NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बेच भाई बेच/ बोल इंडिया, तुझे दोबारा ग्रेट बनने से अब कौन बचाएगा!
क्या सोचा था, नया इंडिया सिर्फ गोमूत्र-गोबर बेचने से बन जाएगा। ...बात सिंपल है, पुराना भारत बिकेगा, तभी तो नया इंडिया बनेगा। पढ़िए राजेंद्र शर्मा का कटाक्ष
राजेंद्र शर्मा
09 Feb 2021
बेच भाई बेच/ बोल इंडिया
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार: economic times

ये अपोजीशन वाले क्या समझते हैं? ये रोकेंगे और मोदी जी इंडिया को फिर से ग्रेट बनाने से रुक जाएंगे? हर्गिज नहीं! दोस्ती अपनी जगह, पर मोदी जी को ट्रम्प और उनके इंडिया को अमेरिका समझने की गलती कोई नहीं करे। मोदी जी कोई काम अधूरा नहीं छोड़ते। वह किसी के रोके रुकने वाले नहीं हैं; इंडिया को ग्रेट बनाकर ही छोड़ेंगे। अगर विरोधी जिद्दी हैं तो मोदी जी सुपर जिद्दी हैं। बल्कि सुपर-डुपर। फैला लें ये किसानों के बाद अब, बजट में बेचा-बेची को लेकर देश-दुनिया में भ्रम। मोदी जी शहर-शहर में मंत्रियों की सीरियल प्रेस कान्फ्रेंसों की सर्जिकल स्ट्राइक करा देंगे और सारे भ्रम मिटा देंगे। विरसे में मिला माल-मत्ता बेचकर खाना ही महान बनने का रास्ता है, सब को ठोक-पीट कर समझा देंगे। और अगर किसी बाहर वाले ने जरा सा भी मुंह खोला तो, उसके पीछे सचिन से लेकर, विदेश मंत्रालय तक को ‘हमारे अंदरूनी मामले में बाहरवालों का क्या काम है’ का डंडा देकर लहका देंगे। दिल्ली पुलिस से इंटरनेशनल साजिश की दो-चार इंटरनेशनल एफआईआर और करा देंगे। बोल इंडिया, तुझे दोबारा ग्रेट बनने से अब कौन बचाएगा!

वैसे भी यह जो सड़क, हवाई अड्डा, बंदरगाह, रेल, बिजली, पानी, तेल, कोयला वगैरह बेचने के बाद बैंकों और बीमा को बेचने पर इतना शोर मच रहा है, हमें तो इसकी कोई तुक ही नजर नहीं आती है। जो बना है, उसे बिकना है, बाजार की दुनिया का यही नियम है। बेचना नहीं था तो बनाया ही क्यों? बच्चों का खेल थोड़े ही है। जब नेहरू जी वगैरह बना रहे थे, तब जो लोग ईंट-पत्थर की चीजों में आजादी देखते थे, अब ईंट-पत्थर की चीजों से आजादी से घबरा रहे हैं और बेच दिया, बेच दिया का शोर मचा रहे हैं। जरूर इन्हें लैफ्टिस्ट भडक़ा रहे हैं। हम पूछते हैं कि ये बेचने के विरोधी उस वक्त कहां थे, जब मोदी जी से पहले वाले बिजली, सडक़, वगैरह बेच रहे थे? तब तो किसी ने विरोध नहीं किया। मोदी जी की बारी आयी तो अब बेच दिया-बेच दिया का शोर मचा रहे हैं। यह राष्ट्रविरोधी षडयंत्र नहीं तो और क्या है?

हो रहे हैं, षडयंत्र खूब ही हो रहे हैं। सच पूछिए तो षडयंत्र ही षडयंत्र हो रहे हैं। नेशनल से लेकर इंटरनेशनल तक, एंटीनेशनल षडयंत्र हो रहे हैं। पहले सिर्फ कश्मीर-वश्मीर के मामले में होते थे। फिर पुलवामा, एनआरसी वगैरह के मामले में होने लगे। अब तो मामूली से मामूली बात के लिए भारत-विरोधी षडयंत्र हो जाते हैं। अर्णव गोस्वामी की चैट लीक होने की तो छोड़िए, मुनव्वर के अजन्मे जोक के मामले में भी। किसान आंदोलन के पीछे के इंटरनेशनल टूलकिट षडयंत्र का तो खैर दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ ही कर दिया है। शाह जी के मार्गदर्शन में पुलिस ने मुस्तैदी नहीं दिखाई होती, तो भारतविरोधियों ने टूलकिट से न जाने क्या-क्या नहीं किया होता! पुलिस ने जरा सी ढिलाई दिखाई तो लाल किले पर इस टूलकिट ने क्या किया, ये सब ने देखा। ये षडयंत्रकारी तो इतने गिर गए हैं कि छोटी-छोटी बच्चियों से ट्वीट करा के, भारत को बदनाम कर रहे हैं। अपनी बदनामी तो खैर मोदी जी बर्दाश्त भी कर लें, पर ये षडयंत्री तो भारत को, उसकी एक-एक चीज को बदनाम कर रहे हैं। मोदी जी असम में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे तो उन्हें पता चला और उन्होंने फौरन पूरे देश को एलर्ट किया कि असम की चाय के खिलाफ भी षडयंत्र हुआ है, उसे भी बदनाम किया जा रहा है। खैर! इंडियावालों को क्या डर? अब तक ऐसा कोई षडयंत्र बना ही नहीं है, मोदी जी को अपने मन की करने से रोक सकता हो।

