NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
जी 20 द्वारा ग़रीब देशों के लिए घोषित छह महीने तक ऋण निलंबन पर कई समूहों ने निराशा व्यक्त की
विभिन्न समूहों और एक्टिविस्टों ने ग़रीब देशों के सभी बाहरी ऋणों को रद्द करने की मांग की है ताकि वे कोरोनोवायरस महामारी के चलते पैदा हुए आर्थिक और स्वास्थ्य संकट का सामना कर सकें।
पीपल्स डिस्पैच
15 Oct 2020
जी 20 द्वारा ग़रीब देशों के लिए घोषित छह महीने तक ऋण निलंबन पर कई समूहों ने निराशा व्यक्त की

विभिन्न ऋण-विरोधी समूहों (anti-debt groups) और एक्टिविस्ट ने सबसे ग़रीब देशों के लिए ऋण भुगतान निलंबन में छह महीने के विस्तार की जी 20 की घोषणा पर निराशा व्यक्त की है। इस फैसले की घोषणा बुधवार 14 अक्टूबर को जी 20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की एक वर्चुअल बैठक के बाद की गई।

ऋण भुगतान निलंबन को बढ़ाने का निर्णय ऋणी देशों को COVID-19 महामारी के कारण होने वाले स्वास्थ्य और आर्थिक संकट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए लिया गया था।

इस साल अप्रैल महीने में कोरोनोवायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बीच जी 20 और विश्व बैंक ने संयुक्त रूप से क़र्जदारों को आश्वस्त करने के लिए ऋण सेवा निलंबन पहल की शुरुआत की थी जिसमें ज्यादातर ग़रीब देश थे। इसने इस वर्ष के अंत तक ऋण चुकौती को निलंबित कर दिया था। बुधवार को की गई घोषणा के अनुसार अब देश जून 2021 तक अपने बाहरी ऋणों को चुकाने से बच सकते हैं।

अब तक सभी पात्र देशों में से केवल आधे देशों ने ही इस सुविधा का इस्तेमाल किया है। जी 20 ने दावा किया कि नए विस्तार से ग़रीब देशों को 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राहत मिलेगी। वे हेल्थ केयर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इस धन का इस्तेमाल कर सकते हैं और उनके डोमेस्टिक रिकवरी के लिए इस प्रोत्साहन पैकेज का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आलोचकों ने इस ऋण निलंबन को प्राप्त करने के मामले में गंभीर स्थितियों की ओर इशारा किया है क्योंकि यह कारण है कि अधिकांश ग़रीब देशों ने अभी तक इसका इस्तेमाल नहीं किया है। वे यह भी तर्क देते हैं कि ऋण चुकौती योजना से निजी देनदारों की अनुपस्थिति ने ग़रीब देशों पर इसके बेहतर प्रभाव को कम कर दिया है।

कई अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूहों जैसे सीआईवीआईसीयूएस ने हालांकि इस ऋण चुकौती की तारीख़ को केवल छह महीने तक बढ़ाने के निर्णय पर अपनी निराशा व्यक्त की है। वे कम से कम एक साल के लिए विस्तार की मांग कर रहे हैं। वे कहते रहे हैं कि कई देशों को स्वास्थ्य और अन्य जीवन रक्षक सेवाओं के बजाय ऋण चुकौती पर अधिक खर्च करने के लिए मजबूर किया जाता है और उन्हें अपने संसाधनों को इस अहम मोड़ पर शामिल करने लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

कई अन्य समूहों जैसे एशियन पीपल्स मूवमेंट ऑन डेब्ट एंड डेवलपमेंट और ऑक्सफैम जीबी ने ग़रीब देशों के लिए सभी बाहरी ऋणों को पूरी तरह से रद्द करने का आह्वान किया है।

G-20
Poor countries
COVID-19
Heath Sector
International news

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License