NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
सावित्रीबाई फुले : खेती ही ब्रह्म, धन-धान्य है देती/अन्न को ही कहते हैं परब्रह्म
आज भारत की प्रथम महिला शिक्षिका और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन है। वे एक शानदार कवि भी थीं। ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उनकी कुछ कविताओं के अंश-
न्यूज़क्लिक डेस्क
03 Jan 2021
सावित्रीबाई फुले

भारत की प्रथम महिला शिक्षिका और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले का आज जन्मदिन है।

3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र में उनका जन्म हुआ। सावित्रीबाई एक शानदार कवि भी थीं।

उन्होंने मराठी में दो कविता पुस्तकें लिखीं। पहला कविता संग्रह ‘काव्य फुले’ 1854 में छपा और दूसरा ‘बावनकशी सुबोधरत्नाकर’ नाम से 1891 में आया। जिसको सावित्रीबाई ने अपने जीवनसाथी ज्योतिबा फुले के परिनिर्वाण के बाद उनकी जीवनी के रूप में लिखा था। मराठी से उनकी कविताओं के पूरे अनुवाद तो प्राप्त नहीं हो पाए हैं, लेकिन सोशल मीडिया से उनकी कुछ कविताओं की पंक्तियां ज़रूर प्राप्त हुई हैं। आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं सावित्रीबाई फुले की कुछ मराठी कविताओं के हिंदी में अनुदित अंश-

औरतों के लिए वे लिखती हैं-

पौ फटने से गोधुली तक, महिला करती श्रम

पुरुष उसकी मेहनत पर जीता है, मुफ्तखोर

पक्षी और जानवर भी मिलकर काम करते हैं

क्या इन निकम्मों को मनुष्य कहा जाए?

इसी तरह मनुवाद पर प्रहार करते हुए वे कहती हैं-

शूद्रों का दर्द

दो हज़ार वर्ष से भी पुराना है

ब्राह्मणों के षड्यंत्रों के जाल में

फंसी रही उनकी ‘सेवा ’

हिंदू धर्म के कर्मकांडो-पाखंडों पर सावित्रीबाई लिखती हैं-

पत्थर को सिंदूर लगाकर

जिसे बना दिया देवता

असल में था, वह पत्थर ही

और जिस तरह आज किसान आंदोलन जारी है। उसी को लेकर उन्होंने जो लिखा, वो हमें हिंदी में उपलब्ध कराया है हमारे समय की प्रख्यात कवि-समीक्षक और जामिया में प्रोफ़ेसर हेमलता महीश्वर ने। पढ़िए खेती-किसानी के बारे में सावित्री बाई फुले क्या लिखती हैं-

खेती ही ब्रह्म। धन-धान्य है देती।

अन्न को ही कहते हैं परब्रह्म।

शुद्र करते खेती। मनुष्य है खाता।

पकवान भोगते। हम लोग सारे।

शराबी जैसा बोलते, वैसी करनी हैं करते

स्वार्थी नीति है। मुखर वाचालों की।

जो खेती करते हैं। वो ज्ञान साधते हैं।

उन ज्ञानवानों को। चलो सुखी बनाएँ।

और आपको यह भी बता दें कि आज सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन और उन्हीं की प्रेरणा से देशभर में महिलाएं किसानों के समर्थन में भी खड़ी हो रही हैं। आज भयंकर बारिश में दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसानों के बीच भी महिलाएं पहुंची हैं और गीत और नारों से पूरे माहौल को गुंजा दिया है। वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने पलवल के पास से इसे रिपोर्ट किया। आप भी सुनिए-

Savitribai Phule
Savitribai Phule Birth Anniversary
Sunday Poem
Hindi poem
farmers protest
women empowerment

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

साल 2021 : खेत से लेकर सड़क और कोर्ट तक आवाज़ बुलंद करती महिलाएं

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

जीत कर घर लौट रहा है किसान !


बाकी खबरें

  • अनिंदा डे
    मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी
    28 Apr 2022
    मरीन ले पेन को 2017 के चुनावों में मिले मतों में तीन मिलियन मत और जुड़ गए हैं, जो  दर्शाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद धुर-दक्षिणपंथी फिर से सत्ता के कितने क़रीब आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे
    28 Apr 2022
    महामारी के भयंकर प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर 100 दिन की 'कोविड ड्यूटी' पूरा करने वाले कर्मचारियों को 'पक्की नौकरी' की बात कही थी। आज के प्रदर्शन में मौजूद सभी कर्मचारियों…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज 3 हज़ार से भी ज्यादा नए मामले सामने आए 
    28 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,303 नए मामले सामने आए हैं | देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 16 हज़ार 980 हो गयी है।
  • aaj hi baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    न्यायिक हस्तक्षेप से रुड़की में धर्म संसद रद्द और जिग्नेश मेवानी पर केस दर केस
    28 Apr 2022
    न्यायपालिका संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में जरूरी हस्तक्षेप करे तो लोकतंत्र पर मंडराते गंभीर खतरों से देश और उसके संविधान को बचाना कठिन नही है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित धर्म-संसदो के…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान
    28 Apr 2022
    आजकल भारत की राजनीति में तीन ही विषय महत्वपूर्ण हैं, या कहें कि महत्वपूर्ण बना दिए गए हैं- जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र। रात-दिन इन्हीं की चर्चा है, प्राइम टाइम बहस है। इन तीनों पर ही मुकुल सरल ने…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License