वैसे भी यह कोई नहीं भूले कि मोदी जी नया इंडिया बना रहे हैं। क्या सोचा था, नया इंडिया सिर्फ गोमूत्र-गोबर बेचने से बन जाएगा या नया इंडिया अमुक-अमुक को उनकी औकात बताने या खून को मिलावट से बचाने या मंदिर वगैरह बनवाने पर ही रुक जाएगा। बात सिंपल है, पुराना भारत बिकेगा, तभी तो नया इंडिया बनेगा। वह तो मोदी जी का गुजराती बिजनस सेंस है कि पुराने इंडिया को बिकवा रहे हैं; कबाड़ से भी चार पैसे देश को दिला रहे हैं। बल्कि खरीददारों से पहले से दोस्ती करने की अपनी दूरदर्शिता से, इस कबाड़ का ठीक-ठाक दाम दिला रहे हैं। वर्ना सेंट्रल विस्टा की तरह, नया इंडिया बनाने के लिए, मोदी जी पुराना भारत गिरवा ही देते तो? पब्लिक को गांठ से तुड़वाई, मलबे के सफाई-ढुलाई के पैसे और देने पड़ते! तब न्यू इंडिया की बनवाई का बजट कहां तक जाता! अब प्लीज कोई ये मत पूछना कि न्यू इंडिया बनाने के लिए, पुराना सब बेचना क्यों जरूरी है? ये नेहरू जी से खुन्नस का मामला हर्गिज नहीं है और समाजवाद से दुश्मनी का मामला है न अम्बानी-अडानी से दोस्ती है। ये तो फलसफे का मामला है। नये के आने के लिए, पुराने को जाना ही होगा। भारतीय राजनीति को जो ऑमलेट सिद्धांत चौ0 देवीलाल ने दिया था, मोदी जी ने उसे इकॉनामी तक पहुंचा दिया है। सूत्र वही है--अंडा टूटेगा, तभी तो ऑमलेट बनेगा! पब्लिक सेक्टर बिकेगा, तभी तो शेयर बाजार उठेगा। सो बेच भाई बेच! बस, यह कोई न पूछे कि ऑमलेट खाएगा कौन? जो ऑर्डर देकर नया इंडिया बनवाएगा, जो ऐसा नया इंडिया बनाने वालों को गद्दी तक पहुंचाएगा, हर मुश्किल से उनकी गद्दी को बचाएगा, जाहिर है कि वही ऑमलेट खाएगा।           

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और लोकलहर के संपादक हैं।)

इसे भी पढ़ें : 'सेल' पर है देश, बोलो क्या ख़रीदोगे!

sarcasm
new india
new india reality
Narendra modi
BJP
privatization
Union Budget 2021-22
Nirmala Sitharaman

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2 हज़ार नए मामले, 71 मरीज़ों की मौत
    19 Mar 2022
    देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,075 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.06 फ़ीसदी यानी 27 हज़ार 802 हो गयी है।
  • Nehru
    न्यूज़क्लिक टीम
    पैगाम-ए-आज़ादी। जवाहरलाल नेहरु पर लेक्चर अदित्या मुख़र्जी द्वारा। लोकतंत्रशाला
    18 Mar 2022
    पैगाम-ए-आजादी श्रंखला लोकतंत्रशाला और न्यूजक्लिक की एक संयुक्त पहल है, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर केंद्रित है। श्रृंखला का यह व्याख्यान जवाहरलाल नेहरू पर केंद्रित होगा और आदित्य…
  • असद शेख़
    ओवैसी की AIMIM, मुसलमानों के लिए राजनीतिक विकल्प या मुसीबत? 
    18 Mar 2022
    यूपी चुनाव के परिणाम आ चुके हैं, भाजपा सरकार बनाने जा रही है, इस परिप्रेक्ष्य में हम ओवैसी की पार्टी से जुड़े तीन मुख्य मुद्दों पर चर्चा करेंगें– पहला ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल…
  • neo librelism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवादी व्यवस्था में पाबंदियों का खेल
    18 Mar 2022
    रूस के ख़िलाफ़ अब तक जो पाबंदियां लगायी गयी हैं, उनमें सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रूसी बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं को, पश्चिमी दुनिया के वित्तीय ताने-बाने से काटे जाने का ही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    विज्ञापन में फ़ायदा पहुंचाने का एल्गोरिदम : फ़ेसबुक ने विपक्षियों की तुलना में "बीजेपी से लिए कम पैसे"  
    18 Mar 2022
    रिपोर्ट्स में पता चला है कि 2019-2020 में हुए दस चुनावों में से नौ में बीजेपी को कांग्रेस की तुलना में विज्ञापनों के लिए फ़ेसबुक पर 29 फ़ीसदी कम कीमत चुकानी पड़ी थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License