NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान: क्या एक हो गए हैं अशोक गहलोत और सचिन पायलट?
नए मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही संतुष्ट नज़र आ रहे हैं और इसी से उम्मीद की जा रही है कि दोनों के बीच जारी अंदरूनी कलह फिलहाल शांत हो गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Nov 2021
Ashok Gehlot and Sachin Pilot
फाइल फोटो।

बीते लंबे समय से राजस्थान की सियासत में गुटबाज़ी का माहौल गर्म है। पिछले तीन साल से जारी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुटों के बीच रस्साकशी क्या रविवार 21 नवंबर को हुए मंत्रिमंडल के फेरबदल के बाद शांत हो जाएगी, ये सवाल सभी को उलझाए हुए है। रविवार को राजभवन में 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों ने शपथ लिया। इससे पहले शनिवार को कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान की गहलोत सरकार ने सभी मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफे ले लिए थे। जिसके बाद अब राज्य में बने नए मंत्रिमंडल के चेहरों और गुटबाज़ी ख़त्म करने के लिए दोनों गुटों से मंत्री बनाने से काफ़ी कुछ स्पष्ट हो गया।

एक ओर नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पहले मीडिया से हुई बातचीत में सचिन पायलट ने मामले के सुलझने के संकेत दिए, तो वहीं शपथ के पहले पीसीसी में और शपथ ग्रहण के बाद मीडिया को दिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान से भी स्पष्ट नज़र आ रहा है कि पार्टी की नज़र अब राज्य में अगले चुनाव के बाद भी सत्ता में बने रहने पर होगी।

क्या गहलोत और पायलट एक हो गए?

मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मीडिया को बताया कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए थे, उनका समाधान हो गया है। उन्होंने ये भी कहा कि सभी नेताओं से चर्चा करने के बाद इतना बड़ा फेरबदल हुआ है।

इस दौरान सचिन पायलट ने कहा, "यहां लोग सोचते हैं कि राजस्थान में परिवर्तन होगा, हमें उस सोच को ख़त्म करना है। राजस्थान में 2023 में हम फिर सरकार बनाएंगे।"

वहीं शपथ ग्रहण के बाद राजभवन से निकलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा कि सभी लोग बहुत खुश हैं। सभी वर्गों और कार्यकर्ताओं का सम्मान करने के लिए नई कैबिनेट बनी है। प्रयास किया है कि एससी/एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक सभी को कैबिनेट में लिया जाए।

उन्होंने कहा, "अगले चुनाव की तैयारी आज से शुरू हो गई है। हमारी जनता की सरकार से जो अपेक्षाएं हैं, उन्हें पूरा करके दिखाएंगे। हम जनता की भावनाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे और अगली बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब होंगे।"

सीएम गहलोत ने शपथ ग्रहण के पहले विधायकों की बैठक के दौरान राज्य कांग्रेस के कार्यालय में कहा, "राजस्थान में बार-बार सरकार बदलती है, लेकिन इस बार सरकार रिपीट करके दिखाएंगे। पूरी कांग्रेस एकजुट है।"

बता दें कि राजस्थान में जब गहलोत सरकार बनी थी, तब पायलट और गहलोत के कोटे से मंत्रियों को बनाया गया था। पिछले साल सचिन पायलट की बगावत के बाद उनके कैंप से मंत्री बने प्रताप सिंह खाचरियावास, प्रमोद जैन भाया, उदयसिंह आजना गहलोत खेमे में गए थे। इसके बाद पायलट गुट तीनों ही मंत्रियों को हटाने की मांग कर रहा था। ऐसे में सामूहिक इस्तीफ़े के बाद अब यह विवाद एक बार के लिए खत्म हो गया दिखाई पड़ रहा है। इसके अलावा ये भी साफ़ हो गया है कि राजस्थान कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह को मिटा कर 2023 विधानसभा चुनावों की तैयारी का आगाज़ किया जा चुका है।

क्या है पूरा मामला?

राजस्थान की कैबिनेट में रविवार को जिन मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजन लाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत के नाम शामिल हैं। वहीं राज्य मंत्री बनने वालों में जाहिदा ख़ान, बृजेंद्र सिंह ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारी लाल मीणा हैं।

इस बार सचिन पायलट अपने चार समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कराने में कामयाब हुए हैं। पायलट समर्थक विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की कैबिनेट में वापसी हुई है। बगावत के दौरान दोनों के मंत्री पद छीन लिए गए थे। जबकि पायलट खेमे के बृजेंद्र ओला और मुरारी लाल मीणा को राज्यमंत्री बनाया गया है।

राज्य में दलित मंत्री न होने की बात कई बार सचिन पायलट ने उठाई थी और अब चार दलित विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा जानकार मानते हैं कि पायलट के समर्थक कुछ अन्य विधायकों को संसदीय सचिव, बोर्ड चैयरमैन और अन्य राजनीतिक नियुक्तियों में भी शामिल किया जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के ताज़ा फेरबदल में सचिन पायलट अपने समर्थकों को सम्मानजनक पद दिलाने में कामयाब रहे हैं।

2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी?

