NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
समय से पहले चुनावों कराने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति ने संसद भंग किया
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपाक्षे का लक्ष्य आगामी चुनावों में बहुमत हासिल करना है जो उन्हें राष्ट्रपति की शक्तियों को बढ़ाने के लिए संवैधानिक बदलाव करने की अनुमति देगा।
पीपल्स डिस्पैच
03 Mar 2020
राष्ट्रपति गोटाबाया

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपाक्षे ने 2 मार्च को 225सदस्यों वाली संसद को भंग कर दिया। 25 अप्रैल को समय से पहले संसदीय चुनावों का आह्वान करते हुए गोटाबाया ने शिकायत की कि पिछले साल नवंबर में कार्यालय में उनकी नियुक्ति के समय से उन्हें संसद की तरफ से आलोचना और जोरदार विरोध का सामना करना पड़ा था जिसने कथित तौर पर उन्हें "स्वतंत्र रूप से काम करने" में बाधा डाल दिया था।

संविधान राष्ट्रपति को पांच साल के कार्यकाल में साढ़े चार साल पूरे करने के बाद संसद को भंग करने की शक्तियां देता है। चुनाव आयोग के अनुसार 14 मई को नई संसद की बैठक होगी।

ईस्टर की बमबारी को रोकने और राष्ट्र की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्कालीन मैत्रिपाला सिरिसेना की अगुवाई वाली सरकार की असफलता ने सत्ता हासिल करने के लिए गोटाबाया का मार्ग प्रशस्त किया है। वह श्रीलंका के राष्ट्रपति पद को हासिल करने वाले पहले सैन्य अधिकारी बन गए।

पत्रकारों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने और उन्हें गायब करने को लेकर असंतुष्टों पर नकेल कसने की उनकी पिछली कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए देश में प्रगतिशील वर्गों सहित तमिल मतदाताओं की बड़ी आबादी ने उनके खिलाफ मतदान किया था।

पहले इनके पूर्ववर्ती नेताओं द्वारा किए गए संवैधानिक परिवर्तनों ने देश में राजनीतिक शक्ति के दो केंद्र बनाए हैं जो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच साझा किए जाते हैं। मुख्य रूप से प्रधानमंत्री को संसद के साथ-साथ अपने सरकार के मंत्रियों की अगुवाई का काम सौंपा जाता है।

इस बीच, गोटाबाया आगामी चुनावों में बहुमत हासिल करने का लक्ष्य बना रहे हैं जो उन्हें राष्ट्रपति की शक्तियों को बढ़ाने के लिए संवैधानिक बदलाव करने की अनुमति देगा।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Srilanka
Gotabaya Rajapaksa
Srilankan Election
Constitutional Amendments.

Related Stories

श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी

श्रीलंका में हिंसा में अब तक आठ लोगों की मौत, महिंदा राजपक्षे की गिरफ़्तारी की मांग तेज़

आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफ़ा, बुधवार तक कर्फ्यू लगाया गया

श्रीलंका में कर्फ्यू, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दिया

आइएमएफ की मौजूदगी में श्रीलंका के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को ख़तरा 

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

कौन हैं गोटाबाया राजपक्षे, जिसने पूरे श्रीलंका को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है

श्रीलंका का संकट सभी दक्षिण एशियाई देशों के लिए चेतावनी

श्रीलंका के नए वित्त मंत्री ने नियुक्ति के एक दिन बाद इस्तीफ़ा दिया

श्रीलंका में सत्ता पर राजपक्षे की पकड़ कमज़ोर हुई


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License