NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
भारत
राजनीति
गोवा : क्या आईआईटी का निर्माण आदिवासी अधिकारों के हनन से किया जाना चाहिए?
गोवा का मेलौली गाँव, जिसे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील गाँव माना जाता है, वहां के आदिवासी आईआईटी के निर्माण के लिए भूमि के सर्वेक्षण और सीमांकन की प्रक्रिया को रोकने के लिए तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं।
सुमेधा पाल
07 Jan 2021
Translated by महेश कुमार
गोवा

गोवा का मेलौली गाँव जो कि इको-सेंसिटिव या पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील जंगलाती गांव माना जाता है में, 700 से अधिक आदिवासी पिछले चार महीनों से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निर्माण की प्रक्रिया को रोकने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

ताजा घटना में, मंगलवार की सुबह (5 दिसंबर) को कई आदिवासियों जिनका नेतृत्व बड़े पैमाने पर महिलाएं कर रही थी ने सर्वेक्षणकर्ताओं को गांव में घुसने से रोक दिया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हे तितर-बितर करने के लिए पुलिस की भारी मौजूदगी के बीच सर्वेक्षणकर्ताओं को इलाके में भेजा गया था।

इस घटना के बारे में बात करते हुए एक्टिविस्ट डायना ट्रैवर्स ने न्यूज़क्लिक को बताया कि  मंगलवार को आदिवासी प्रदर्शनकारियों को घेरने के लिए 500 से अधिक पुलिस कर्मी मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिसकर्मी जीप, कार आदि लेकर आए थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया और न ही हमने पुलिस को लाठीचार्ज या गिरफ्तार करने का मौका दिया।”

उन्होंने आगे बताया कि "हम सभी (पुलिस कर्मियों से) उपजे खतरों के बावजूद अपनी खुद की जमीन पर मजबूती से खड़े रहे। उन्होंने सर्वेक्षणकर्ताओं को गाँव में घुसने के लिए कुछ अन्य तरीकों के इस्तेमाल की भी कोशिश की लेकिन हमने उसे भी नाकाम कर दिया।

मेलौली गाँव के लोगों का यह विरोध उनकी आजीविका की रक्षा करना तो है साथ ही वे इसे अपने भूमि अधिकारों को फिर से हासिल करने का जरिया भी मानते है, जो कि पूरी तरह से जंगल पर निर्भर हैं।

यह गाँव पश्चिमी घाट के सत्तुरी तालुका में पड़ता है। इस बाबत अक्टूबर 2018 के महीने में एक सरकारी अधिसूचना जारी की गई थी जिसके अनुसार ये गाँव तीन प्रमुख वन्यजीव इलाके पश्चिम के बोंडला, पूर्व में मैडी और दक्षिण में भगवान महावीर वन्यजीव के बीच में पड़ता है। 

अधिसूचना में बताया गया है कि ईएसए में 20,000 वर्ग मीटर से अधिक विस्तार वाले इलाके में किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है। आदिवासी अधिकारों पर काम करने वाले एक एक्टिविस्ट अभिजीत प्रभु देसाई ने बताया, "हालांकि, प्रस्तावित आईआईटी का निर्माण 15 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र में किया जाएगा, जो ईएसए मानदंडों का उल्लंघन करता है।"

उन्होंने आगे सवाल उठाया कि "क्या इस तरह के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील इलाके को नष्ट करने और आदिवासी अधिकारों का हनन करके शिक्षा संस्थान का निर्माण करने का कोई मतलब है? यहां आईआईटी के निर्माण के लिए सरकार के अवैध प्रयास में कई समस्याएं हैं- एक प्रमुख तो बात यह है कि यह आदिवासी भूमि है, जो पर्यावरण के अलावा, समुदाय और इसकी आजीविका के लिए जरूरी है ”

देसाई ने यह भी बताया कि विरोध करने वालों के अनुमानों के अनुसार, संस्थान के निर्माण पर  सरकार को लगभग 2 लाख पेड़ों को काटना होगा।

गाँव वालों के अनुसार, पूरी तरह से वनाच्छादित मेलौली गाँव वन भूमि के साथ-साथ कृषि के सह-अस्तित्व का भी एक उदाहरण है। भूमि पूरी तरह से देशज आदिवासी गौड़ा समुदाय के स्वामित्व में है, जो सैकड़ों वर्षों से इस भूमि पर रहते आए हैं, और जो काजू और अन्य जैविक उत्पादों की खेती करते हैं।

इस बीच, जैसा कि समुदाय का दावा है कि उन्हें भूमि के अधिकारों और उनके पट्टों से वंचित किया गया है, गोवा सरकार ने दावा किया है कि वे गतिरोध को तोड़ने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

आईआईटी के निर्माण का विरोध राज्य में चल रहे अन्य विरोध प्रदर्शनों के बीच में आया है, क्योंकि इस क्षेत्र में कॉर्पोरेट हितों में वृद्धि हुई है, जिससे यह इलाका भूमि संघर्ष का केंद्र बन गया है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Should an IIT Be Built by Massacring Tribal Rights: Activists in Goa Ask

goa
Goa tribals
IIT Goa
pramod sawant
BJP
Tribals India protests India
Melauli village
Adivasi Lives Matter
Tribal Land Rights
Tribal Land Acquisition

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी

जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी

अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

अपनी ज़मीन बचाने के लिए संघर्ष करते ईरुला वनवासी, कहा- मरते दम तक लड़ेंगे

सालवा जुडूम के कारण मध्य भारत से हज़ारों विस्थापितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग 

यूपी चुनाव परिणाम: क्षेत्रीय OBC नेताओं पर भारी पड़ता केंद्रीय ओबीसी नेता? 

अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति और मकान किराए के 525 करोड़ रुपए दबाए बैठी है शिवराज सरकार: माकपा

यूपी चुनाव में दलित-पिछड़ों की ‘घर वापसी’, क्या भाजपा को देगी झटका?


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License