NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बिहार: कश्मीर में प्रवासी बिहारी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ पटना सहित पूरे राज्य में मनाया गया विरोध दिवस
माले के मुताबिक़ राजधानी पटना के साथ-साथ बिहारशरीफ, बेगूसराय, अरवल, नवादा, रोहतास, डुमरांव, समस्तीपुर, भोजपुर, सिवान, दरभंगा आदि जिलों में भी विरोध मार्च निकाले गए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Oct 2021
Patna

जम्मू-कश्मीर में प्रवासी बिहारी मजदूरों की लगातार हो रही हत्याओं के खिलाफ कल बुधवार यानि 21 अक्टूबर को भाकपा-माले, खेग्रामस व ऐक्टू के संयुक्त बैनर तले पूरे राज्य में विरोध दिवस आयोजित किया गया। राजधानी पटना के कारगिल चौक पर इन संगठनों से जुड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर सभा की और केंद्र सरकार से अविलंब ऐसी हत्याओं पर रोक लगाने की मांग की।

इस मौके पर खेत ग्रामणी मज़दूर सभा (खेग्रामस) महासचिव धीरेन्द्र झा, ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन (ऐक्टू) के बिहार महासचिव आरएन ठाकुर, किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, वरिष्ठ माले नेता केडी यादव, विधायक सुदामा प्रसाद, शशि यादव, अभ्युदय, दिलीप सिंह, कमलेश शर्मा, रामबलि प्रसाद, मुर्तजा अली, पन्नालाल आदि सहित सैंकड़ो लोग उपस्थित थे।  

कारगिल चौक पर सबसे पहले कश्मीर में आतंकी हमले और उत्तराखंड में भूस्वखलन से मारे गए मजदूरों की याद में दो मिनट का शोक रखा गया और फिर सभा आयोजित की गई। सभा का संचालन ऐक्टू के राज्य सचिव रणविजय कुमार ने किया।

माले के मुताबिक़ राजधानी पटना के साथ-साथ बिहारशरीफ, बेगूसराय, अरवल, नवादा, रोहतास, डुमरांव, समस्तीपुर, भोजपुर, सिवान, दरभंगा आदि जिलों में भी विरोध मार्च निकाले गए।

मौके पर धीरेन्द्र झा ने कहा, “बिहार के प्रवासी मजदूरों की हत्या के लिए सीधे तौर पर केंद्र व राज्य सरकार जिम्मेवार है। कश्मीर में केंद्र सरकार की नीति पूरी तरह असफल हुई है। धारा 370 खत्म करने से वहां अविश्वास का माहौल कायम हुआ है।  धारा 370 हटाने के बाद भाजपा के नेता दावा कर रहे थे कि अब बिहार के लेागों को वहां रोजगार मिलेगा। लेकिन हो ठीक उलटा रहा है। बिहार के मजदूरों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ रहा है। अब तक कई प्रवासी मजदूरों की हत्या हो चुकी है। इसलिए इन मौतों के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है।”

उन्होंने आगे कहा कि रविवार को आतंकी हमले में अररिया के राजा रीषिदेव व योगेन्द्र रीषिदेव की हत्या कर दी गई, उसके पहले भागलपुर के वीरेन्द्र पासवान व अरविंद कुमार साह भी आतंकी हमले के शिकार हुए। वह अपना गुस्सा ज़ाहिर करते कहते हैं, “हालत यह है कि प्रवासी मजदूर खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं और वे लगातार पलायन कर रहे हैं। बिहार के गांवों में आज मातम पसरा हुआ है, इस स्थिति के लिए सरकार नहीं तो कौन जिम्मेदार है!”

ऐक्टू महासचिव आरएन ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा, “बिहार से पलायन बदस्तूर जारी है और नीतीश कुमार द्वारा पलायन रोक दिए जाने के दावे की पोल खुल चुकी है।  बिहार के मजदूर कहीं हमले में मारे जा रहे हैं और कहीं भूस्वखलन में  प्रवासी मजदूरों की जिंदगी की तनिक भी चिंता सरकार को नहीं है। हम लंबे समय से मांग करते आए हैं कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा व रोजगार के सवाल पर एक राष्ट्रीय कानून बनाया जाए, लेकिन हमारी सरकारें इसे लगातार अनसुनी कर रही हैं। जब तक यह नहीं होता है, प्रवासी मजदूरों की जिंदगी की रक्षा नहीं की जा सकती है।

ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने सभा का संचालन करते हुए कहा कि नीतीश सरकार मृतक परिजनों को महज 2 लाख रुपए की राशि दे रही है। यह बहुत कम है।  

वे आगे कहते हैं, “हम मांग करते हैं कि मृतक परिजन को 20 लाख रुपए का मुआवजा, उनके बच्चों की पढ़ाई व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की गारंटी की जाए।”

सभा के जरिए उतरांखड में भूस्वखलन के कारण मारे गए 4 मजदूरों के लिए भी 20-20 लाख रुपए राशी की मांग की गई। 

Kashmir
Bihar
Terrorism
Insurgency
Article 370
Nitish Kumar
PATNA

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

पटना: विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त सीटों को भरने के लिए 'रोज़गार अधिकार महासम्मेलन'

बिहार बजट सत्र: विधानसभा में उठा शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर भर्ती का मामला 

बिहार : सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली को लेकर करेंगे आंदोलन


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License