NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं... हर रंग में मैं मिलती हूं
महिला दिवस की मुबारकबाद के साथ ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उम्मे कुलसुम की नज़्म जो उन्होंने लखनऊ के घंटाघर में सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन के दौरान सुनाई।
न्यूज़क्लिक डेस्क
08 Mar 2020
International Women's Day
लखनऊ घंटाघर आंदोलन की तस्वीर। जहां भारी बारिश के बाद भी महिलाएं डटी रहीं। फोटो सोशल मीडिया से साभार

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

माथे पे बिंदी लगाती हूं

अज़ान में सर ढक लेती हूं

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

यूपी बिहार में साड़ी

पंजाब में सूट पहनती हूं

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

दरगाह में हाथ फैलाती हूं

मंदिर में हाथ जोड़ती हूं

भंडारे में मैंने सब्ज़ी खाई है

लंगर में दाल मखनी खाई

और खिलाई है

सबीलों से शरबत भी मैं पीती हूं

गुरुदारे में सेवा करके

सवाब मैं कमाती हूं

 

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

रमज़ान में मैंने रखे रोज़े

और प्यार में करवा चौथ का

व्रत भी रख लेती हूं

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

संस्कृत स्कूल में पढ़ी

उर्दू की शायरी सुनती हूं

कबीर के दोहे और

प्रेमचंद की कहानियां

फ़ैज़ के शेर पढ़ती हूं

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

गायत्री मंत्र याद है मुझे

मिलाद में नात पढ़ती हूं

गुरुबानी सुन के सुकून मिलता है

नमाज़ में सजदा,

गुरुद्वारे में माथा टेकती हूं

 

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

दिवाली में जलाए दीये

ईद में सेवई खाई

लोहड़ी में किया भांगड़ा

क्रिसमस में हर साल

चर्च में कैंडिल जलाई

और होली में गुलाल लगाती हूं

रमज़ान में इफ़्तार कराती हूं

 

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

मैं बड़ों के पैर छूती

झुककर सलाम भी करती हूं

मैं जामिया की चंदा यादव भी हूं

जेएनयू की शेहला राशिद भी हूं

मैं लदीदा भी हूं, सदफ़ जाफर भी हूं

स्वरा भास्कर भी हूं

और हमारी एकता को

भारत मां ने पल्लू में बांधा है

हिजाब सा सर पर बैठाया है

तुम कितना साड़ी खींचोगे

मैं आदम हव्वा की औलाद हूं

द्रोपदी सा तेज़ रखती हूं

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं

हर रंग में मैं मिलती हूं

 

उम्मे कुलसुम

इसे भी पढ़े : उसने गोली चलाई और कहा, 'सर जी! हालात कंट्रोल में हैं'…

इसे भी पढ़े : “बाहर निकलो डरना छोड़ो...ज़िंदा हो तो मरना छोड़ो”

Sunday Poem
International Women's Day
nazm
Lucknow Ghantaghar Protest
CAA
NRC
NPR
Women protest
Women Leadership

Related Stories

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

अर्बन कंपनी की महिला कर्मचारी नई कार्यप्रणाली के ख़िलाफ़ कर रहीं प्रदर्शन

इतवार की कविता : 'आसमान में धान जमेगा!'

दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच: बद से बदतर होती भ्रांतियां

छत्तीसगढ़: विधवा महिलाओं ने बघेल सरकार को अनुकंपा नियुक्ति पर घेरा, याद दिलाया चुनावी वादा!

किसान संसद: अब देश चलाना चाहती हैं महिला किसान

सीएए : एक और केंद्रीय अधिसूचना द्वारा संविधान का फिर से उल्लंघन

समान नागरिकता की मांग पर देवांगना कलिता, नताशा नरवाल को गिरफ्तार किया गया: पिंजरा तोड़

‘इतवार की कविता’ : यह सदी किसके नाम


बाकी खबरें

  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति भारत को मध्य युग में ले जाएगी : मनोज झा
    23 Apr 2022
    राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को उस प्राचीन युग में वापस ले जाएगी जब केवल एक विशेष वर्ग वर्चस्व वाले समाज में एकलव्य को दूर में ही खड़ा होकर…
  • राज वाल्मीकि
    फ़ासीवादी व्यवस्था से टक्कर लेतीं  अजय सिंह की कविताएं
    23 Apr 2022
    अजय सिंह हमारे समय के एक बेबाक और बेख़ौफ़ कवि हैं। शायद यही वजह है कि उनकी कविताएं इतनी सीधे सीधे और साफ़ साफ़ बोलती हैं। इन्हीं कविताओं का नया संग्रह आया है—“यह स्मृति को बचाने का वक़्त है”, जिसका…
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजनीति की बर्बरता, मेवाणी 'अंदर', फ़ैज़ कविता बाहर
    23 Apr 2022
    देश के अलग-थलग हिस्सो मे अचानक बर्बरता का नंगा नाच क्यो होने लगा ? धर्म और राजनीति का ये कैसा चैहरा है ? इसके अलावा #HafteKiBaat मे मेवाणी की गिरफ्तारी और फ़ैज़ अहमद फैज की कविता को पाठ्यक्रम से…
  • जोए एलेक्जेंड्रा
    वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 
    23 Apr 2022
    सामाजिक आंदोलनों का यह महाद्वीपीय मंच मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने और अगले दौर को लेकर रणनीतियों को तय करने के लिए अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अपनी तीसरी महाद्वीपीय सभा का आयोजन करने जा रहा है।
  • रूबी सरकार
    अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे
    23 Apr 2022
    भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर मेगा इवेंट किया गया। भोपाल एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय और जम्बूरी मैदान तक सुरक्षा, सजावट और स्वागत पर करीब 15 करोड़ खर्च किए गए। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License