NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
क्या निजी अस्पताल कोविड-19 मरीज़ों का आयुष्मान भारत योजना में इलाज को तैयार हैं : न्यायालय
शीर्ष अदालत देश के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीज़ों के उपचार की कीमत नियंत्रित करने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय इस मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा।
भाषा
05 Jun 2020
SC

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को निजी अस्पतालों से जानना चाहा कि क्या वे सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत निर्धारित खर्च पर कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों का इलाज करने के लिये तैयार हैं।

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्देश्य देश में गरीबों और जोखिम वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवर उपलब्ध कराना है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि शीर्ष अदालत सभी निजी अस्पतालों से कोविड-19 के कुछ मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करने के लिये नहीं कह रही है।

पीठ ने कहा कि वह सिर्फ उन निजी अस्पतालों से एक निश्चित संख्या में कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करने के लिये कह रही है जिन्हें सरकार ने रियायती कीमत पर भूमि आबंटित की है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं तो सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि क्या अस्पताल आयुष्मान भारत योजना की दर से उपचार का शुल्क लेने के लिये तैयार हैं?’’

शीर्ष अदालत देश के निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीज़ों के उपचार की कीमत नियंत्रित करने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय इस मामले में अब दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा।

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार समाज के सबसे निचले तबके और आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आने वाले व्यक्तियों के लिये सबसे बेहतर कर रही है।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि एक पहले का फैसला है जिसमें कहा गया है कि रियायती दर पर भूमि प्राप्त करने वाले अस्पतालों को एक निश्चित संख्या में मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करना चाहिए।

पीठ ने सवाल किया, ‘‘ये अस्पताल एक निश्चित संख्या में मरीज़ों का मुफ़्त इलाज क्यों नहीं कर सकते? कृपया सुनिश्चित कीजिये कि वे कुछ सेवा करें।’’

एक हेल्थकेयर फेडरेशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि रियायती दर पर भूमि प्राप्त करने वाले अस्पताल पहले से ही इस अनिवार्यता का पालन कर रहे हैं। इस संस्था ने सारे मामले में हस्तक्षेप के लिये आवेदन दायर कर रखा है।

एक अन्य अस्पतालों की एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस निर्णय में दिये गये निर्देशों का वे पहले से ही पालन कर रहे हैं।

न्यायालय में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता सचिन जैन ने पीठ से कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिये निर्धारित खर्च इन अस्पतालों पर भी लागू होना चाहिए।

जैन ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को कार्पोरेट अस्पतालों की बजाये इस समय नागरिकों के साथ खड़ा होना चाहिए।’’

इस पर पीठ ने जैन से सवाल किया, ‘‘क्या आपका यह कहना है कि किसी भी अस्पताल को इस अवधि में लाभ अर्जित नहीं करना चाहिए?’’

जैन ने कहा कि वह यह दिखा सकते हैं कि कैसे इन अस्पतालों के लाभ को ध्यान में रखते हुये ही आयुष्मान भारत योजना का निर्णय किया गया है।

साल्वे ने पीठ से कहा कि आयुष्मान योजना में बहुत अधिक छूट दी गयी हैं और कोविड-19 के दौरान निजी अस्पतालों की आमदनी पहले ही करीब 60 फीसदी तक कम हो गयी है।

रोहतगी ने दावा किया कि इस समय कोई भी अस्पताल लाभ नहीं कमा रहा है।

इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘यह ठीक है। आप एक अच्छे काम के लिये त्याग कर रहे हैं।’’

अस्पतालों की संस्था की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि वे इस मामले में अपने जवाब दाखिल करना चाहते हैं

इस बीच, केन्द्र ने इस मामले में एक हलफनामा दाखिल किया जिसमें कहा गया है कि क्लीनिकल इस्टैबलिशमेन्ट्स (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) कानून, 2010 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि सार्वजनिक भूमि पर संचालित हो रहे निजी अस्पतालों को कोविड-19 के मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करना होगा।

हलफनामे में कहा गया है कि इस समय निजी अस्पताल और धर्मार्थ संस्थायें इसी कानून से शासित हो रही हैं।

शीर्ष अदालत ने 27 मई को केन्द्र से कहा था कि वह ऐसे निजी अस्पतालों की पहचान करे जहां कोविड-19 से संक्रमित मरीज़ों का मुफ़्त या न्यूनतम खर्च पर इलाज हो सके।

Coronavirus
COVID-19
Supreme Court
private hospital

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License