NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
पड़ताल: क्या टिकैत वाकई मीडिया को धमकी दे रहे हैं!
किसानों के सफल भारत बंद से बौखलाए बड़े-बड़े एडिटर क्या इतने व्याकुल हैं कि फ़ेक वीडियो साझा करने में भी रत्ती भर नहीं झिझकते।
राज कुमार
29 Sep 2021
Rakesh tikait
वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

गोदी मीडिया शुरू से ही किसान आंदोलन को बदनाम करने की हर प्रकार की कोशिशें कर रहा है। पूछा जाना चाहिए कि किसानों के सफल भारत बंद से बौखलाए बड़े-बड़े एडिटर क्या इतने व्याकुल हैं कि फ़ेक वीडियो साझा करने में भी रत्ती भर नहीं झिझकते।

मंगलवार यानी 28 सितंबर को ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने किसान नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो ट्वीट किया है (आर्काइव लिंक)। सुधीर चौधरी ने वीडियो के साथ अपने ट्वीट में लिखा है कि-“राकेश टिकैत का अगला टारगेट मीडिया हाउस हैं। ज़ी न्यूज़ ने सच दिखाया तो ये धमकी? नहीं तो?” इस वीडियो को ख़बर लिखे जाने तक 10 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। 4,632 लोगों ने सुधीर चौधरी के इस ट्वीट को रिट्वीट किया है और  14 हज़ार लोगों ने लाइक किया है। सुधीर चौधरी के अलावा भी ये वीडियो काफी साझा किया जा रहा है।

सुधीर चौधरी द्वारा साझा किये गये 12 सेकेंड के इस वीडियो क्लिप में राकेश टिकैत मीडिया के सामने कह रहे हैं “अगला टारगेट मीडिया है। आपको बचना है तो साथ देदो। नहीं तो आप भी गये।”

ज़ी न्यूज़ और रिपब्लिक भारत की वेबसाइट पर भी ऐसी ही ख़बर लगाई गई है। बहुत सारी जगह छत्तीसगढ़ महापंचायत के हवाले से ये ख़बर छप रही है कि राकेश टिकैत ने मीडिया को धमकी दी है। राकेश टिकैत की ये 12 सेंकेड की वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल है। अब सवाल उठता है कि क्या राकेश टिकैत सचमुच ज़ी न्यूज़ या मीडिया को धमकी दे रहे हैं। आइये पड़ताल करते हैं।


जांच-पड़ताल

इस वीडियो की खोजबीन करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। क्योंकि ये काफी ताज़ा 28 सितंबर का वीडियो है। राकेश टिकैत छत्तीसगढ़ में किसान महापंचात में हिस्सा लेने गये थे। उस समय पत्रकारों के साथ सवाल-जवाब के दौरान का ये वीडियो है। एएनआई ने दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर इस वीडियो को ट्वीट किया है। सुधीर चौधरी समेत तकरीबन सभी लोगों ने इसी वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके इसे गलत दावे के साथ साझा किया है।

एएनआई द्वारा ट्वीट किया गया राकेश टिकैत का वीडियो 43 सेकेंड का है। इस ओरिजनल वीडियो में राकेश टिकैत कह रहे हैं कि“...मेन तो दिल्ली सरकार को देख लो जिसने कानून बनाकर आधा देश बेच दिया है। मध्य प्रदेश की 182 मंडिया बेचनी निकाल दी। छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं रहने का। अब तो ये है कि सब लोग साथ दो। अगला टारगेट मीडिया हाउस है। आपको बचना है तो साथ देदो नहीं तो आप भी गये।”

वीडियो में राकेश टिकैत मीडिया हाउस को धमकी नहीं दे रहे हैं बल्कि अपनी तरफ से सचेत कर रहे हैं कि सरकार का अगला टारगेट मीडिया हाउस है और अगर आपको बचना है तो हमारा साथ देना चाहिये।

इसी वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके उसके एक हिस्से को सुधीर चौधरी ने दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर ट्वीट किया है। गोदी मीडिया लगातार ऐसी ओछी हरकत कर रहा है। ये कोई अकेला मामला नहीं है। सुधीर चौधरी ज़ी न्यूज़ के एडिटर इन चीफ हैं। ख़बरें उनका पेशा है, तो ऐसा नहीं मानना चाहिये कि सुधीर चौधरी से गलती से कोई आधा-अधूरा छेड़छाड़ किया गया वीडियो साझा हो गया हो। ये होशो-हवास में जानबूझकर किया गया हैं। ये कोई पहला मौका नहीं है जब सुधीर चौधरी ने फ़र्ज़ी वीडियो या फ़र्ज़ी ख़बर साझा की है।

सुधीर चौधरी द्वारा साझा किया गया वीडियो और दावा सही नहीं है। वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके सुधीर चौधरी ने साझा किया है। कायदे से सुधीर चौधरी को वीडियो हटाना चाहिये और माफी मांगनी चाहिये।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

 

rakesh tikait
Sudhir Chaudhury
kisan andolan
viral video
Viral post
fake news
fake propaganda
Fake nationalism

Related Stories

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन ने देश को संघर्ष ही नहीं, बल्कि सेवा का भाव भी सिखाया

किसान आंदोलन की जीत का जश्न कैसे मना रहे हैं प्रवासी भारतीय?

चुनाव चक्र: किसान और राजनीति, क्या दिल्ली की तरह फ़तह होगा यूपी का मोर्चा!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License