NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
आम हड़ताल से पहले नये श्रम और कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन जारी
26 नवंबर को हो रही आम हड़ताल को लेकर मोमेंटम बनाया जा रहा है,जिसमें केरल के एक करोड़ से ज़्यादा लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।
शिल्पा शाजी
25 Nov 2020
STRIKE
बीपीसीएल की कोचीन रिफ़ाइनरी के सामने मानव श्रृंखला

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये तीन नये कृषि क़ानूनों को ख़त्म करने और नये श्रम संहिता की वापसी की मांग को लेकर केरल भर के किसान और कार्यकर्ता 26 नवंबर को देशव्यापी आम हड़ताल के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ किसान यूनियन और किसान संगठन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की “मज़दूर विरोधी और किसान विरोधी” नीतियों के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे हैं।

26 नवंबर को इस आम हड़ताल में केरल के एक करोड़ से ज़्यादा लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। किसानों के साथ-साथ, कृषि श्रमिक, ट्रेड यूनियन और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारी भी इस हड़ताल का हिस्सा होंगे। इस आम हड़ताल से पहले ज़मीनी स्तर के अभियान पूरे हो गये हैं। मंगलवार को असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों ने अपने-अपने कार्यस्थलों पर प्रदर्शन किया और उसके एक दिन बाद, यानी 25 नवंबर की शाम को सभी वर्गों के कामगार अपने-अपने कार्यस्थलों पर मशाल जुलूस निकाल रहे हैं।

26 नवंबर की आम हड़ताल केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के संयुक्त मंच की तरफ़ से बुलाया गया है। कई स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों और संघों ने भी इस आम हड़ताल और किसानों के 27 नवंबर को दिल्ली में संसद मार्च-चलो पार्लियामेंट को लेकर भी अपना समर्थन दिया है।

सोमवार को इंडियन ट्रेड यूनियन के राज्य सचिव और राज्यसभा सदस्य,एलामाराम करीम ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेस में बताया कि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ केरल के 13 और ट्रेड यूनियन इस आम हड़ताल का हिस्सा बनेंगे। करीम ने बताया, “कोविड-19 को लेकर लगे लॉकडाउन के चलते तक़रीबन 15 करोड़ प्रवासी कामगारों ने अपनी नौकरियां और आमद खो दी हैं। केंद्रीय ट्रेड यूनियनें केंद्र से मांग करती रही हैं कि जिन कामगारों  की आदमदनी ख़त्म हो गयी है,उनमें  से हर एक कामगारों को वह 7,500 रुपये प्रति माह की वित्तीय मदद दे। इसके साथ ही, छोटे और मझोले क्षेत्र के कर्मचारी भी संकट में हैं।" इसके अलावे उन्होंने बताया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की लापरवाही ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद को भी गर्त में पहुंचा दिया है।

उन्होंने आगे बताया,“केंद्र सरकार पूंजीपतियों के मनमाफ़िक़ ट्रेड यूनियन मुक्त कार्यस्थल की वकालत कर रही है। ऐसी स्थिति में सामूहिक सौदेबाजी नहीं हो पायेगी और आख़िरकार यह स्थिति आर्थिक ग़ैरबराबरी की वजह बन जायेगी।”

दूसरे मुद्दों के साथ-साथ करीम ने निजीकरण को लेकर केन्द्र के उस अभियान पर ज़ोर दिया है, जिसने देश भर में अन्य सामरिक इकाइयों के साथ-साथ एयर इंडिया, भारतीय रेलवे, आयुध कारखानों के निजीकरण की पहल की है। करीम ने निजीकरण के खतरों की ओर इशारा करते हुए कहा,“यहां तक कि केरल स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां-हिंदुस्तान लाइफ़ केयर, कोट्टायम स्थित हिंदुस्तान न्यूज़प्रिंट, अंबालामुकल स्थित हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स, इंस्ट्रूमेंटेशन लिमिटेड पलक्कड़, बीईएमएल की पलक्कड़ यूनिट आदि को भी बेचने की तैयारी है। चूंकि केरल में ट्रेड यूनियनों के साथ-साथ राज्य सरकार भी इस कदम का विरोध कर रही है, इसलिए इकाइयों का निजीकरण नहीं किया गया है।” 

इस बीच,किसानों और श्रमिकों ने आम हड़ताल के पहले पूरे केरल में सैकड़ों विरोध सभायें की हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU), निजी बैंकिंग क्षेत्र, मोटर वाहन यूनियनों, मछुआरों के अलावा अन्य कर्मचारी भी इस देशव्यापी हड़ताल का हिस्सा होंगे।

राज्य में किसान तीनों नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उस संयुक्त कर्षक समिति के बैनर तले अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं,जो एआईकेएससीसी का हिस्सा  है। केरल कर्षक समिति में विभिन्न किसान संगठन शामिल हैं।इनमें केरल कर्षक संघम (अखिल भारतीय किसान सभा का केरल चैप्टर),कर्षक कांग्रेस आदि शामिल हैं।

 

