NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कानून
भारत
राजनीति
फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ याचिका ख़ारिज, सरकार से अलग विचार होना राजद्रोह नहीं: उच्चतम न्यायालय
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की एक पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और ऐसे दावे करने के लिए याचिकाकर्ताओं पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
भाषा
03 Mar 2021
Farooq Abdullah
साभार: द इंडियन एक्स्प्रेस

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने को लेकर दिये गये बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई किये जाने के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका बुधवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि सरकार की राय से अलग विचारों की अभिव्यक्ति को राजद्रोह नहीं कहा जा सकता है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की एक पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया और ऐसे दावे करने के लिए याचिकाकर्ताओं पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

पीठ ने कहा, ‘‘सरकार की राय से भिन्न विचारों की अभिव्यक्ति को राजद्रोह नहीं कहा जा सकता है।’’

उच्चतम न्यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को बहाल किये जाने पर उनके (अब्दुल्ला) बयान का उल्लेख किया गया था और दलील दी गई थी कि यह स्पष्ट रूप से राजद्रोह की कार्रवाई है और इसलिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124-ए के तहत उन्हें दंडित किया जा सकता है।

यह याचिका रजत शर्मा और डॉ. नेह श्रीवास्तव ने दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री कश्मीर चीन को ‘‘सौंपने’’ की कोशिश कर रहे हैं इसलिए उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

याचिका में कहा गया है, ‘‘श्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के तहत एक दंडनीय अपराध किया है। जैसा कि उन्होंने बयान दिया है कि अनुच्छेद 370 को बहाल कराने के लिए वह चीन की मदद लेंगे जो स्पष्ट रूप से राजद्रोह का कृत्य है और इसलिए उन्हें आईपीसी की धारा 124-ए के तहत दंडित किया जाना चाहिए।’’

 

Farooq Abdullah
Sedition
Criticism is not sedition
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ

राज्यपाल प्रतीकात्मक है, राज्य सरकार वास्तविकता है: उच्चतम न्यायालय

राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर लगाई रोक, नई FIR दर्ज नहीं करने का आदेश

क्या लिव-इन संबंधों पर न्यायिक स्पष्टता की कमी है?

उच्चतम न्यायालय में चार अप्रैल से प्रत्यक्ष रूप से होगी सुनवाई


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License