NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
रूपेश प्रजापति केस : सुसाइड या जेल में हत्या? न्याय की भीख मांगता एक परिवार
रूपेश कुमार प्रजापति कौन है? आखिर उसके साथ क्या हुआ कि मानवाधिकार आयोग तक को संज्ञान लेना पड़ा, ये सवाल आज बेहद अहम हैं क्योंकि इन्हीं सवालों के जवाब हमें यह बताते हैं कि एक ताकतवर सिस्टम किस कदर एक आम नागरिक की जिंदगी को तबाह कर सकता है 
सरोजिनी बिष्ट
01 Nov 2021
 Rupesh Prajapati
रूपेश प्रजापति का परिवार

सीतापुर जिले के बिसवां ब्लॉक स्थित जलालपुर गांव जाने के लिए निकली तो मन में कई सवाल हलचल मचाने लगे। जिस मां बाप ने अपने 26 वर्षीय जवान बेटे को खोया है क्या वे कुछ बताने की स्थिति में होंगे। जो अभी मात्र दो साल पहले ही रूपेश की जिंदगी में उसकी जीवनसंगिनी बनकर आई, क्या वो इतनी चेतना में होगी कि कुछ कह सके। इन बेचैनियों और सवालों के साथ और अखिल भारतीय किसान महासभा के स्थानीय नेता संतराम और माले के बिसवां ब्रांच सचिव रामदास जी के सहयोग से मैं मृतक रूपेश प्रजापति के घर पहुंची। घर की दुर्दशा, बदहाली की कहानी कह रही थी। रूपेश के बड़े भाई राकेश ने हमें परिवार से मिलवाया और रूपेश के साथ क्या क्या हुआ सब बातें साझा की। 

रूपेश कुमार प्रजापति कौन है आखिर उसके साथ क्या हुआ कि मानवाधिकार आयोग तक को संज्ञान लेना पड़ा, परिवार क्यूं इंसाफ की लड़ाई लड़ रहा है, ये सवाल आज बेहद अहम हैं क्योंकि इन्हीं सवालों के जवाब हमें यह बताते हैं कि एक ताकतवर सिस्टम किस कदर एक आम नागरिक की जिंदगी को तबाह कर सकता है और तबाही इस हद तक कि उसकी जान की भी कोई कीमत न रह जाए।  बीते 25 अक्टूबर को लखनऊ जिला कारागार में रूपेश की मौत हो गई थी। रूपेश की करीब ढाई महीने पहले यानी 11 अगस्त को एक लूट के मामले में गिरफ्तारी हुई थी। इस मौत को कारागार प्रशासन ने आत्महत्या करार दिया गया था। उनकी ओर से जारी सूचना में कहा गया कि गया कि कारागार के सर्किल नंबर एक की बैरक में बंदी रूपेश का शव शौचालय के रोशनदान में गमछे से बंधे फांसी के फंदे पर लटका मिला। जेल प्रशासन के अनुसार, एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें रूपेश ने खुद को निर्दोष होने पर भी जेल भेजे जाने की बात लिखी है। लेकिन रूपेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारे तथ्य पलट दिए और एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रूपेश का सिर फटा मिला है। इसके अलावा पैरों में लाठियों से पिटाई के निशान भी मिले। यह चोटें एंटीमार्टम (मौत से पहले की) हैं। 

रूपेश प्रजापति

ये भी पढ़ें: राजस्थान में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, तमिलनाडु में चाकू से हमला कर ली जान

पोस्टमार्टम रिपोर्ट इशारा करती है कि बंदी की जेल में पहले पिटाई हुई, इसके बाद उसका शव फंदे से लटका दिया गया। डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि रूपेश के सिर में गहरा घाव था। यह चोट किसी भारी चीज के मारने से हुई थी। पैरों के तलवों में डंडे से इतना मारा गया था कि खून जम गया था। यह सभी चोट मौत से पहले की हैं। उसके गर्दन में कसाव का निशान तो था, लेकिन न तो कोई नस डैमेज हुई थी और न ही हड्डी टूटी मिली। इससे इसकी संभावना बढ़ जाती है कि पिटाई से मौत के बाद शव को लटकाया गया हो।

