NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
रंगमंच
साहित्य-संस्कृति
स्वास्थ्य
भारत
राहत सुनो- वबा फैली हुई है हर तरफ़…अभी माहौल मर जाने का नईं
राहत, वैसे तुमने कभी सत्ता से सीधा झगड़ा नहीं लिया, लेकिन तुम्हारे शेर कमबख़्त ऐसे थे जो सीधे हुक्मरान से उलझ जाते थे। ...कवि-पत्रकार मुकुल सरल की त्वरित टिप्पणी
मुकुल सरल
11 Aug 2020
राहत
फोटो साभार : indian express

राहत, इस मुश्किल समय में कहां चल दिए....तुमने ही तो कहा था-

वो गर्दन नापता है नाप ले

मगर ज़ालिम से डर जाने का नईं

अब कौन तुम्हारी तरह आसमान में शेर उछाल देगा। और उंगली उठाकर कह देगा-

अगर ख़िलाफ़ हैं, होने दो, जान थोड़ी है

ये सब धुआं है, कोई आसमान थोड़ी है

कौन इतना बेख़ौफ़ है जो इस सच्चाई को मंच से कह देगा-

जो आज साहिब-इ-मसनद हैं कल नहीं होंगे

किराएदार हैं जाती मकान थोड़ी है

लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में

यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है

कौन देगा हुक्मारान को चुनौती-

सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में

किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है

ये शेर, ये अशआर...न जाने कितने डूबते दिलों की आस थे। तुम्हारा एक-एक शेर एक-एक आंदोलन की जान था। हिन्दुस्तान की आवाज़ था। बहुत तीखे थे तुम्हारे सवाल, अब कौन पूछेगा-

सरहदों पर बहुत तनाव है क्या,

कुछ पता तो करो चुनाव है क्या

ख़ौफ़ बिखरा है दोनों सम्तों में,

तीसरी सम्त का दबाव है क्या

तुम कहां पैदा हुए, कहां पले-बढ़े-पढ़े ये तो आज सब बता रहे हैं, मैं इसबारे में और क्या बताऊं। सब जानते हैं कि तुम कहां पैदा हुए या कहां के हो। तुम्हारे नाम में जो इंदौरी है, वही तो है तुम्हारा वतन। उर्दू शायरों ने ये अच्छी रवायत निकाली है कि अपने शहर, अपने वतन का नाम साथ लिए चलते हैं। तुम्हारा जन्म एक जनवरी, 1950 को इंदौर में हुआ। अब तुम 70 बरस के हो गए थे। लेकिन 70 बरस बहुत ज़्यादा नहीं होते। तुम्हे पहले से दिल की बीमारी थी। शायर जो ठहरे...! शुगर भी था, लेकिन आजकल शुगर किसे नहीं होता। जब तुम्हारे कोरोना संक्रमित होने की ख़बर मिली तो तुम्हारे चाहने वालों ने सोचा कि इस बार कोरोना ने ग़लत आदमी से पंगा ले लिया है। ख़ैर... 

इसे पढ़े :  मशहूर शायर राहत इंदौरी का निधन, कोरोना से थे संक्रमित

40-50 बरस से तुम मुशायरे पढ़ रहे थे। मैंने भी शायद 25-30 बरस पहले पहली बार तुम्हे रूबरू सुना होगा। जब तुम मंच पर आते थे हर तरफ़ शोर उठता था- राहत भाई... राहत भाई। 

कोई कहेगा कि ये कैसा लेखक है राहत को ‘तुम’ कहकर संबोधित कर रहा है और ऐसा बात कर रहा जैसे राहत उसकी सुन रहे हों....उनका तो निधन हो गया। तो आप ही बताइए कि कोई अपने प्रिय, अपने महबूब शायर से कैसे बात करे, आप-आप करके तो न बात होगी। और न मुझे यक़ीन है कि वो हमें छोड़कर चले गए। और जाएंगे भी कहां इसी मिट्टी में तो दफ़्न होंगे तो उनसे इसी तरह बेतकल्लुफ़ी में बात की जा सकती है। और मुझे यक़ीन है कि राहत बुरा नहीं मानेंगे। उन्हें करीब से जानने वाले कहते हैं कि वे काफ़ी यारबाश आदमी थे।

