NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
उन्नाव घटना का विरोध कर रहे एसएफआई के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया, योगी सरकार के इस्तीफ़े की मांग
एसएफआई के साथ कईं और प्रगतिशील छात्र व महिला संगठन उत्तर प्रदेश भवन के बाहर राज्य की योगी सरकार में महिलाओं व दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार के मामलों के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Feb 2021
SFI

उत्तर प्रदेश भवन के बाहर उन्नाव घटना का विरोध कर रहे छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरैशन ऑफ इंडिया के सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बुधवार को देर शाम एक खेत में तीन दलित नाबालिग लड़कियां बेहोशी की हालत में कथित तौर पर कपड़े से बंधी पाई गईं थीं। अस्पताल ले जाने पर तीन में से दो को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं तीसरी को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखा गया है। पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक दोनों लड़कियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई है।

एसएफआई के साथ कईं और प्रगतिशील छात्र व महिला संगठन उत्तर प्रदेश भवन के बाहर राज्य की योगी सरकार में महिलाओं व दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार के मामलों के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे थे।

छात्रों की मांग थी कि हाथरस की तरह इस मामले में ढिलाई न बरतते हुए प्रशासन इस केस की उचित जांच करे और वेंटीलेटर पर ज़िंदगी के लिए लड़ती तीसरी बच्ची को बेहतर चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई जाए।

राज्य में बढ़ते दलितों व महिलाओं के खिलाफ अत्याचार में सरकार की नाकामी के खिलाफ छात्र संगठनों ने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तत्काल इस्तीफा मांगा।

प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने भारी संख्या में तैनाती और वाटर कैनन का बंदोबस्त किया हुआ था। एसएफआई का आरोप है कि उत्तर प्रदेश भवन के बाहर जैसे ही प्रदर्शनकारी पहुंचे, पुलिस ने उनसे दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और एक-एक कर के सब को जबरन हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए सभी प्रदर्शनकारियों को मंदिर मार्ग थाने ले जा कर तीन घंटे बाद छोड़ दिया गया। छात्रों ने थाने में भी प्रदर्शन जारी रखा और नारीबाज़ी की।

एसएफआई के दिल्ली राज्य अध्यक्ष सुमित कटारिया ने पुलिस के 'दमनकारी बर्ताव' की निंदा करते हुए कहा, “पुलिस का आज छात्रों को हिरासत में लेना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकार पर हमला है।”

उन्होंने घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार के मामले योगी सरकार की गुंडा राज की छवि दिखाता है। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारने में पूरी तरह से विफल रही है। उनके राम राज में अल्पसंख्यकों और महिलाओं का दमन हो रहा है।"

एसएफआई की एक और सदस्य अदिति ने कहा, “भाजपा शासित राज्यों में दलितों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की आंकड़े और अपराधियों को सरकार का संरक्षण, संघी सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।"

UttarPradesh
UP Government
UP police
unnao
Unnao Case
SFI
SFI Protest

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव


बाकी खबरें

  • yogi
    अजय कुमार
    उत्तर प्रदेश : बिल्कुल पूरी नहीं हुई हैं जनता की बुनियादी ज़रूरतें
    09 Feb 2022
    लोगों की बेहतरी से जुड़े सरकारी मानकों के निगाह से देखने पर उत्तर प्रदेश में घाव ही घाव नजर आते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग़रीबी बेरोज़गारी के के हालात इतने बुरे हैं कि लगता है जैसे योगी सरकार ने इन…
  • देबांगना चैटर्जी
    फ़्रांस में खेलों में हिजाब पर लगाए गए प्रतिबंध के ज़रिये हो रहा है विभाजनकारी, भेदभावपूर्ण और ख़तरनाक खेल
    09 Feb 2022
    फ़्रांस में धर्मनिरपेक्षता को बरक़रार रखने के लिए खेलों में हिजाब और दूसरे "सुस्पष्ट धार्मिक चिन्हों" पर प्रतिबंध लगाने की कवायद पूरी तरह से पाखंड, भेदभाव और राजनीतिक हितों से भरी नज़र आती है। आख़िरकार…
  • Modi
    अजय गुदावर्ती
    मोदी की लोकप्रियता अपने ही बुने हुए जाल में फंस गई है
    09 Feb 2022
    अलोकप्रिय नीतियों के बावजूद पीएम की चुनाव जीतने की अद्भुत कला ही उनकी अपार लोकप्रियता का उदाहरण है। जहाँ इस लोकप्रियता ने अभी तक विमुद्रीकरण, जीएसटी और महामारी में कुप्रबंधन के बावजूद अच्छी तरह से…
  • unemployment
    कौशल चौधरी, गोविंद शर्मा
    ​गत 5 वर्षों में पदों में कटौती से सरकारी नौकरियों पर छाए असुरक्षा के बादल
    09 Feb 2022
    संघ लोकसेवा आयोग द्वारा 2016-17 में भर्ती किए गए कुल उम्मीदवार 6,103 की तदाद 2019-20 में 30 फीसदी घट कर महज 4,399 रह गई।
  • SP MENIFESTO
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जनता की उम्मीदों पर कितना खरा होगा अखिलेश का ‘वचन’
    09 Feb 2022
    समाजवादी पार्टी ने अपने कहे मुताबिक भाजपा के बाद अपने वादों का पिटारा खोल दिया, इस बार अखिलेश ने अपने घोषणा पत्र को समाजवादी वचन पत्र का नाम दिया, इसमें किसानों, महिलाओं, युवाओं पर विशेष ध्यान दिया…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License