NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
राजस्थान के एक अफसर ने महिलाओं से स्वेच्छा से भूमि अधिकार छोड़ने को कहा
महिला संगठनों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विश्व बैंक के मुताबिक़ भारत में एकल महिला मुखिया वाले परिवार की वृद्धि दर 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
द लीफ़लेट
26 Aug 2021
राजस्थान के एक अफसर ने महिलाओं से स्वेच्छा से भूमि अधिकार छोड़ने को कहा

कई महिला संगठनों ने राजस्थान के एक तहसीलदार की तरफ़ से जारी उस बयान की निंदा की है, जिसमें जनता से अपील की गई है कि महिलाओं को स्वेच्छा से खातेदारी (माता-पिता की कृषि भूमि) से अपना अधिकार छोड़ देना चाहिए। महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले समूहों ने इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए दिगौड तहसील के तहसीलदार दिलीप सिंह प्रजापति को तत्काल निलंबित करने की मांग की है, जिन्होंने एक चिट्ठी लिखी थी, जिसका शीर्षक था-'रक्षा बंधन को यादगार बनाओ, बहनों से स्वेच्छा से अपने अधिकारों का त्याग करवाओ।'

तहसीलदार ने अपने पत्र में कहा था, “किसी खातेदार की मृत्यु के बाद उसकी जगह उसकी बेटी, बेटे और पत्नी का नाम लिया जाता है। हालांकि, पीढ़ियों से परंपरा तो यही रही है कि बहनें और बेटियां पैतृक कृषि भूमि और अचल संपत्ति से अपना हिस्सा नहीं लेती हैं और इसके बजाय अपने ससुराल की संपत्ति से अपना हिस्सा लेती हैं। कुछ महिलाएं स्वेच्छा से इस अधिकार को छोड़ना चाहती हैं, लेकिन किसानों की ढिलाई और लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो पाता है।”

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL), एकल नारी शक्ति संगठन, वीमेन रिहेब्लिटेशन ग्रुप और अन्य समूहों की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया है, “यह चिट्ठी न सिर्फ राजस्थान की महिलाओं, बल्कि देश की सभी महिलाओं के लिए एक झटका है, जिससे हमें भूमि और राजस्व मामलों का एक अफसर महिलाओं के प्रति खुले तौर पर अपने पूर्वाग्रह वाले रवैये के साथ महिलाओं पर प्रहार कर रहा है।”

महिला संगठनों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विश्व बैंक के मुताबिक भारत में एकल महिला मुखिया वाले परिवार की वृद्धि दर 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। देश के लिए हुई 2011 की जनगणना के अनुसार, इसमें से कुल 11% परिवार अविवाहित महिलाएं थीं। राजस्थान जैसे राज्य में महिलाओं को उनके उन मूल अधिकारों से लगातार वंचित किया जाता रहा है, जिसमें शिक्षा, अपनी पसंद से विवाह, भूमि अधिकार शामिल हैं, और यहां महिलाओं की बेरोजगारी 28 प्रतिशत से भी अधिक है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जहां देश में कामकाजी उम्र के 67 प्रतिशत पुरुष कार्यरत थे,वहीं कामकाजी उम्र की सभी महिलाओं में से महज 9 प्रतिशत ही कार्यरत थीं।

इस प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, "यह सुनिश्चित करने के बजाय कि 2005 के संशोधित हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 6 के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू किया जाए, महिला और पुरुषों के बीच रोजगार में बढ़ती खाई के साथ-साथ चौंकाने वाला यह प्रेस नोट देश के इस कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है, जो स्पष्ट रूप से संशोधन से पहले या बाद में पैदा हुई बेटियों को बेटे की तरह ही संपत्ति में बराबर का अधिकार देता है। यह एक ऐसा अधिकार है, जो बेटे की तरह ही सभी बेटियों को जन्म के साथ मिला हुआ अधिकार है।”

इस बयान में यह भी आरोप लगाया गया है कि तहसीलदार की यह चिट्ठी "विनीता शर्मा बनाम राकेश शर्मा और अन्य" मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है, जिसमें यह कहा गया है कि बेटियों को धारा 6 द्वारा उन्हें दिए गए समानता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।

यह आलेख मूल रूप से द लीफलेट में प्रकाशित हुआ था।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Rajasthan Official Asks Women to Voluntarily Give up Rights to Land

women's rights
gender justice
Rajasthan

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत

कांग्रेस चिंता शिविर में सोनिया गांधी ने कहा : गांधीजी के हत्यारों का महिमामंडन हो रहा है!

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

जोधपुर में कर्फ्यू जारी, उपद्रव के आरोप में 97 गिरफ़्तार

राजस्थान में मस्जिद पर भगवा, सांप्रदायिक तनाव की साज़िश!

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

तलाक़शुदा मुस्लिम महिलाओं को भी है गुज़ारा भत्ता पाने का अधिकार 

करौली हिंसा पर फैक्ट फाइंडिंग:  संघ-भाजपा पर सुनियोजित ढंग से हिंसा भड़काने का आरोप


बाकी खबरें

  • श्रुति एमडी
    किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप
    18 May 2022
    खनन की अनुमति 3 फ़ीट तक कि थी मगर 20-30 फ़ीट तक खनन किया जा रहा है।
  • मुबाशिर नाइक, इरशाद हुसैन
    कश्मीर: कम मांग और युवा पीढ़ी में कम रूचि के चलते लकड़ी पर नक्काशी के काम में गिरावट
    18 May 2022
    स्थानीय कारीगरों को उम्मीद है कि यूनेस्को की 2021 की शिल्प एवं लोककला की सूची में श्रीनगर के जुड़ने से पुरानी कला को पुनर्जीवित होने में मदद मिलेगी। 
  • nato
    न्यूज़क्लिक टीम
    फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने
    17 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के विस्तार के रूप में फिनलैंड-स्वीडन के नेटो को शामिल होने और तुर्की के इसका विरोध करने के पीछे के दांव पर न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सोनिया यादव
    मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!
    17 May 2022
    देश में मैरिटल रेप को अपराध मानने की मांग लंबे समय से है। ऐसे में अब समाज से वैवाहिक बलात्कार जैसी कुरीति को हटाने के लिए सर्वोच्च अदालत ही अब एकमात्र उम्मीद नज़र आती है।
  • ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    17 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की। कोर्ट ने कथित शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित रखने और नमाज़ जारी रखने के आदेश दिये हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License