NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
भारत
अंतरराष्ट्रीय
प्रवीण कुमार ने पैरालंपिक की टी64 ऊंची कूद में रजत पदक जीता
अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
भाषा
03 Sep 2021
प्रवीण कुमार

टोक्यो: भारत के प्रवीण कुमार ने शुक्रवार को यहां टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा का रजत पदक जीता।

अठारह वर्षीय कुमार ने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।

वह ब्रिटेन के जोनाथन ब्रूम एडवर्ड्स के पीछे रहे जिन्होंने 2.10 मीटर की कूद से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता।

कुमार ने अपने शानदार प्रदर्शन के बाद कहा, ‘‘मैं बयां नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं। यह कूद शानदार थी। यह मेरे पहले पैरालंपिक खेल हैं और आगे क्या होता देखते हैं। ’’

यह कुमार का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है और 2019 में खेल में आने के बाद पहला बड़ा पदक भी है। नोएडा के निवासी कुमार यहां भारतीय दल के सबसे युवा पदक विजेता भी बन गये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने दो मीटर की कूद लगायी तो मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया क्योंकि इससे पहले यह थोड़ी कम थी। लेकिन इसके बाद मैंने दो मीटर से ऊपर की कूद लगायी। ’’

कुमार ने कहा, ‘‘अब मैंने 2.07 मीटर की कूद लगा ली है और यह काफी ऊंची कूद है। इस उपलब्धि के लिये मैं अपने कोच को श्रेय देता हूं। ’’

कांस्य पदक रियो खेलों के चैम्पियन पोलैंड के मासिज लेपियाटो के हासिल किया जिन्होंने 2.04 मीटर की कूद लगायी।

टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो और ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।

कुमार टी44 क्लास के विकार में आते हैं लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं।

टी44 उन खिलाड़ियों के लिये है जिन्हें पैर में विकार हो, उनके पैर की लंबाई में अंतर हो, उनकी मांसपेशियों की क्षमता प्रभावित हो जिससे उनके पैर के मूवमेंट पर असर होता है।

कुमार का विकार जन्मजात है और यह उनके कूल्हे को बायें पैर से जोड़ने वाली हड्डियों को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धा शुरू होने से ठीक पहले मैंने अपने माता पिता से बात की और उन्होंने कहा, ‘‘जो भी तुम कर सकते हो, वैसा करो, खुद पर ज्यादा दबाव मत डालो। तुमने पहले ही जो हासिल कर लिया है, हम उससे खुश हैं। ’’

इस एथलीट ने कहा, ‘‘वे बहुत बहुत खुश होंगे। ’’

इससे पहले कुमार ने अपने पदार्पण वर्ष में जूनियर पैरा विश्व चैम्पियनशिप 2019 में रजत पदक जीता था। वह इस समय टी44 क्लास की विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर पर हैं। पैरा खेलों के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय कोच सत्यपाल सिंह से प्रशिक्षण लिया। बचपन में वह सक्षम खिलाड़ियों की ऊंची कूद स्पर्धा में हिस्सा लेते थे।

देश ने अभी तक दो स्वर्ण, छह रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं जो अभूतपूर्व और उल्लेखनीय प्रदर्शन है क्योंकि इससे पहले भारत ने पिछले सभी खेलों में मिलाकर 12 पदक जीते थे।

लेखरा के कांस्य से भारत के पदकों की संख्या 12 हो गयी है।

कुमार (18) निशानेबाज अवनि लेखरा के बाद भारतीय दल के पदक जीतने वाले दूसरे युवा खिलाड़ी हैं। स्वर्ण पदक जीतने वाली लेखरा 19 साल की हैं।

ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में भारत को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी और पदकों की संख्या इसी के अनुरूप रही।

भारत के आठ पदक एथलेटिक्स में ही आये हैं जिसमें एक स्वर्ण भी शामिल है जो पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में सुमित अंतिल (एफ64) ने जीता।

भारत ने एथलेटिक्स में इनके अलावा अब तक पांच रजत और एक कांस्य पदक जीते हैं।

Praveen Kumar
Tokyo Paralympics

Related Stories

लेखरा दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License