NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने सरदारपुरा दंगों के 17 दोषियों को जमानत दी
सरदारपुरा दंगों में 33 मुस्लिमों को जिंदा जला दिया गया था। न्यायालय ने 17 दोषियों को मध्य प्रदेश जाने तथा वहां सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है।
भाषा
28 Jan 2020
SC

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद 2002 में सरदारपुरा में भड़के दंगों में 17 दोषियों को मंगलवार को सशर्त जमानत दी। इस घटना में 33 मुस्लिमों को जिंदा जला दिया गया था। न्यायालय ने उन्हें मध्य प्रदेश जाने तथा वहां सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने दोषियों को दो समूह में बांटा और कहा कि एक समूह गुजरात से बाहर निकलेगा और मध्यप्रदेश के इंदौर में रहेगा।

पीठ ने कहा कि दोषियों के दूसरे समूह को मध्यप्रदेश के जबलपुर जाना होगा। सरदारपुरा दंगा मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले दोषियों ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत अपील दायर कर रखी है।

न्यायालय ने कहा कि जमानत की शर्तों के तहत सभी दोषियों को प्रत्येक हफ्ते छह घंटे की सामुदायिक सेवा करनी होगी। इसके अलावा उन्हें हर हफ्ते स्थानीय थाने में पेश होना पड़ेगा।

कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर में जिला विधिक सेवा अधिकारियों (डीएलएसए) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि दोषी जमानत की शर्तों का सख्त पालन करें। उसने डीएलएसए को दोषियों की आजीविका के लिए उचित रोगजार ढूंढने में मदद करने का भी निर्देश दिया।

साथ ही शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश विधिक सेवा अधिकरण को तीन महीने बाद एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है जिसमें बताना होगा कि दोषियों ने शर्तों का अनुपालन किया या नहीं। इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद हुए सरदारपुर दंगों में 14 को बरी और 17 को दोषी ठहराया था।

Sardarpura riots
Supreme Court
godhra
Sharad Arvind Bobde

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं
    17 May 2022
    निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई की मार उच्च आय वर्ग पर ज्यादा पड़ रही है और निम्न आय वर्ग पर कम। यानी महंगाई की मार अमीरों पर ज्यादा पड़ रही है और गरीबों पर कम। यह ऐसी बात है, जिसे सामान्य समझ से भी…
  • अब्दुल रहमान
    न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध
    17 May 2022
    फिलिस्तीनियों ने इजरायल द्वारा अपने ही देश से विस्थापित किए जाने, बेदखल किए जाने और भगा दिए जाने की उसकी लगातार कोशिशों का विरोध जारी रखा है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: चीन हां जी….चीन ना जी
    17 May 2022
    पूछने वाले पूछ रहे हैं कि जब मोदी जी ने अपने गृह राज्य गुजरात में ही देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति चीन की मदद से स्थापित कराई है। देश की शान मेट्रो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजद्रोह मामला : शरजील इमाम की अंतरिम ज़मानत पर 26 मई को होगी सुनवाई
    17 May 2022
    शरजील ने सुप्रीम कोर्ट के राजद्रोह क़ानून पर आदेश के आधार पर ज़मानत याचिका दायर की थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 मई को 26 मई तक के लिए टाल दिया है।
  • राजेंद्र शर्मा
    ताजमहल किसे चाहिए— ऐ नफ़रत तू ज़िंदाबाद!
    17 May 2022
    सत्तर साल हुआ सो हुआ, कम से कम आजादी के अमृतकाल में इसे मछली मिलने की उम्मीद में कांटा डालकर बैठने का मामला नहीं माना जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License