NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
उत्पीड़न
शिक्षा
भारत
राजनीति
राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने से मना करने पर आरएसएस संचालित स्कूल ने नौकरी से निकाला: शिक्षक का आरोप
बलिया के यशवंत प्रताप सिंह ने बताया कि वह जिला मुख्यालय के जगदीशपुर मोहल्ले में स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आचार्य के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने दावा किया है कि स्कूल ने उनके आठ महीने का वेतन भी रोक लिया है।
भाषा
08 Mar 2021
Shishu Mandir
फोटो फेसबुक से साभार

बलिया (उत्तर प्रदेश): बलिया जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित एक विद्यालय के शिक्षक ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 1,000 रुपये का चंदा देने से मना करने पर उन्हें नौकरी से निकल दिया गया है। हालांकि संस्थान ने इन आरोपों से इंकार किया है।

जिले के सलेमपुर गांव के रहने वाले यशवंत प्रताप सिंह ने सोमवार को बताया कि वह जिला मुख्यालय के जगदीशपुर मोहल्ले में स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आचार्य के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने दावा किया है कि स्कूल ने उनके आठ महीने का वेतन भी रोक लिया है।

सिंह ने कहा कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विद्यालय की तरफ से चंदा वसूली के लिए रसीद बुक दी गई थी। उन्होंने बहुत प्रयास कर तकरीबन 80 हजार रुपये चंदा वसूल कर विद्यालय को प्राप्त कराया था।

उनका दावा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक सत्येंद्र के स्कूल आने के बाद उन पर 1000 रुपये चंदा देने का दबाव बनाया।

सिंह ने आरोप लगाया कि चंदा देने से इंकार करने पर प्रशासन ने उनके साथ ‘गलत व्यवहार’ किया और उन्हें स्कूल की नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने इस मामले में जिलाधिकारी कार्यालय में लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।

उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अदालत जाएंगे।

इस मामले पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य धीरेंद्र ने इस मामले पर कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के उद्देश्य से विद्यालय के सभी कर्मचारियों को उनकी क्षमता के हिसाब से रसीद बुक दी गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘आचार्य यशवंत सिंह ने स्वेच्छा से तीन रसीद बुक ली, लेकिन बाद में उन्हें जमा नहीं किया।’’

प्रधानाचार्य ने आचार्य सिंह के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उन्होंने विद्यालय से स्वयं त्यागपत्र दिया है।

संघ के जिला प्रचारक सत्येंद्र ने बताया कि संघ की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जमा करने का कोई दबाव नहीं बनाया जाता।

उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि आचार्य यशवंत सिंह अनुशासनहीन व्यक्ति हैं और वह शैक्षणिक कार्यों में भी कोई दिलचस्पी नहीं लेते।

Shishu Mandir
BJP-RSS
Ram Mandir
Ram Mandir Donations

Related Stories

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण रोधी अभियान पर रोक लगाई, कोर्ट के आदेश के साथ बृंदा करात ने बुल्डोज़र रोके

उत्तर प्रदेश चुनाव : हौसला बढ़ाते नए संकेत!

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?

ये नेता आख़िर महिलाओं को समझते क्या हैं!


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License