NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
नये कृषि विधेयकों के ख़िलाफ़ मुक्तसर में चल रहे प्रदर्शन के दौरान किसान ने ख़ुदकुशी की
मनसा जिले के अक्कनवाली गांव निवासी प्रीतम सिंह ने शुक्रवार सुबह कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। बाद में एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी। किसान संगठन का कहना है कि प्रीतम सिंह पर कर्ज़ था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
19 Sep 2020
cartoon click

पंजाब के मुक्तसर जिले में कृषि संबंधी नए विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 70 साल के एक किसान ने खुदकुशी कर ली। कोई जहरीले पदार्थ खाने के बाद उनकी मौत हुई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मनसा जिले के अक्कनवाली गांव निवासी प्रीतम सिंह ने शुक्रवार सुबह कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। बाद में एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी।

सिंह भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) द्वारा 15 सितंबर से बादल गांव में आयोजित प्रदर्शन में भाग ले रहे थे। यह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है।

पुलिस ने कहा कि अभी पता नहीं चला है कि किसान के यह कदम क्यों उठाया।

किसान संगठन का कहना है कि प्रीतम सिंह पर कर्ज था।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह ने मांग की कि मृतक के परिवार को प्रशासन की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।

इसी तरह अभी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के अमिरता डेरा गांव में कथित रूप से कर्ज में डूबे एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

अपर जिलाधिकारी (एडीएम) विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया, "सदर कोतवाली क्षेत्र के अमिरता डेरा गांव में बृहस्पतिवार को किसान महेंद्र वर्मा (46) के अपनी जमीन पर बने ट्यूबवेल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या किये जाने की सूचना मिली थी। जिसके बारे में राजस्व अधिकारियों को भेजकर जांच कराई जा रही है।" उन्होंने कहा कि "जांच रिपोर्ट मिलने के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।" किसान के छोटे भाई इंद्रेश वर्मा ने पुलिस को बताया, "बड़े भाई महेंद्र के हिस्से में छह बीघा कृषि भूमि है और उसके चार बेटी और एक बेटा है। उसने एक बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड से 42 हजार और यूनियन बैंक से 80 हजार रुपये कर्ज लिया था, जो अब बढ़कर बहुत ज्यादा हो गया है।" पुलिस ने किसान के परिजन के हवाले से बताया, "किसान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं, संभवतः कर्ज और आर्थिक तंगी के कारण उसने आत्महत्या की है। पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजन को दे दिया गया है और राजस्व अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।"

आपको बता दें कि किसान पहले से ही बहुत मुश्किल में हैं और अब कृषि से जुड़े तीन नये विधेयकों से किसानों पर और संकट बढ़ गया है। ये तीनों विधायक किसान विरोधी कहे जा रहे हैं। इसी के चलते केंद्र में शिरोमणी अकाली दल कोटे से एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल को इस्तीफ़ा देना पड़ा है।

इसे पढ़ें : क्या है किसानों का मुद्दा जिसके चलते हरसिमरत कौर को मोदी कैबिनेट से इस्तीफ़ा देना पड़ा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कृषि संबंधी विधेयकों के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि हर पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए कि वह किसानों के साथ है या फिर ‘कृषकों की जीविका को खतरे में डाल रही भारतीय जनता पार्टी के साथ है।

विपक्षी दलों ने शनिवार को राज्यसभा में सरकार से आम लोगों तथा किसानों को कर्ज पर ब्याज में राहत देने की मांग की। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि जिस तरह से सरकार ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत छह महीने तक कोई नया मामला शुरू नहीं करने का प्रावधान कर कंपनियों को राहत दी है, उसी तरह से आम लोगों तथा किसानों को भी राहत दी जानी चाहिए।

इसे भी पढ़ें : संसद सत्र: न महामारी की चर्चा, न बेरोज़गारी की बात, सिर्फ़ ख़तरनाक बिलों की बरसात

punjab
Muktsar
Farmers committed suicide
New Agricultural bills
Indian Farmer's Union
BJP
Congress
Narendra modi
farmer crises
cartoon click
cartoon

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!

तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है

दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई

ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना

मई दिवस: मज़दूर—किसान एकता का संदेश

ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?

आख़िर किसानों की जायज़ मांगों के आगे झुकी शिवराज सरकार

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: मुझे गर्व करने से अधिक नफ़रत करना आता है
    01 May 2022
    जब गर्व खोखला हो तो नफ़रत ही परिणाम होता है। पर नफ़रत किस से? नफ़रत उन सब से जो हिन्दू नहीं हैं। ….मैं हिंदू से भी नफ़रत करता हूं, अपने से नीची जाति के हिन्दू से। और नफ़रत पाता भी हूं, अपने से ऊंची…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    मई दिवस ज़िंदाबाद : कविताएं मेहनतकशों के नाम
    01 May 2022
    मई दिवस की इंक़लाबी तारीख़ पर इतवार की कविता में पढ़िए मेहनतकशों के नाम लिखी कविताएं।
  • इंद्रजीत सिंह
    मई दिवस: मज़दूर—किसान एकता का संदेश
    01 May 2022
    इस बार इस दिन की दो विशेष बातें उल्लेखनीय हैं। पहली यह कि  इस बार मई दिवस किसान आंदोलन की उस बेमिसाल जीत की पृष्ठभूमि में आया है जो किसान संगठनों की व्यापक एकता और देश के मज़दूर वर्ग की एकजुटता की…
  • भाषा
    अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए: प्रधान न्यायाधीश
    30 Apr 2022
    प्रधान न्यायाधीश ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में कहा न्यायिक निर्देशों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर निष्क्रियता दिखाना लोकतंत्र के स्वास्थ्य के…
  • भाषा
    जनरल मनोज पांडे ने थलसेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला
    30 Apr 2022
    उप थलसेना प्रमुख के तौर पर सेवाएं दे चुके जनरल पांडे बल की इंजीनियर कोर से सेना प्रमुख बनने वाले पहले अधिकारी बन गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License