NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कहिए कि ‘धर्म संसद’ में कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा : न्यायालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से कहा
पीठ ने कहा, “हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त आश्वासन सार्वजनिक रूप से कहने और सुधारात्मक उपायों से अवगत कराने का निर्देश देते हैं।
भाषा
26 Apr 2022
SC

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह अदालत में सार्वजनिक रूप से यह कहें कि रुड़की में निर्धारित ‘धर्म संसद’ में कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा।         

कार्यक्रम बुधवार को होना है।        

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उत्तराखंड सरकार द्वारा दिए गए इस आश्वासन पर गौर किया कि अधिकारियों को विश्वास है कि आयोजन के दौरान कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा और इस अदालत के फैसले के अनुसार सभी कदम उठाए जाएंगे।

पीठ में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, “हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त आश्वासन सार्वजनिक रूप से कहने और सुधारात्मक उपायों से अवगत कराने का निर्देश देते हैं।”

पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जहां एक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर नफरत भरे भाषण दिए गए थे।

Supreme Court
dharm sansad
UTTARAKHAND

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

उत्तराखंड के ग्राम विकास पर भ्रष्टाचार, सरकारी उदासीनता के बादल


बाकी खबरें

  • रश्मि सहगल
    RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 
    25 Apr 2022
    “मौजूदा सरकार संसद के ज़रिये ज़बरदस्त संशोधन करते हुए RTI क़ानून पर सीधा हमला करने में सफल रही है। इससे यह क़ानून कमज़ोर हुआ है।”
  • मुकुंद झा
    जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
    25 Apr 2022
    “आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
  • रवि शंकर दुबे
    कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?
    25 Apr 2022
    कांग्रेस को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं।
  • विजय विनीत
    ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?
    25 Apr 2022
    "चंदौली के किसान डबल इंजन की सरकार के "वोकल फॉर लोकल" के नारे में फंसकर बर्बाद हो गए। अब तो यही लगता है कि हमारे पीएम सिर्फ झूठ बोलते हैं। हम बर्बाद हो चुके हैं और वो दुनिया भर में हमारी खुशहाली का…
  • सत्येन्द्र सार्थक
    आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?
    25 Apr 2022
    सरकार द्वारा बर्खास्त कर दी गईं 991 आंगनवाड़ी कर्मियों में शामिल मीनू ने अपने आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा- “हम ‘नाक में दम करो’ आंदोलन के तहत आप और भाजपा का घेराव कर रहे हैं और तब तक करेंगे जब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License