NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उच्च न्यायालय में रिलायंस का हलफ़नामा झूठे दावों से भरा है: किसान समिति
‘‘रिलायंस इंडस्ट्री का हलफनामा झूठे दावों से भरा है कि वह कृषि बाजार में प्रवेश नहीं कर रही है और खेती की जमीन पर कब्जा नहीं कर रही है। रायगढ़, महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर, भूमि के बड़े हिस्से को रिलायंस ने अपने कब्जे में ले लिया है और उसे कोई भी झूठा दावा करने से पहले उन भूखंडों को वापस करना चाहिए।’’
भाषा
05 Jan 2021
उच्च न्यायालय

चंडीगढ़: रिलायंस के उसकी नेटवर्क अवसंरचना को नुकसान पहुंचाये जाने और उसके स्टोर को जबरदस्ती बंद कराये जाने के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख करने के कुछ घंटों बाद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि अदालत में फर्म द्वारा दायर हलफनामा ‘‘झूठे’’ दावों से भरा है।

देश में 250 किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा अदालत में दिया गया हलफनामा केवल ‘‘अपने व्यावसायिक हितों की पूर्ति करने की चाल’’ है।

समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘रिलायंस इंडस्ट्री का हलफनामा झूठे दावों से भरा है कि वह कृषि बाजार में प्रवेश नहीं कर रही है और खेती की जमीन पर कब्जा नहीं कर रही है। रायगढ़, महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर, भूमि के बड़े हिस्से को रिलायंस ने अपने कब्जे में ले लिया है और उसे कोई भी झूठा दावा करने से पहले उन भूखंडों को वापस करना चाहिए।’’

रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (आरजेआईएल) ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख कर उसकी नेटवर्क अवसंरचना को नुकसान पहुंचाने और उसके स्टोर को जबरदस्ती बंद कराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया।

रिलायंस ने कहा है कि देश में वर्तमान में जिन तीन कृषि कानूनों पर बहस हो रही है, उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, और इससे किसी भी तरह से उन्हें लाभ नहीं है।

कंपनी ने कहा कि वह ‘‘कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग’’ नहीं करती है और उसने ‘‘कॉरपोरेट’ या ‘कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग’ के उद्देश्य से पंजाब/हरियाणा या भारत में कहीं भी, किसी भी कृषि भूमि को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं खरीदा है।’’

Punjab and Haryana High Court
Reliance
Jio
kisan samiti
Reliance Jio Infocomm Limited

Related Stories

जारी रहेगी पारंपरिक खुदरा की कीमत पर ई-कॉमर्स की विस्फोटक वृद्धि

फरीदाबाद : आवास के मामले में सैकड़ों मजदूर परिवारों को हाईकोर्ट से मिली राहत

आंशिक जीत के बाद एमएसपी और आपराधिक मुकदमों को ख़ारिज करवाने के लिए किसान कर रहे लंबे संघर्ष की तैयारी

फरीदाबाद की संजय नगर बस्ती पर रेलवे ने चलाया बुलडोज़र, उजड़ गए बरसों से रह रहे दलित मज़दूर परिवार

“हिरासत में हौसले तोड़ने की पुरज़ोर कोशिश की गई.... वो सिर्फ टांग तोड़ पाए.....”

मारा जा रहा है प्लेटफॉर्म और गिग कर्मियों का हक़ 

पुलिस थाने में मुझे कई बार बेरहमी से पीटा गया : नौदीप कौर

सरकार विवादास्पद कृषि क़ानूनों पर संसद क्यों नही जाती?

खोज ख़बर: जय किसान: रद्द हुआ संसद सत्र, जिओ हुआ परेशान

क्या अब बड़े उद्योगपतियों के खुद के बैंक होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License