NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सबरीमाला मामला : कानूनी सवालों को और बड़ी पीठ को सौंपने पर विचार 
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और आस्था से संबंधित मुद्दों से जुड़े सात सवाल तैयार किए हैं जिनपर नौ सदस्यीय संविधान पीठ विचार करेगी।
भाषा
10 Feb 2020
Sabrimala
Image courtesy: Livelaw

दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसकी पांच सदस्यीय पीठ सबरीमाला मामले में पुनर्विचार के सीमित अधिकार का इस्तेमाल करने के दौरान कानूनी सवालों को वृहद पीठ को सौंप सकती है। 

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और आस्था से संबंधित मुद्दों से जुड़े सात सवाल तैयार किए हैं जिनपर नौ सदस्यीय संविधान पीठ विचार करेगी।

न्यायालय का विभिन्न धर्मों में धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे के बारे में तैयार किए गए इन सवालों पर 17 फरवरी से दैनिक आधार पर सुनवाई करने का विचार है।

पीठ द्वारा तैयार किए गए सात सवालों में धार्मिक स्वतंत्रता का दायरा और धार्मिक स्वतंत्रता तथा विभिन्न धार्मिक पंथों की आस्था की स्वतंत्रता के बीच पारस्परिक असर का सवाल भी शामिल है।

इसने कहा कि नौ सदस्यीय पीठ संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और विभिन्न धार्मिक पंथों के अधिकारों के बीच उसकी भूमिका पर भी विचार करेगी।

पीठ धार्मिक परंपराओं के संबंध में न्यायिक समीक्षा की सीमा और अनुच्छेद 25(2)(बी) में उल्लिखित ‘हिन्दुओं के वर्गों’ से तात्पर्य के बारे में भी विचार करेगी।

यही नहीं, न्यायालय इस बात पर भी विचार करेगा कि क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो किसी धर्म या धार्मिक पंथ विशेष का सदस्य नहीं होते हुए भी उस धर्म से जुड़ी धार्मिक आस्थाओं पर जनहित याचिका के माध्यम से सवाल उठा सकता है।

शीर्ष अदालत ने विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों को यह सूचित करने का निर्देश दिया कि वे किसका प्रतिनिधत्व कर रहे हैं और इसी के बाद पीठ उन्हें बहस के लिए समय आबंटित करेगी

पीठ ने कहा कि केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता 17 फरवरी को बहस शुरू करेंगे और उनके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरन बहस करेंगे।

नौ सदस्यीय संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत शामिल हैं।

विभिन्न धर्मों में महिलाओं के साथ पक्षपात से संबंधित मुद्दों को 14 नवंबर, 2019 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बृहद पीठ को सौंपा था।

इस पीठ ने सबरीमीला मामले के साथ ही मस्जिदों और दरगाहों में महिलाओं के प्रवेश और गैर पारसी व्यक्ति से विवाह करने वाली पारसी महिला को अज्ञारी के पवित्र अग्नि स्थल पर प्रवेश से वंचित करने की परंपरा से जुड़े मुद्दे वृहद पीठ के पास भेजे थे ताकि धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित मामलों के बारे में एक न्यायिक नीति तैयार की जा सके।

इससे पहले, सितंबर, 2018 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत से केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं का प्रवेश वर्जित करने संबंधी व्यवस्था खत्म करते हुए इसे गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था। 

sabrimala
sabrimala temple issue
supreme court on sabrimala
Supreme Court
Justice Bobde
Religious Freedom
Constitution of India

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • Chhattisgarh
    रूबी सरकार
    छत्तीसगढ़: भूपेश सरकार से नाराज़ विस्थापित किसानों का सत्याग्रह, कांग्रेस-भाजपा दोनों से नहीं मिला न्याय
    16 Feb 2022
    ‘अपना हक़ लेके रहेंगे, अभी नहीं तो कभी नहीं’ नारे के साथ अन्नदाताओं का डेढ़ महीने से सत्याग्रह’ जारी है।
  • Bappi Lahiri
    आलोक शुक्ला
    बप्पी दा का जाना जैसे संगीत से सोने की चमक का जाना
    16 Feb 2022
    बप्पी लाहिड़ी भले ही खूब सारा सोना पहनने के कारण चर्चित रहे हैं पर सच ये भी है कि वे अपने हरफनमौला संगीत प्रतिभा के कारण संगीत में सोने की चमक जैसे थे जो आज उनके जाने से खत्म हो गई।
  • hum bharat ke log
    वसीम अकरम त्यागी
    हम भारत के लोग: समृद्धि ने बांटा मगर संकट ने किया एक
    16 Feb 2022
    जनवरी 2020 के बाद के कोरोना काल में मानवीय संवेदना और बंधुत्व की इन 5 मिसालों से आप “हम भारत के लोग” की परिभाषा को समझ पाएंगे, किस तरह सांप्रदायिक भाषणों पर ये मानवीय कहानियां भारी पड़ीं।
  • Hijab
    एजाज़ अशरफ़
    हिजाब के विलुप्त होने और असहमति के प्रतीक के रूप में फिर से उभरने की कहानी
    16 Feb 2022
    इस इस्लामिक स्कार्फ़ का कोई भी मतलब उतना स्थायी नहीं है, जितना कि इस लिहाज़ से कि महिलाओं को जब भी इसे पहनने या उतारने के लिए मजबूर किया जाता है, तब-तब वे भड़क उठती हैं।
  • health Department
    एम.ओबैद
    यूपी चुनाव: बीमार पड़ा है जालौन ज़िले का स्वास्थ्य विभाग
    16 Feb 2022
    "स्वास्थ्य सेवा की बात करें तो उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों में सुधार के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। प्रदेश के जालौन जिले की बात करें तो यहां के जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक पिछले चार साल से…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License