NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
बनारस की युवा महिला पत्रकार रिज़वाना तबस्सुम ने खुदकुशी की
वाराणसी के लोहता की रहने वाली रिज़वाना स्वतंत्र पत्रकार थी। वो न्यूज़क्लिक, द वायर, दिप्रिंट,  बीबीसी, एशियाविल, द क्विंट समेत कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों के लिए लिखा करती थीं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 May 2020
रिज़वाना तबस्सुम

बनारस (वाराणसी) की रहने वाली युवा महिला पत्रकार रिज़वाना तबस्सुम नहीं रहीं। उन्होंने आज, सोमवार सुबह अपने आवास पर आत्महत्या कर ली। हालांकि वे इसके लिए क्यों मजबूर हुईं यह बहुत साफ़ नहीं है। बताया जा  रहा है कि वे अपने कमरे के राइटिंग बोर्ड पर एक नाम लिखकर गई हैं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने उनके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिज़वाना की आत्महत्या की खबर मिलते ही पूरी पत्रकार बिरादरी में शोक की लहर दौड़ गई है।

बनारस के लोहता की रहने वाली रिज़वाना स्वतंत्र पत्रकार थी। वो न्यूज़क्लिक, द वायर, दिप्रिंट,  बीबीसी, एशियाविल, द क्विंट समेत कई प्रतिष्ठित समाचार संस्थानों के लिए लिखा करती थीं। इससे पहले उन्होंने महिलाओं द्वारा चलाए जाने वाले ‘ख़बर लहरिया’ नामक संस्थान में लंबे समय तक काम किया था। रिज़वाना ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी।

परिवार वालों के मुताबिक, रिज़वाना रात में करीब साढ़े दस बजे सबसे बातचीत करके अपने कमरे में सोने गई थी। सुबह जब वह देर तक नहीं उठी तब परिवारवालों को शक हुआ। उसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया।

उनके मुताबिक रिज़वाना किसी भी तरह के तनाव में नहीं थी। न्यूज़क्लिक को ही उन्होंने रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे कोरोना में वाराणसी के हाल पर एक रिपोर्ट मेल की। उनके दोस्तों का कहना है कि रिज़वाना पत्रकारिता के अलावा सामाजिक कार्यों में भी बहुत सक्रिय रहती थी। कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान भी वह लोगों को राशन पहुंचाने के काम में सक्रिय थी। जरूरतमंदों की लिस्ट बनाकर गैरसरकारी संगठनों की सहायता से उन्होंने 100 से ज्यादा परिवारों की इस दौरान मदद की थी।

रिज़वाना बेहद प्रतिभाशाली पत्रकार थीं। उन्होंने ढेरों ख़बरें लिखी। इनमें से कई न्यूज़क्लिक पर पढ़ी जा सकती हैं। ज़िंदादिल, जुझारू और तेज़तर्रार पत्रकार रिज़वाना के आत्महत्या करने से सभी स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके जानने वाले लगातार इस संबंध में पोस्ट कर रहे हैं। 

varanasi
banaras
Rizavana Tabassum
journalist
Commits Suicide
suicide case
UP police
Rizwana Tabassum

Related Stories

बनारस : गंगा में डूबती ज़िंदगियों का गुनहगार कौन, सिस्टम की नाकामी या डबल इंजन की सरकार?

बनारस : गंगा में नाव पलटने से छह लोग डूबे, दो लापता, दो लोगों को बचाया गया

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बनारस: आग लगने से साड़ी फिनिशिंग का काम करने वाले 4 लोगों की मौत

यूपी: आज़मगढ़ में पुलिस पर दलितों के घर तोड़ने, महिलाओं को प्रताड़ित करने का आरोप; परिवार घर छोड़ कर भागे

संविदा कर्मी ने की खुदकुशी : लगाया महिला आईपीएस अधिकारी पर आरोप

विकास दुबे तो मारा गया, लेकिन अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया!

दिल्ली: कोविड-19 से संक्रमित पत्रकार ने एम्स की इमारत से कूदकर आत्महत्या की

कानपुर: हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला, डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद

उन्नाव कांड का पूरा ब्योरा, जिसके बारे में हर किसी को जानने की ज़रूरत है


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License