NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
राहत पैकेज: एमएसएमई इकाइयों को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपये के क़र्ज़ की सुविधा
इसी के साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है। इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी। अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी। विपक्ष ने इस पूरे पैकेज को एक पाखंड बताया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
13 May 2020
Nirmala Sitharaman
Image Courtesy: NDTV

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसमएई) समेत उद्यमों को बिना गारंटी वाले 3 लाख करोड़ रुपये के क़र्ज़ की सुविधा देने की घोषणा की।

उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि इस स्वचालित क़र्ज़ सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के प्रेत्साहन पैकेज की घोषणा की थी।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह क़र्ज़ चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी।

इसके अलावा इस समय क़र्ज़ नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा।

सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई्र के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जिरये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी।

इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है। इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी। अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी।

उन्होंने कहा कि इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा के लिये कारोबार आधारित मानदंड बनाया गया है। इसके तहत 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली इकाइयां भी सूक्ष्म इकाइयां कहलाएंगी। मुख्य रूप से लघु इकाइयों को परिभाषित करने के लिये यह मानदंड लाया गया है।

सीतारमण ने कहा कि लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये निवेश और कारोबार सीमा बढ़ाने के जरिये उन्हें वित्तीय और अन्य लाभ उठाने की अनुमति दी गयी है।

उन्होंने यह भी कहा कि 200 करोड़ रुपये तक के लिये सरकारी खरीद को लेकर वैश्विक निविदा पर पाबंदी होगी। इससे एमएसएमई को सरकारी निविदाओं में भाग लेने, प्रतिस्पर्धा करने और आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।

आर्थिक पैकेज में गरीबों, प्रवासी मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं : चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज का जो ब्योरा पेश किया है उसमें गरीबों, प्रवासी मजदूरों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह देश के कमजोर वर्ग के 13 करोड़ लोगों के खातों में पैसे डाले।

चिदंबरम ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछली रात प्रधानमंत्री ने पैकेज की घोषणा की थी, हालांकि कुछ ब्योरा नहीं दिया था। वित्त मंत्री से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उन्होंने जो घोषणा की, उसमें गरीबों और प्रवासी कामगारों के लिए कुछ भी नहीं है।’’

पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया कि आज सबसे ज्यादा परेशान गरीब और प्रवासी श्रमिक हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें असहाय छोड़ दिया।

चिदंबरम के अनुसार, ‘‘इस पैकेज में मध्यम वर्ग के लिए भी कुछ नहीं है। उन्हें कोई वित्तीय सहयोग नहीं दिया गया है। आईटीआर की तारीख बढ़ाई गई है, लेकिन यह वित्तीय सहयोग का कदम नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि नीचे की बड़ी आबादी (13 करोड़ लोगों) के खातों में पैसे डालने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त मंत्री ने एमएसएमई इकाइयों के लिए कुछ सहयोग की घोषणा की, लेकिन यह बड़े एमएसएमई इकाइयों के लिए है। मुझे लगता है कि 6.3 करोड़ एमएसएमई इकाइयों को छोड़ दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम 20 हजार करोड़ रुपये के सबऑर्डिनेट फंड और 10 हजार करोड़ रुपये के कॉर्पस कोष का स्वागत करते हैं, लेकिन इसकी शर्तों के बारे में जानकारी का इंतजार है।’’

ममता ने भी की आलोचना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र संघीय व्यवस्था को ध्वस्त करने और आर्थिक पैकेज से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र के पैकेज में असंगठित क्षेत्र, सार्वजनिक व्यय और रोजगार सृजन के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र का विशेष आर्थिक पैकेज महज ‘एक बड़ा शून्य’ है, उसमें राज्यों के लिए कुछ नही है।

‘पैकेज के नाम पर पाखंड’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार के इस तथाकथित पैकेज को महज़ दिखावा और एक दूर की कौड़ी कहा। अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “जिन्हें तत्काल और तुरंत मदद की जरूरत है वे सड़कों पर भूखे घूम रहे हैं या कहीं से भोजन की तलाश कर रहे हैं। यह करोड़ों लोगों के सामने मौजूद अस्तित्व के संकट के लिए पूरी तरह असंवेदनशील है।”

yechuri.JPG

Lockdown
Narendra modi
Nirmala Sitharaman
Relief package
mamta banerjee
CPI
Sitaram yechury

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License