NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
संसद में नस्लवादी फ़िलिस्तीन-विरोधी इज़रायली क़ानून बहुमत हासिल करने में विफल
इज़रायल का अस्थायी सिटीजनशिप एंड इंट्री लॉ इज़रायल के फ़िलिस्तीनी नागरिकों को अपने जीवनसाथी को इज़रायल लाने से रोकता है यदि वे क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों और अरब देशों से हैं।
पीपल्स डिस्पैच
06 Jul 2021
संसद में नस्लवादी फ़िलिस्तीन-विरोधी इज़रायली क़ानून बहुमत हासिल करने में विफल

नस्लवादी और भेदभावपूर्ण सिटीजनशिप एंड इंट्री लॉ सोमवार 5 जून को इजरायल की संसद में बहुमत हासिल करने में विफल रहा और मंगलवार तक यह समाप्त हो जाएगा। पहली बार 2003 में पारित इस अस्थायी कानून का विस्तार करने के लिए 59-59 वोट पड़े जहां नेफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को हराने के लिए ज्वाइंट अरब लिस्ट के साथ इजरायल के अति दक्षिणपंथी दलों ने मतदान किया।

दिन की शुरुआत में इजरायल के हजारों फिलिस्तीनी नागरिक बाहर निकले और इस विवादास्पद कानून के प्रस्तावित विस्तार का विरोध किया जो उनके परिवारों को मिलने को रोकता है। दूसरे इंतिफादा के दौरान 2003 में ये कानून पारित हुआ जो इजरायल के उन फिलिस्तीनी नागरिकों को रोकता है जिन्होंने अपने पति या पत्नी को इजरायल लाने के लिए कब्जे वाले क्षेत्रों या अरब देशों में फिलिस्तीनियों से शादी की है। इस कानून को एक आपातकालीन कानून माना जाता था। हालांकि, तब से हर साल इसे बढ़ाया गया है।

सत्तारूढ़ गठबंधन और वामपंथी मेरेट्ज का हिस्सा एक अरब पार्टी रा'म द्वारा लगाए गए दबाव के कारण सरकार ने छह महीने के लिए विस्तार को कम करने पर सहमति व्यक्त की और उनका समर्थन वापस पाने के लिए ऐसे विवाहित जोड़ों के लिए रेसिडेंसी परमिट की संख्या में वृद्धि की।

टाइम्स ऑफ इज़रायल की रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते के बाद रा'म के दो सदस्यों और मेरेट्ज़ के सदस्यों ने इस कानून के विस्तार के पक्ष में सरकार के साथ मतदान किया जबकि पहले इसे नस्लवादी और अलोकतांत्रिक बताते हुए इसके खिलाफ वोट देने का संकल्प लिया था।

हालांकि, विपक्ष में लिकुड और इसके सहयोगियों और सत्तारूढ़ यामिना के एक सदस्य ने अरब ज्वाइंट लिस्ट के साथ इस कानून के विस्तार के खिलाफ मतदान किया।

कई लोगों ने इस कानून को इज़रायल में नस्लभेदी शासन का उदाहरण भी कहा। विभिन्न अनुमानों के अनुसार इस कानून के कारण इज़रायल और कब्जे वाले क्षेत्रों में लगभग 45,000 परिवार प्रभावित हुए हैं।

लिकुड और इसके सहयोगियों ने इस कानून को कमजोर बताते हुए इसके विस्तार के विरोध में मतदान किया। इसके बजाय वे देश के "यहूदी स्वरूप" को संरक्षित करने के लिए इज़रायल में अरबवासियों के आप्रवास को लेकर अधिक प्रतिगामी और स्थायी कानून चाहते हैं। हालांकि, लिकुड पिछले 18 साल से इस कानून के विस्तार के लिए मतदान करता रहा था।

Israel
Palestine
Racism

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

प्रधानमंत्री ने गलत समझा : गांधी पर बनी किसी बायोपिक से ज़्यादा शानदार है उनका जीवन 

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License