NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अंतरराष्ट्रीय
बढ़ते स्वास्थ्य संकट के बीच श्रीलंका ने "फूड इमरजेंसी" की घोषणा की
चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा इसके ख़िलाफ़ चेतावनी जारी करने के बावजूद गोटाबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार ने इस निर्णय की घोषणा की। विशेषज्ञों ने कहा कि इससे देश में स्वास्थ्य संकट और बढ़ सकता है।
पीपल्स डिस्पैच
08 Sep 2021
बढ़ते स्वास्थ्य संकट के बीच श्रीलंका ने "फूड इमरजेंसी" की घोषणा की
https://twitter.com/foodsafetyljm/status/1432991648036892673/photo/1

कोरोनो वायरस मामलों के रोजाना बढ़ते नए आंकड़ों ने फिर से श्रीलंका में हेल्थकेयर संकट को बढ़ा दिया है जिससे सरकार को देशव्यापी लॉकडाउन को 13 सितंबर तक बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मंगलवार 7 सितंबर को, COVID-19 से करीब 184 लोगों की मौत हो गई जिससे मौत का आंकड़ा बढ़कर 10,504 हो गया है। 

डेल्टा वैरिएंट के मामलों की संख्या बढ़ने के साथ तीसरी लहर तेजी से देश भर में फैल गई ऐसे में अधिकारियों ने अगस्त महीने में तीन सप्ताह का लॉकडाउन लगाया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आशंका है कि आने वाले हफ्तों में यह स्थिति और खराब हो सकती है।

6 सितंबर को अधिकारियों ने आवश्यक खाद्य पदार्थों के वितरण के लिए आपातकालीन नियमों की घोषणा की। यह आदेश राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार को चावल, धान और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक को जब्त करने की व्यापक शक्ति देती है। आपातकाल की यह घोषणा वर्तमान व्यवस्था को आवश्यक वस्तुओं के लिए खुदरा कीमतों को निर्धारित करने की अनुमति देगी।

225 में से 132 सांसदों के मतदान के साथ संसद में पारित फूड इमरजेंसी से "सैन्यीकरण और सैन्य नियंत्रण के सशक्त होने" की संभावना है। विपक्ष, आयातकों और व्यापारियों ने जोर देकर कहा कि यह लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करेगा और देश को अधिनायकवाद की ओर ले जाएगा।

इसके अलावा, खाद्य आपूर्ति को नियंत्रित करने वाले नियम खाद्य भंडार को नियंत्रित करने और खाद्य पदार्थों के परिवहन में उपयोग किए जाने वाले गोदामों और वाहनों को जब्त करने के लिए आयुक्त-जनरल के रूप में नियुक्त सैन्य अधिकारियों को अत्यधिक शक्ति देंगे। एक्टिविस्ट को डर है कि इस प्रक्रिया से लोगों का, विशेष रूप से आयातकों और व्यापारियों का, संरचनात्मक दमन होगा जिस पर सरकार "जमाखोरी" का आरोप लगाती है।

अधिकारियों का अनुमान है कि कुल सक्रिय मामलों की संख्या 63,000 को पार कर गई है। राष्ट्रपति सचिवालय के COVID-19 आंकड़ों के अनुसार, "अधिक संख्या में मौतें क्रमशः 71-80, 61-70 और 80 से अधिक आयु वर्ग के हैं। पीड़ितों में 57 फीसदी पुरुष और 43 महिलाएं हैं।

इससे पहले देश में 571,589 COVID-19 के टीके एक ही दिन में लगाए गए थे जो कि अब तक का सबसे अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालय की महामारी विज्ञान इकाई के अनुसार, "नौ मिलियन से अधिक लोगों ने टीके की दोनों खुराक ले ली है।"

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला स्तर पर 20-30 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए टीकाकरण की नई पहल शुरु की है। स्थानीय मीडिया के अनुसार इन स्थानों पर आवाजाही 13 सितंबर तक जारी रहेगी।


 

Sri Lanka
Food Emergency
Heaalth Expert
COVID
Delta Varient

Related Stories

आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफ़ा, बुधवार तक कर्फ्यू लगाया गया

श्रीलंका में कर्फ्यू, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दिया

श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?

श्रीलंका के नए वित्त मंत्री ने नियुक्ति के एक दिन बाद इस्तीफ़ा दिया

श्रीलंका में सत्ता पर राजपक्षे की पकड़ कमज़ोर हुई

श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता

श्रीलंका के कैबिनेट मंत्रियों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया

श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इमरजेंसी की घोषणा

श्रीलंका संकट: दर्द भी क़र्ज़ और दवा भी क़र्ज़

श्रीलंका की तबाही इतनी भयंकर कि परीक्षा के लिए कागज़ का इंतज़ाम भी नहीं हो पा रहा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License