गौरतलब है कि नए मंत्रिमंडल की बनावट को देखते हुए लगता है कि ताज़ा फेरबदल राज्य के 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसलिए सभी वर्गों के मंत्री बनने से लेकर, महिला मंत्रियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। भंवर लाल मेघवाल के निधन के बाद राज्य में कोई भी दलित कैबिनेट मंत्री नहीं था। ऐसे में अब दलित वोट बैंक साधने के लिए चार दलित विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इनमें से तीन कैबिनेट और एक राज्यमंत्री हैं।

महेंद्रजीत सिंह मालवीय, जिनकी आदिवासी क्षेत्र में मज़बूत राजनीतिक पकड़ है, उन्हें इस बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। साथ ही पायलट समर्थक एसटी वर्ग के रमेश मीणा और मुरारी मीणा को भी मंत्री बनाया गया है। राज्य में पहले जहां ममता भूपेश अकेली महिला मंत्री थीं, लेकिन अब शकुंतला रावत को कैबिनेट और जाहिदा ख़ान को राज्य मंत्री बनाया गया है।

ऐसे ही जाट नेता गोविंद सिंह डोटासरा की जगह राम लाल जाट और ब्राह्मण जाति के रघु शर्मा की जगह महेश जोशी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। नया मंत्रिमंडल बनाने में क्षेत्र और वर्ग का ख़ास ध्यान रखा गया है, ये चीज़ साफ़ नज़र आ रही है।

हालांकि नए मंत्रिमंडल में किसी भी निर्दलीय विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है। ऐसे में सरकार बचाने में अहम भूमिका निभाने वाले इन विधायकों पर सबकी नज़र होगी। लेकिन इतना तो तय है कि जिस मकसद से ये पूरा विस्तार किया गया है, वो अभी के लिए सफल होता जरूर दिखाई दे रहा है। मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही संतुष्ट नज़र आ रहे हैं और इसी से उम्मीद की जा रही है कि दोनों के बीच जारी अंदरूनी कलह फिलहाल शांत हो गई है।

Rajasthan
ashok gehlot
sachin pilot
Congress

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

ED के निशाने पर सोनिया-राहुल, राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले क्यों!

ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया

राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ

‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप


बाकी खबरें

  • Hijab controversy
    भाषा
    हिजाब विवाद: बेंगलुरु के कॉलेज ने सिख लड़की को पगड़ी हटाने को कहा
    24 Feb 2022
    सूत्रों के अनुसार, लड़की के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटायेगी और वे कानूनी राय ले रहे हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय और सरकार के आदेश में सिख पगड़ी का उल्लेख नहीं है।
  • up elections
    असद रिज़वी
    लखनऊ में रोज़गार, महंगाई, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन रहे मतदाताओं के लिए बड़े मुद्दे
    24 Feb 2022
    लखनऊ में मतदाओं ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर वोट डाले। सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन की बहाली बड़ा मुद्दा था। वहीं कोविड-19 प्रबंधन, कोविड-19 मुफ्त टीका,  मुफ्त अनाज वितरण पर लोगों की अलग-अलग…
  • M.G. Devasahayam
    सतीश भारतीय
    लोकतांत्रिक व्यवस्था में व्याप्त खामियों को उजाकर करती एम.जी देवसहायम की किताब ‘‘चुनावी लोकतंत्र‘‘
    24 Feb 2022
    ‘‘चुनावी लोकतंत्र?‘‘ किताब बताती है कि कैसे चुनावी प्रक्रियाओं की सत्यता को नष्ट करने के व्यवस्थित प्रयासों में तेजी आयी है और कैसे इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
  • Salempur
    विजय विनीत
    यूपी इलेक्शनः सलेमपुर में इस बार नहीं है मोदी लहर, मुकाबला मंडल-कमंडल के बीच होगा 
    24 Feb 2022
    देवरिया जिले की सलेमपुर सीट पर शहर और गावों के वोटर बंटे हुए नजर आ रहे हैं। कोविड के दौर में योगी सरकार के दावे अपनी जगह है, लेकिन लोगों को याद है कि ऑक्सीजन की कमी और इलाज के अभाव में न जाने कितनों…
  • Inequality
    प्रभात पटनायक
    आर्थिक असमानता: पूंजीवाद बनाम समाजवाद
    24 Feb 2022
    पूंजीवादी उत्पादन पद्धति के चलते पैदा हुई असमानता मानव इतिहास में अब तक पैदा हुई किसी भी असमानता के मुकाबले सबसे अधिक गहरी असमानता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License