रूपेश एक कार चालक था। पिछले आठ वर्षों से वह गाड़ी चलाने का काम कर रहा था। परिवार के मुताबिक 2 अगस्त को कुछ सवारियां लेकर रूपेश लखनऊ के लिए निकला। इस बात से बिलकुल बेखबर कि जिनको वह लेकर जा रहा है वे सवारी लखनऊ लूट के इरादे से जा रही हैं। राकेश ने बताया लूट वाले स्थान से काफी पहले ही उन लोगों ने गाड़ी रुकवाकर वहीं रूपेश को उनके आने तक इंतजार करने को कहा और दूसरी गाड़ी से वहां तक गए जहां लूट का इरादा था। लूट का पैसा लेकर वे लोग फिर रूपेश की ही गाड़ी से वापस सीतापुर आ गए। राकेश कहते हैं सीसीटीवी कैमरे के कारण गाड़ी चिन्हित हुई और इसलिए रूपेश को भी गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि तलाशी में घर से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ तो वहीं पकड़े गए अन्य लोगों के घर से पुलिस ने लूट की रकम बरामद की। बावजूद इसके पुलिस ने रूपेश को गिरफ्तार किया।

उनके मुताबिक जिस दिन यानी 26 अगस्त की सुबह जब उन्हें रूपेश की आत्महत्या की खबर मिली। उससे एक दिन पहले ही उससे फोन पर बात हुई थी वह बहुत परेशान था और कह रहा था कि उसे यहां बहुत प्रताड़ित किया जा रहा है जितनी जल्दी हो सके उसे यहां से निकाल लो। परिवार का आरोप है कि शक तो उन्हें पहले ही था कि रूपेश आत्महत्या नहीं कर सकता लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यह पक्का कर दिया कि उसे मारा गया है। जिसमें उसके साथ बन्द अन्य बंदियों के साथ कारागार प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। 

ये भी पढ़ें: यूपी: कोविड-19 के असली आंकड़े छुपाकर, नंबर-1 दिखने का प्रचार करती योगी सरकार  

राकेश के मुताबिक जो गमछा उन्हें दिखाया गया कि इसी से रूपेश ने फांसी लगाई है वह गमछा तो कभी रुपेश के पास था ही नहीं। भाई के मुताबिक रूपेश को वे ही कपड़े देने जाते थे और उन्होंने कभी कोई गमछा रूपेश को नहीं दिया। परिवार का आरोप है कि जिस दिन वे और उनके रिश्तेदार, गांव वाले रूपेश का शव लेने जिला कारागार गए उस दिन भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। शव को भी नहीं देखने दिया गया और उल्टा धमकाया गया कि यदि यहां से सब लोग नहीं जाओगे तो सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी। परिवार का आरोप है कि रूपेश के साथ बन्द अन्य बंदियों और जेल के लोगों की मिली भगत ने उसकी जान ले ली। भाई राकेश कहते हैं वे चारों लोग जो लूट जे मामले में गिरफ्तार थे, पहले से ही रूपेश की जान के दुश्मन बने हुए थे तब भी उन्हें रूपेश के साथ एक ही बैरक में रखा गया। जबकि जेल प्रशासन से उन्होंने गुजारिश की थी कि रूपेश का बैरक बदल दिया जाए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जेल प्रशासन ने जो सुसाईड नोट मिलने की बात कही है, वह भी रूपेश का ही लिखा हुआ है या नहीं, इसकी भी जांच अभी बाकी है। 

रूपेश एक गरीब परिवार का बेटा था। बहुत मामूली सी खेती पर पूरा परिवार गुजारा करता है उसके पिता मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं और बड़े भाई राकेश रोजगार सेवक हैं जबकि दूसरा भाई पुष्कर खेती-बाड़ी का ही काम करते हैं। एक बहन है जो अभी अविवाहित है। घर में दो ही लोग रुपेश और उनके बड़े भाई राकेश ही कमाने आने वाले थे। 2 साल पहले ही रुपेश की शादी हुई थी। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के चलते रूपेश ने जल्दी ही नौकरी करना शुरू कर दिया था। पिता मेवालाल बताते हैं आठ सालों से उनका बेटा गाड़ी चलाने का काम करता था, तीन साल दिल्ली में भी गाड़ी चलाई, कभी कहीं से शिकायत नहीं मिली लेकिन 2 अगस्त की घटना ने उनकी जिंदगी तबाह कर दी। अपने बेटे की फोटो लिए बैठी रूपेश की मां सुनीता देवी केवल एक ही बात कह रही थीं कि काश उस दिन बेटा काम पर न जाता तो आज उनका बेटा उनकी आंख के सामने होता। सुनीता देवी कहती हैं जिस दिन पुलिस उनके बेटे को गिरफ्तार करने आई थी उन्होंने (मां ने) हाथ जोड़कर पुलिस से विनती की थी कि उसके बेटे की पिटाई न करना। लेकिन उन्हें क्या पता था कि बेटे को जान से ही मार दिया जाएगा।

