NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमीर देशों ने पांच प्रमुख COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट की लगभग 51% आपूर्ति का सौदा किया: ऑक्सफ़ैम
अध्ययन के अनुसार, अमीर देश जो कि वैश्विक आबादी का लगभग 13% हैं उन्होंने वैक्सीन कैंडिडेट के लिए आपूर्ति के एक बड़े हिस्से का सौदा किया है।
पीपल्स डिस्पैच
18 Sep 2020
 COVID-19

हालिया एक अध्ययन में पाया गया है कि अमीर देशों के एक समूह ने विभिन्न COVID-19 वैक्सीन कंडिडेट के लिए आधे से अधिक आपूर्ति सौदों पर एकाधिकार बना लिया है। गुरुवार 17 सितंबर को एक बयान में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने पांच सबसे सफल COVID-19 वैक्सीन कंडिडेट के उत्पादकों द्वारा किए गए सौदों पर एक अध्ययन का विवरण जारी किया। इस अध्ययन के निष्कर्ष उस दिन जारी किए गए थे जब जी-20 राष्ट्रों के स्वास्थ्य और वित्त मंत्री COVID-19 महामारी पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे थे।

इस अध्ययन ने एस्ट्राज़ेनेका, गामालिया / स्पुतनिक, मॉडर्ना, फाइज़र और सिनोवैक द्वारा विकसित किए जा रहे पांच वैक्सीन कंडिडेट पर किए गए सौदों का विश्लेषण किया जो क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच गए हैं। इन कंडिडेट टीकों की संयुक्त रुप से कुल वादा की गई आपूर्ति लगभग 5.94 बिलियन खुराक है जिनमें से 5.3 बिलियन से अधिक खुराक के लिए सौदे किए गए हैं।

कुल मिलाकर अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, इज़रायल, हांगकांग-मकाऊ और यूरोपीय संघ जैसे स्विट्जरलैंड देश को बेचने या बेचने की पेशकश करने के लिए उत्पादकों द्वारा 2.73 बिलियन खुराक का सौदा किया गया है। यह लगभग 51% वैक्सीन की मात्रा उन राष्ट्रों को जा रही है जो कि वैश्विक जनसंख्या का केवल 13% है।

बाकी 2.57 बिलियन की खुराक भारत, चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और मैक्सिको जैसे बड़ी आबादी वाले विकासशील देशों में वितरित की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूके ने इस तरह के सौदों के माध्यम से सबसे अधिक प्रति व्यक्ति खुराक अर्थात प्रति व्यक्ति पांच खुराक हासिल की है जबकि बांग्लादेश को हर नौ लोगों पर केवल एक खुराक के अनुसार सबसे कम मिला है।

सभी आपूर्तिकर्ताओं के बीच ये प्रवृत्ति समान नहीं है। उदाहरण के लिए मॉडर्ना ने केवल अमीर देशों के साथ सौदे किए हैं और अमेरिकी सरकार से 2.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की धनराशि प्राप्त करने के बावजूद वैक्सीन से इसे केवल लाभ कमाने का इरादा है।

इस बीच यूके स्थित एस्ट्राज़ेनेका ने विकासशील देशों को अपने वादा किए गए टीके की आपूर्ति का लगभग दो-तिहाई हिस्सा देने का वादा किया है, जिसमें COVAX एडवांस मार्केट कमिटमेंट (एएमसी) वैक्सिन पूलिंग इनिशिएटिव के 300 मिलियन से अधिक खुराक का सौदा शामिल है।

दुनिया भर के हेल्थ एक्टिविस्टों ने ग़रीब देशों की कीमत पर इस वैक्सीन की आपूर्ति पर चिंता जाहिर करते हुए अमीर देशों को लेकर चिंता व्यक्त की है। ऑक्सफैम के अनुसार, तीसरे चरण के सभी पांच वैक्सीन कंडिडेट की अत्यधिक असंभव मामले में जो की सफल होने जा रहा है वह अभी भी आधी दुनिया का टीकाकरण करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।

COVID-19
COVID-19 vaccine
Oxfam
Coronavirus
International news

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • शलका चौहान
    कैसे जहांगीरपुरी हिंसा ने मुस्लिम रेहड़ी वालों को प्रभावित किया
    04 May 2022
    महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने मुस्लिम रेहड़ी वालों की आर्थिक गतिविधियों का काफ़ी कम कर दिया है, अब सांप्रदायिक नफ़रत ने उनके ख़िलाफ़ हमले और भेदभाव की घटनाओं में भी इज़ाफ़ा किया है।
  • loudspeaker
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े
    04 May 2022
    हिजाब, बुलडोज़र की राजनीति के बाद एक बार फिर देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने के लिए लाउडस्पीकर का हथकंडा अपनाया जा रहा है। जिन राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उन्हें…
  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    स्कूलों की तरह ही न हो जाए सरकारी विश्वविद्यालयों का हश्र, यही डर है !- सतीश देशपांडे
    04 May 2022
    नई शिक्षा नीति देश में हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय जैसे संस्थान स्थापित करने की वकालत करती है लेकिन शिक्षाविद ऐसे प्रस्तावों को लेकर आश्वस्त नहीं है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर सतीश देशपांडे मानते…
  • unemployment
    मुरली कृष्णन
    क्या भारत महामारी के बाद के रोज़गार संकट का सामना कर रहा है?
    04 May 2022
    भारत का रोजगार बाजार लगातार संकुचित होता जा रहा है, और कुशल कामगारों के लिए कार्यबल में प्रवेश कर पाना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। सरकार की ओर से की जाने वाली नौकरी की मुहिम और अनौपचारिक…
  • Cuba
    पीपल्स डिस्पैच
    क्यूबा में नाकाबंदी ख़त्म करने की मांग को लेकर उत्तरी अमेरिका के 100 युवाओं का मार्च
    04 May 2022
    "भविष्य निर्माण करो, नाकाबंदी खत्म करो!"
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License