NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पोलैंडः गर्भपात पर प्रतिबंध को लेकर अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन
पोलैंड की संवैधानिक अदालत ने फ़ैसला सुनाया है कि भ्रूण विकार के मामले में गर्भपात असंवैधानिक है। ये आदेश देश में दक्षिणपंथी कट्टरपंथी वर्गों के लिए ख़ुशी का पल है।
पीपल्स डिस्पैच
26 Oct 2020
 Ban on Abortion-Poland

महिला अधिकार समूहों तथा अन्य प्रगतिशील वर्गों ने रविवार 25 अक्टूबर को पूरे पोलैंड में लगातार चौथे दिन अपना विरोध जारी रखा। ये प्रदर्शनकारी गुरुवार 22अक्टूबर को दिए गए पोलैंड की संवैधानिक अदालत द्वारा एक विवादास्पद फैसले का विरोध कर रहे हैं। अदालत ने आदेश में कहा था कि भ्रूण विकार मामले में गर्भपात असंवैधानिक है।

इन प्रदर्शनकारियों पर कई स्थानों पर दक्षिणपंथी अति-राष्ट्रवादी समूहों और पुलिस द्वारा हमला किया गया था।

रिपोर्टों के अनुसार, हज़ारों लोग गुरुवार को पोलैंड के वारसॉ, ग्दान्स्क, बियालस्टोक, व्रोकलॉ, स्ज़ेसिन, कैटोविस सहित कई शहरों में गुरुवार से शुरू हुए रैली में शामिल हुए। इन प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि गुरुवार को दिया गया निर्णय कैथोलिक चर्च के दक्षिणपंथी तत्वों और सत्तासीन लॉ एंड जस्टिस (पीआईएस) पार्टी के नेतृत्व में देश में रूढ़िवादी वर्गों की मरज़ी के अनुसार पोलैंड को बदलने की दिशा में एक अन्य क़दम है।

वर्तमान में पोलैंड गर्भपात के अधिकार के प्रति यूरोप के सबसे रूढ़िवादी देशों में से एक है। साल 1993 के बाद से पोलैंड में गर्भपात को केवल बलात्कार और अनाचार के मामलों में और जहां गर्भावस्था महिला के स्वास्थ्य और भ्रूण के विकारों के लिए ख़तरा पैदा करती है तो इसके लिए अनुमति दी जाती है। संवैधानिक अदालत द्वारा गुरुवार को नया फैसला भ्रूण विकार के मामले में गर्भपात के व्यवस्था द्वारा निरस्त कर दिया गया है और इस प्रकार पोलैंड में गर्भपात को लगभग अवैध बना दिया गया है।

गुरुवार को अदालत के फैसले के बाद महिलाओं के अधिकार समूह नेशनल वीमेन स्ट्राइक इन पोलैंड ने आरोप लगाया है कि कैथोलिक कट्टरपंथियों ने पक्षपातपूर्ण अदालत में पोलैंड में गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है जो खुद अपनी संवैधानिकता को चुनौती देता है।

पोलैंड में वामपंथी राजनीतिक दल लेविका रज़ेम ने कहा है कि “दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों ने आज अपना काम किया है। वे महिलाओं को विकृत भ्रूण को जन्म देने के लिए मजबूर करेंगे। वे माताओं और पिताओं को इन बच्चों को पीड़ा में मरते देखने के लिए मजबूर करेंगे।”

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पोलैंड (केपीपी) ने कहा है कि “हम मानते हैं कि सत्ताधारी दल द्वारा नियंत्रित यह निकाय जो कि पीआईएस मनोयन द्वारा हेरफेर करने में महारत हासिल है वह पूरे समाज पर धार्मिक प्रतिबंध लगाने की कोशिश करता है, जो चिकित्सा ज्ञान की वर्तमान स्थिति और आधुनिक नैतिकता की अनुमति नहीं देता है।”

साल 2016 में, पीआईएस ने गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से संसद में एक विधेयक पेश किया था। लेकिन संसद को ये विधेयक पोलिश ब्लैक विरोध के बाद वोट देकर खारिज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ये विरोध देश और विदेश में रज़ेम पार्टी, महिला समूहों और अन्य प्रगतिशील वर्गों के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन बन गया।

Poland
Ban on Abortion
Poland Protest
Women Rights
Communist Party of Poland

Related Stories

किसान आंदोलन: उत्साह से मना अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: महिला किसानों के नाम

हाथरस मामले में आंदोलन से लेकर अधिकारियों के निलंबन तक, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?

एक नज़र इधर भी : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और मैला ढोती महिलाएं

पोलैंड में कम्युनिस्टों के उत्पीड़न के खिलाफ दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन

पोलैंड की सीनेट ने न्यायपालिका को कमज़ोर करने वाली बिल को खारिज किया

सीजेआई के खिलाफ लगातार प्रदर्शन, 25 महिलाओं समेत 35 हिरासत में

मोदी सरकार के ख़िलाफ़ महिलाओं का घोषणापत्र


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत
    14 May 2022
    देश में आज चौथे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। आईआईटी कानपूर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल कहा है कि फिलहाल देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
  • afghanistan
    पीपल्स डिस्पैच
    भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी
    14 May 2022
    आईपीसी की पड़ताल में कहा गया है, "लक्ष्य है कि मानवीय खाद्य सहायता 38% आबादी तक पहुंचाई जाये, लेकिन अब भी तक़रीबन दो करोड़ लोग उच्च स्तर की ज़बरदस्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह संख्या देश…
  • mundka
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?
    14 May 2022
    मुंडका स्थित इमारत में लगी आग तो बुझ गई है। लेकिन सवाल बरकरार है कि इन बढ़ती घटनाओं की ज़िम्मेदारी कब तय होगी? दिल्ली में बीते दिनों कई फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों में आग लग रही है, जिसमें कई मज़दूरों ने…
  • राज कुमार
    ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी से कैसे बचें?
    14 May 2022
    कंपनियां आपको लालच देती हैं और फंसाने की कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर कहेंगी कि आपके लिए ऑफर है, आपको कैशबैक मिलेगा, रेट बहुत कम बताए जाएंगे और आपको बार-बार फोन करके प्रेरित किया जाएगा और दबाव…
  • India ki Baat
    बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून
    13 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए प्रोग्राम इंडिया की बात के पहले एपिसोड में अभिसार शर्मा, भाषा सिंह और उर्मिलेश चर्चा कर रहे हैं बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून की। आखिर क्यों सरकार अड़ी हुई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License