NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तेलंगाना: नागार्जुन सागर उपचुनाव में टीआरएस का पलड़ा भारी
शुरूआती दिनों में यह चुनावी भिड़ंत टीआरएस अम्मीदवार नोमुला बगाथ कुमार और इस निर्वाचन क्षेत्र से 7 बार विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के. जेना रेड्डी के बीच होती लग रही है।
पृथ्वीराज रूपावत
06 Apr 2021
तेलंगाना: नागार्जुन सागर उपचुनाव में टीआरएस का पलड़ा भारी

हैदराबाद: तेलंगाना के नागार्जुन सागर विधानसभा क्षेत्र में 17 अप्रैल को उपचुनाव होना तय किया गया है, जो एक बार फिर से प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए एक युद्ध का मैदान बन चुका है, क्योंकि उन्होंने अपने हजारों समर्थकों को चुनाव प्रचार के काम में झोंक दिया है। शुरू-शुरू में यह चुनावी भिड़ंत मुख्य रूप से तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के उम्मीदवार, नोमुला बगाथ कुमार जो कि भूतपूर्व विधायक दिवंगत नोमुला नरसिम्हैया के बेटे हैं, और इस निर्वाचन क्षेत्र से 7 बार के विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के. जेना रेड्डी के बीच होती दिख रही है।

पिछले साल 1 दिसंबर को उस समय के मौजूदा विधायक नोमुला नरसिम्हैया के आकस्मिक निधन के उपरांत इस उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी, जिसमें सभी राजनैतिक दलों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही वह दल था, जिसने सबसे पहले अपना चुनावी अभियान शुरू कर दिया था। हालाँकि अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने में यह फिसड्डी साबित हुई, और इसने अंत में जाकर डॉ. पानुगोथु रवि कुमार नाईक को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जो कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) में लाम्बड़ा समुदाय से आते हैं।

डुबाक उपचुनाव में जीत हासिल करने और वृहत्तर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों में 48 डिवीजनों (कुल 150 सीटों में से) जीत दर्ज करने के बाद से शीर्षस्थ भाजपा नेताओं ने कई बार अपने प्रतिद्वंदियों के मुकाबले इस बात का दावा किया है कि नागार्जुन सागर उपचुनाव को वह जीतने जा रही है।

वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस ने जाना रेड्डी की उम्मीदवारी की घोषणा को लेकर बेहद फुर्ती दिखाई, जो पहले से ही गैर-आधिकारिक तौर पर अपने पक्ष में वोट मांगने के लिए प्रचार कर रहे हैं। जबकि टीआरएस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा का काम, नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख के सिर्फ एक दिन पहले की, क्योंकि उनकी पार्टी सदस्यों के बीच में विधायक के टिकट को लेकर कईयों के बीच में मारामारी चल रही थी। हालाँकि बगाथ कुमार ने, जो अपने पिता के विधायक रहते शायद ही कभी टीआरएस पार्टी में सक्रिय रहे हों, ने अपने चुनावी अभियान को पिछले तीन महीनों से निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने के साथ शुरू कर दिया था।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बगाथ कुमार ने बताया कि टीआरएस सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और उनके पिता द्वारा विधायक के तौर पर किये गए कामों की बदौलत उनकी जीत निश्चित है। कुमार का कहना था “जाना रेड्डी जब सत्ता में थे, तो वे शायद ही कभी क्षेत्र की जनता के लिए उपलब्ध होते थे। वे नेता के तौर पर असफल साबित हुए हैं और कई लोग तो उन्हें अपने गाँवों में चुनाव प्रचार करने पर बहिष्कृत तक कर रहे हैं।"

जहाँ टीआरएस इस निर्वाचन क्षेत्र में अपने व्यापक कैडर के आधार पर भरोसा कर रही है, वहीँ कांग्रेस इस बार अपने पारंपरिक गढ़ दोबारा से पकड़ बनाने की फ़िराक में है। जाना रेड्डी इस निर्वाचन क्षेत्र से कुलमिलाकर सात बार (दो बार तेलुगु देशम पार्टी के टिकट पर और पांच बार कांग्रेस से) विधायक चुने गए। 

के. जाना रेड्डी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान कहा “टीआरएस के नेता लोगों को गुमराह करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।” 

74 वर्षीय वरिष्ठ नेता ने अपने अभियान के दौरान लगातार टीआरएस के अधूरे वादों को की तरफ इशारा किया है।
निर्वाचन क्षेत्र में पेद्दावूरा मंडल निवासी श्रीनिवास का कहना था कि “एक वो भी समय था जब जाना रेड्डी बेहद आसानी ने इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज कर लेते थे, लेकिन अब उनके पास न तो वो करिश्मा रहा और न ही उनके पास वो कैडर बचा है। जब वे विधायक और मंत्री हुआ करते थे तो उस समय के उनके अधिकांश समर्थक अब टीआरएस के लिए प्रचार अभियान में शामिल हैं।”

कुल मिलाकर 41 उम्मीदवार इस चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें से तकरीबन 13 उम्मीदवार निर्दलीय हैं। 
विधानसभा क्षेत्र जो सात मंडलों में फैला हुआ है, में 2.3 लाख पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से अधिकांश मतदाता यादव समुदाय (ओबीसी) और लामबदास (एसटी) समुदाय से हैं।

2018 के चुनावों के दौरान नरसिम्हैया ने जाना रेड्डी के खिलाफ 7,771 मतों से जीत दर्ज की थी। भाजपा की के. निवेदिता रेड्डी को तब मात्र 2,675 वोट हासिल कर पाने में सफलता मिल पाई थी।

पेद्दावूरा में टीआरएस के पार्टी सदस्य राजेश नाइक का कहना था “विधायक के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान नोमुला नरसिम्हैया द्वारा इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए किया गया काम सबको दिखता है। निर्वाचन क्षेत्र के अधिकांश एमपीटीसी (मंडल परिषद प्रादेशिक परिषद), जेडपीटीसी (जिला परिषद प्रादेशिक परिषद) और सरपंच टीआरएस से हैं। टीआरएस सरकार द्वारा रायतु बंदू, वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन और सिंचाई परियोजनाओं को शुरू किया गया था, जिसके चलते पार्टी की जीत सुनिश्चित है।”

इससे पूर्व फरवरी में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया था और नरसिम्हैया द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में किये गए कई वादों में से कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।

खुद के नाम का खुलासा न किये जाने का अनुरोध करते हुए एक भाजपा सदस्य ने न्यूज़क्लिक को बताया कि “भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में अपने कैडर और वोट के आधार को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। हालाँकि उनका यह भी कहना था कि भगवा दल इसमें सकरात्मक परिणाम देख रही है क्योंकि ग्रामीण युवाओं के बीच में इसकी सदस्यता लगातार बढ़ रही है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Telangana: TRS vs Congress in Nagarjuna Sagar Bypolls, With an Edge for TRS

Nagarjuna Sagar Bypolls
Telangana Bye-election
K Jana Reddy
TRS
BJP
Congress
Nomula Narsimhaiah
Nomula Bagath Kumar

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License