NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
संविधान और जनविरोधी रास्ते पर चल रही है शिवराज सरकार : माकपा
माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने कहा है कि विधानसभा सभा सत्र में भी साबित हो गया है कि यह सरकार किस प्रकार विधायकों के भी अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन कर रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Dec 2021
left

2014 के आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनावों की घोषणा कर शिवराज सरकार ने संविधान विरोधी कदम उठाया था, जिसे सर्वोच्च न्यायलय और विधानसभा के हस्तक्षेप के बाद उसे वापस लेने पर मज़बूर होना पड़ा है। इसपर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा चुनावों पर प्रत्याशियों का जो करोड़ों रुपए खर्च हुआ है, उसके लिए भी भाजपा ही जिम्मेदार है।

माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में पहले भाजपा का मनुवादी और फिर जनविरोधी चेहरा बेनक़ाब हुआ है। नगर निकाय चुनावों क़ो भी आगे सरका कर और अप्रत्यक्ष प्रणाली और गैर दलीय आधार पर चुनाव करवाने का निर्णय कर अपने कहे से ही पीछे हट रही है और तिकड़मबाजी और सत्ता के सहारे कब्जा करने की कोशिश कर रही है, जिसे मिलकर नाकाम करना होगा।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि विधानसभा सभा सत्र में भी साबित हो गया है कि यह सरकार किस प्रकार विधायकों के भी अभिव्यक्ति के अधिकार का हनन कर रही है। वर्ष 2020 में  शिवराज सरकार ने 113 मिनट में बिना बहस के 33 बिल पास करवाकर संसदीय लोकतंत्र का मज़ाक़ उड़ाया था और इस वर्ष 62 घंटे में 41 कानून बिना बहस के पारित करवाकर एक बार फिर विधानसभा क़ो ही हास्यास्पद बना दिया है। जबकि इन कानूनों में कई तो जनविरोधी और धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए खतरनाक कानून हैं।

 

माकपा नेता ने कहा है कि भाजपा सरकार का मज़दूर विरोधी चेहरा इससे ही उजागर हो जाता है कि निर्माण मज़दूरों के कल्याण का 416.33 करोड़ रूपये का भुगतान बिजली कम्पनियों क़ो कर इस सरकार ने बता दिया है कि इस सरकार क़ो मज़दूरों से ज्यादा चिंता बिजली कम्पनीयों की तिजोरियां भरने की है।


जसविंदर सिंह ने कहा है कि किसानों की लूट क़ो लेकर तो सरकार ने विधानसभा में ही भ्रामक बयान दिए हैं, ज़ब प्रदेश क़ो 20 लाख मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता है, तब सरकार कभी कहती है की पर्याप्त खाद है, कभी कहती है कि 16 लाख मीट्रिक टन और कभी 11 लाख मीट्रिक टन की बात करती है। जबकि किसानों को लगातार परेशानी हो रही है।
माकपा नेता ने कहा है इन सभी मुद्दों पर पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन की चर्चा 16 से 18 जनवरी तक होने वाले राज्य सम्मेलन में करेगी।

 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!
    27 Mar 2022
    पुनर्प्रकाशन : यही तो दिन थे, जब दो बरस पहले 2020 में पूरे देश पर अनियोजित लॉकडाउन थोप दिया गया था। ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं लॉकडाउन की कहानी कहती कवि-पत्रकार मुकुल सरल की कविता- ‘लॉकडाउन—2020’।
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    लीजिए विकास फिर से शुरू हो गया है, अब ख़ुश!
    27 Mar 2022
    ये एक सौ तीस-चालीस दिन बहुत ही बेचैनी में गुजरे। पहले तो अच्छा लगा कि पेट्रोल डीज़ल की कीमत बढ़ नहीं रही हैं। पर फिर हुई बेचैनी शुरू। लगा जैसे कि हम अनाथ ही हो गये हैं। जैसे कि देश में सरकार ही नहीं…
  • सुबोध वर्मा
    28-29 मार्च को आम हड़ताल क्यों करने जा रहा है पूरा भारत ?
    27 Mar 2022
    मज़दूर और किसान आर्थिक संकट से राहत के साथ-साथ मोदी सरकार की आर्थिक नीति में संपूर्ण बदलाव की भी मांग कर रहे हैं।
  • अजय कुमार
    महंगाई मार गई...: चावल, आटा, दाल, सरसों के तेल से लेकर सर्फ़ साबुन सब महंगा
    27 Mar 2022
    सरकारी महंगाई के आंकड़ों के साथ किराना दुकान के महंगाई आकड़ें देखिये तो पता चलेगा कि महंगाई की मार से आम जनता कितनी बेहाल होगी ?
  • जॉन पी. रुएहल
    क्या यूक्रेन मामले में CSTO की एंट्री कराएगा रूस? क्या हैं संभावनाएँ?
    27 Mar 2022
    अपने सैन्य गठबंधन, सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) के जरिये संभावित हस्तक्षेप से रूस को एक राजनयिक जीत प्राप्त हो सकती है और अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए उसके पास एक स्वीकार्य मार्ग प्रशस्त…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License