मुझे तो उनकी शायरी से सरोकार था...वो शायरी जो दिलों को रौशन कर दे, एक आग भर दे, मोहब्बत की।

उस की याद आई है सांसों ज़रा आहिस्ता चलो

धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

लेकिन उनके प्यार में भी तेवर था-

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर

जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं

‘इनके-उनके’ से फिर लौटता हूं राहत पर

राहत, तुम्हारे शेर पढ़ने का अंदाज़ भी निराला था, लेकिन मुझे उससे कभी-कभी कोफ़्त होती थी, बहुत ड्रामाई लगता था, बेहद नाटकीय। एक ही ग़ज़ल में काफ़ी समय भी चला जाता था। और इस तरह तुम हल्के-फुल्के शेर पर भी दाद लूट ले जाते थे। ख़ैर मंच पर इसी का ज़ोर है, कविता के मंच से लेकर राजनीति के मंच तक, और बहुत लोग इस ‘अदाकारी’ पर फ़िदा भी रहते हैं। ख़ैर अपना-अपना तौर-तरीक़ा है।

कहने वाले कहते हैं कि तुम्हारे पास तीन तरह की शायरी थी। एक मंच की, एक किताब की और एक फ़िल्मों की। वैसे अक्सर बड़े लोगों के बारे में ऐसा ही कहा जाता है। मंचों से ऐलान किया जाता है- इल्म और फ़िल्म के शायर...हालांकि मुझे तुम्हारे कुछ बुरे शेर भी याद हैं। 

राहत, वैसे तुमने कभी सत्ता से सीधा झगड़ा नहीं लिया, लेकिन तुम्हारे शेर कमबख़्त ऐसे थे जो सीधे हुक्मरान से उलझ जाते थे।

वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा

मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया

राहत तुम दग़ा कर गए, धोखा दे गए, जबकि तुमने ही तो कहा था-

बुलाती है मगर जाने का नईं

वो दुनिया है उधर जाने का नईं

जनाज़े ही जनाज़े हैं सड़क पर

अभी माहौल मर जाने का नईं

लेकिन तुम चले गए- ख़ैर... अब भी हमेशा वतन की मिट्टी में ही रहोगे-

है दुनिया छोड़ना मंज़ूर लेकिन

वतन को छोड़ कर जाने का नईं

तुम्ही ने कहा- 

मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना, 
लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना

 

पर पता नहीं मुझे वाकई लग रहा है कि तुम सारे सितारे नोच कर ले गए हो-

सितारे नोच कर ले जाऊंगा

मैं ख़ाली हाथ घर जाने का नईं

...

rahat indori
Rahat Indori Died
Indian lyricist
Urdu language poet
bollywood

Related Stories

हर आत्महत्या का मतलब है कि हम एक समाज के तौर पर फ़ेल हो गए हैं

‘...अनदर अनटोल्ड स्टोरी’ : और सुशांत सिंह की कहानी भी अनकही रह गई


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?
    25 May 2022
    मृत सिंगर के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शुरुआत में जब पुलिस से मदद मांगी थी तो पुलिस ने उन्हें नज़रअंदाज़ किया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया। परिवार का ये भी कहना है कि देश की राजधानी में उनकी…
  • sibal
    रवि शंकर दुबे
    ‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल
    25 May 2022
    वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
  • varanasi
    विजय विनीत
    बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?
    25 May 2022
    पिछले दो महीनों में गंगा में डूबने वाले 55 से अधिक लोगों के शव निकाले गए। सिर्फ़ एनडीआरएफ़ की टीम ने 60 दिनों में 35 शवों को गंगा से निकाला है।
  • Coal
    असद रिज़वी
    कोल संकट: राज्यों के बिजली घरों पर ‘कोयला आयात’ का दबाव डालती केंद्र सरकार
    25 May 2022
    विद्युत अभियंताओं का कहना है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 11 के अनुसार भारत सरकार राज्यों को निर्देश नहीं दे सकती है।
  • kapil sibal
    भाषा
    कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन
    25 May 2022
    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछले 16 मई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License