राज्य में किसानों के चल रहे इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर न्यूज़क्लिक से बात करते हुए केरल कर्षक संघम के राज्य सचिव और संयुक्त कर्षक समिति के संयोजक,केएन बालगोपाल ने बताया,“हम ट्रेड यूनियनों की तरफ़ से होने वाले इन प्रदर्शनों का हिस्सा होंगे। इसके अलावा,संयुक्त कर्षक समिति वार्ड स्तर पर विरोध मार्च निकालेगी। 27 नवंबर को किसानों और कृषि श्रमिकों के संघ और संगठन संसद तक मार्च करेंगे। कोविड-19 प्रोटोकॉल और प्रतिबंधों के चलते यहां (केरल) से  कोई भी मार्च के लिए तो नहीं जा रहा है। लेकिन,हम केंद्र सरकार के दफ़्तरों तक मार्च करेंगे और हर क्षेत्र के केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के पुतले फूंकेंगे।”

संयुक्त कर्षक समिति के साथ कृषि श्रमिकों का एक निकाय,केरल राज्य कर्षक थोझिलाली यूनियन (KSKTU) भी इन विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा होगा।

सीटू से जुड़े केरल राज्य टैंकर लॉरी वर्कर्स यूनियन ने सोमवार को इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल अभियान के तहत भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की कोचीन रिफ़ाइनरी के सामने मानव श्रृंखला बनाई।

चूंकि 26 नवंबर को होने वाले इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में राज्य भर के मोटर वाहन यूनियन भी भाग ले रहे हैं, इस वजह से सार्वजनिक वाहन सड़कों से ग़ायब रहेंगे। हालांकि,ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा है कि ज़रूरी सेवायें प्रभावित नहीं होंगी।

बैंक कर्मचारियों के संघों और महासंघों के साथ-साथ ग़ैर बैंकिंग और निजी वित्त कर्मचारी संघ (NPFEA) भी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। इस एनपीएफईए के हिस्से,मुथूट फ़ाइनेंस इम्प्लाइज़ यूनियन और मणप्पुरम फ़ाइनेंस एम्पलाइज़ यूनियन के कर्मचारी भी अपने-अपने प्रबंधन की "मज़दूर विरोधी नीतियों" के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं। मणप्पुरम फ़ाइनेंस के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं,और बुधवार को इस हड़ताल का 23 वां दिन है। वे राष्ट्रीय हड़ताल में भी शामिल होंगे।

 अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Protests Sweep Kerala ahead of November 26 General Strike against New Labour and Farm Laws

 

National Strike
General Strike November 26
November 26 Strike
Central Trade Unions Protest on November 26
Samyuktha Karshaka Samithi
Kerala Karshaka Sangham
CITU
AIKS
AIKSCC
General Strike in Kerala
DILLI CHALO

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर


बाकी खबरें

  • corona
    भाषा
    कोविड-19 संबंधी सभी पाबंदियां 31 मार्च से हटाई जाएंगी, मास्क लगाना रहेगा अनिवार्य
    23 Mar 2022
    गृह मंत्रालय ने करीब दो साल बाद, 31 मार्च से कोविड-19 संबंधी सभी पाबंदियों को हटाने का फैसला किया है। हालांकि, मास्क लगाने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम लागू रहेंगे।
  • birbhum violence
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बंगाल हिंसा मामला : न्याय की मांग करते हुए वाम मोर्चा ने निकाली रैली
    23 Mar 2022
    मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम के साथ रैली का नेतृत्व करने वाले वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि राज्य में ‘सामूहिक हत्या’ की घटना को छिपाने के किसी भी…
  • NHRC
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे पर हरकत में आया मानवाधिकार आयोग, केंद्र को फिर भेजा रिमाइंडर
    23 Mar 2022
    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मुद्दे को मानवाधिकारों का हनन मानते हुए केंद्र के खिलाफ पिटीशन फाइल की थी। दो माह से ज्यादा बीतने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा इस मसले पर कोई पहल नहीं की गई, तो आयोग…
  • dyfi-citu
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    नोएडा : प्राइवेट कोचिंग सेंटर पर ठगी का आरोप, सीटू-डीवाईएफ़आई ने किया प्रदर्शन
    23 Mar 2022
    सीटू व डीवाईएफ़आई के लोगो ने संयुक्त रूप से अमेरिका स्थित हेनरी हैवलिन की नोएडा शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद प्रबंधकों ने अनियमितताओं को दूर करने का आश्वासन दिया और कथित ठगी के शिकार…
  • bhagat singh
    दिनीत डेंटा
    भगत सिंह: देशप्रेमी या राष्ट्रवादी
    23 Mar 2022
    राष्ट्रवाद और देशप्रेम दो अलग विचार हैं, एक दूसरे के पर्यायवाची नहीं हैं। वर्तमान दौर में भगत सिंह के नाम का उपयोग शासक वर्ग व आरएसएस, भाजपा, आम आदमी पार्टी जैसे अन्य राजनीतिक दल अपनी सुविधा अनुसार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License