बहरहाल इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच किसी एडीएम स्तर के अधिकारी से कराएं और रिपोर्ट तीन हफ्ते में प्रस्तुत करें। तो वहीं जेल मुख्यालय स्तर से जांच अधिकारी डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय ने बताया कि वह पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। बैरक में बन्द अन्य बंदियों और डयूटी पर तैनात बन्दी रक्षकों व जेल के अन्य कर्मियों के बयान दर्ज करने की बात भी कही। उनके मुताबिक कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है, एक जांच जिलाधिकारी द्वारा गठित कमेटी करेगी।

रूपेश के परिवार ने बिसवां के उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन भेजा है जिसमें उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच निष्पक्ष रूप से कराने की मांग के साथ परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की बात की है। रूपेश के भाई कहते हैं वे और उनका परिवार तब तक लड़ता रहेगा जब तक सच्चाई सामने नहीं आ जाती और रूपेश को इंसाफ नहीं मिल जाता। 

(लेखिका स्वतंत्र पत्रकार हैं) 

Rupesh Prajapati
Sitapur
murder case
Rupesh Prajapati case
UP police

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

तिरछी नज़र: कुछ भी मत छापो, श..श..श… देश में सब गोपनीय है


बाकी खबरें

  • सत्यम् तिवारी
    वाद-विवाद; विनोद कुमार शुक्ल : "मुझे अब तक मालूम नहीं हुआ था, कि मैं ठगा जा रहा हूँ"
    16 Mar 2022
    लेखक-प्रकाशक की अनबन, किताबों में प्रूफ़ की ग़लतियाँ, प्रकाशकों की मनमानी; ये बातें हिंदी साहित्य के लिए नई नहीं हैं। मगर पिछले 10 दिनों में जो घटनाएं सामने आई हैं
  • pramod samvant
    राज कुमार
    फ़ैक्ट चेकः प्रमोद सावंत के बयान की पड़ताल,क्या कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार कांग्रेस ने किये?
    16 Mar 2022
    भाजपा के नेता महत्वपूर्ण तथ्यों को इधर-उधर कर दे रहे हैं। इंटरनेट पर इस समय इस बारे में काफी ग़लत प्रचार मौजूद है। एक तथ्य को लेकर काफी विवाद है कि उस समय यानी 1990 केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।…
  • election result
    नीलू व्यास
    विधानसभा चुनाव परिणाम: लोकतंत्र को गूंगा-बहरा बनाने की प्रक्रिया
    16 Mar 2022
    जब कोई मतदाता सरकार से प्राप्त होने लाभों के लिए खुद को ‘ऋणी’ महसूस करता है और बेरोजगारी, स्वास्थ्य कुप्रबंधन इत्यादि को लेकर जवाबदेही की मांग करने में विफल रहता है, तो इसे कहीं से भी लोकतंत्र के लिए…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये
    16 Mar 2022
    किसी भी राजनीतिक पार्टी को प्रश्रय ना देने और उससे जुड़ी पोस्ट को खुद से प्रोत्सान न देने के अपने नियम का फ़ेसबुक ने धड़ल्ले से उल्लंघन किया है। फ़ेसबुक ने कुछ अज्ञात और अप्रत्यक्ष ढंग
  • Delimitation
    अनीस ज़रगर
    जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग ने प्रस्तावों को तैयार किया, 21 मार्च तक ऐतराज़ दर्ज करने का समय
    16 Mar 2022
    आयोग लोगों के साथ बैठकें करने के लिए ​28​​ और ​29​​ मार्च को केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करेगा।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License