NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
राजस्थान : सरकार ने बिजली के दामों में की बढ़ोतरी, लोग नाराज़, बड़े विरोध की तैयारी
बिजली की बढ़ी हुई दरें एक फरवरी 2020 से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद से ही राजस्थान में लोगों में गुस्सा है, और इसका विरोध तेज़ हो रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Feb 2020
Protest
फाइल फोटो

इस महीने की शुरुआत में राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दी, जबकि उन्हीं की पार्टी ने दिल्ली चुनाव में दिल्ली में 600 यूनिट बिजली माफ देने के बाद कही थी। लेकिन राजस्थान जहाँ उनकी सरकार है वहां मुफ़्त बिजली तो छोड़िए बल्कि वर्तमान दर में भी बढ़ोतरी की है। सरकार ने कहा कि राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में बिजली कंपनियों की याचिका पर निर्णय देते हुए दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। 

इसमें सभी श्रेणियों की दरें बढ़ाई गई हैं, जिसके चलते औसतन 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके मुताबिक घरेलू, कृषि और औद्योगिक श्रेणियों में 11 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। बढ़ी हुई दरें एक फरवरी 2020 से लागू करने के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद से ही राजस्थान में लोगो का गुस्सा है, और इसका विरोध हो रहा है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीएम) ने बिजली की दरों में की गई भारी बढ़ोतरी को राजस्थान की आम जनता व उपभोक्ताऔ के साथ विश्वासघात बताया है। सीपीएम नेताओं ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बिजली की दरों में 5 साल तक कोई बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था और अब इस एक साल बाद ही भारी भरकम बढ़ोतरी कर दी गई है।

सीपीएम ने आगे कहा कि राजस्थान देश के पिछड़े हुए राज्यों में शुमार है इसलिए सरकार को गरीबों का ध्यान रखते हुए कम उपभोग करने वालों को फ्री बिजली व 400 यूनिट तक उपभोग करने वालों को बिजली बिलों में 50% की छूट देनी चाहिए लेकिन कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं कर अपना आमजन विरोधी चेहरा ही दिखाया है। सीपीएम ने बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है।

कितनी बढ़ोतरी हुई है?

राजस्थान सरकार के नए फैसले के मुताबिक फरवरी महीने का बिल लगभग 15 से 20 फीसदी तक बढ़ा हुआ आएगा। प्रति यूनिट 95 पैसे की बढ़ोतरी के अलावा बिजली बिल में आने वाले फिक्स चार्ज भी 25 रुपये से लेकर 115 रुपये प्रतिमाह बढ़ा दिये गये हैं।

पहले 151 से 300 यूनिट तक बिजली जलाने पर ₹6.40 पैसे प्रति यूनिट लिए जाते थे जिसकी जगह अब 7.35 पैसे वसूले जायेंगे। इस बिल के लिए फिक्स चार्ज भी ₹220 की जगह ₹275 प्रतिमाह होगा। वहीं 301 से 500 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर पर अब 6.70 रुपये प्रति यूनिट की जगह 7.65 रुपये प्रति यूनिट देना होगा। वहीं फिक्स चार्ज की बात करें तो वह 265रुपये से बढ़कर 345 रुपये हो गया है। इसी तरह 500 से अधिक यूनिट की बिजली खपत पर 7.15रुपये प्रति यूनिट की जगह ₹7.95 प्रति यूनिट बिल का भुगतान करना होगा। साथ ही फिक्स चार्ज भी 250 रुपये से बढ़कर 400रुपये हो गया है।

वहीं किसानों के बिजली कनेक्शन के फिक्स चार्ज और एग्रीकल्चर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है मगर इसका भार राजस्थान सरकार उठाएगी। इसके साथ ही गरीब परिवारों यानी किसानों और बीपीएल के 2,469 करोड़ रुपये का भार राजस्थान सरकार अपने खजाने से देगी।

सीपीएम सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़को पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है, 13 फरवरी को हर गांव में बिजली में वृद्धि के आदेशों की प्रतियां को जलाया गया तथा उपखंड कार्यालयों व जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया गया।

सीपीएम नेता किशन परिक ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह फ़ैसला पूरी तरह जनविरोधी है। उन्होंने कहा सरकार ने अपने इस फैसले में उद्योग को तो बिजली बिल में राहत दी है लेकिन आम जनता से पैसे वसूल रही है। उन्होंने इसमें भारी भ्रष्टाचार की बात भी कही। उन्होंने बताया कि राजस्थान में सबसे कम खर्च है बिजली उत्पादन में लेकिन सरकारों ने जानबूझ कर सरकारी थर्मल प्लांट को खत्म कर दिया। अब नए निजी प्राइवेट प्लांट बनाए गए या बहार से बिजली खरीदी गई है जिससे बिजली की लागत बढ़ गई। इसके अलावा पुरे विभाग में भारी भ्रष्टाचार है जिसका नतीजा है की बिजली विभाग घाटे में हैं।

सीपीएम और किसान सभा ने सरकार को आगाह किया है कि अगर जल्द ही इस वृद्धि को वापस नहीं लिया गया तो वो इसके खिलाफ व्यापक जन अंदोलन करेंगे। सीपीएम ने 23 मार्च भगत सिंह के शहादत दिवस के दिन राजधानी जयपुर में विशाल विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इससे पहले जिले और ब्लॉक स्तर पर विरोध प्रदर्शन जारी है।

Rajasthan
Rajasthan sarkar
Increases electricity prices
electricity
ashok gehlot
CPM
CPIM
Protests

Related Stories

हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

सूडान में तख्तापलट के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन जारी, 3 महीने में 76 प्रदर्शनकारियों की मौत

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की

राजस्थान: REET अभ्यर्थियों को जयपुर में किया गया गिरफ़्तार, बड़े पैमाने पर हुए विरोध के बाद छोड़ा


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License