन सबके बावजूद उन्हें न केवल गिरफ्तार किया गया बल्कि उनमें से कुछ के ख़िलाफ़ देशद्रोह कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

PTM
Pashtun Tahafuz Movement
Pakistan
Human Rights
Imran Khan

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

कार्टून क्लिक: इमरान को हिन्दुस्तान पसंद है...

इमरान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए पाक संसद का सत्र शुरू


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License