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थाईलैंडः प्रयुत के अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद राजधानी में "कार रैली" और प्रदर्शन
4 सितंबर को सरकार द्वारा जीते गए विश्वास मत के बाद और इससे पहले थाईलैंड में सोशल मूवमेंट्स और जमीनी स्तर के संगठनों द्वारा नियमित रुप से विरोध प्रदर्शन किया रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
06 Sep 2021
थाईलैंडः प्रयुत के अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद राजधानी में "कार रैली" और प्रदर्शन

रेड शर्ट्स के नाम से मशहूर यूनाइटेड फ्रंट फॉर डेमोक्रेसी अगेंस्ट डिक्टेटरशिप (यूडीडी) ने रोजाना सरकार-विरोधी विरोध प्रदर्शनों के तौर पर सोमवार 6 सितंबर को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के केंद्र में एक और विशाल मोटर रैली निकालने की योजना बनाई है। विपक्ष द्वारा लाए गए एक अन्य अविश्वास मत में प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा और पब्लिक हेल्थ मिनिस्टर अनुतिन चर्निवारकुल सहित उनके पांच कैबिनेट मिनिस्टर के जीत के बाद यह रैली बैंकॉक में दैनिक विरोध का तीसरा दिन होगा।

विश्वास मत के पहले थाईलैंड में सोशल मूवमेंट और जमीनी स्तर के संगठनों द्वारा करीब करीब नियमित रुप से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें से कई समूहों, विशेष रूप से रेड शर्ट्स ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर नेशनल असेंबली ने प्रयुत के पक्ष में मतदान करना जारी रखा तो सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज होगा।

शनिवार को लोकतंत्र समर्थक एक्टिविस्ट ग्रुप आरईडीईएम (रिस्टार्ट डेमोक्रेसी) ने एक विरोध रैली का आयोजन किया था। इस रैली को लेकर पुलिस ने रॉयल थाई आर्मी बैंड मुख्यालय के बाहर नाकाबंदी कर दी और इस पर पुलिस ने हिंसक कार्रवाई की। रविवार को, छात्र समूहों, यूडीडी और आरईडीईएम सहित अन्य संगठनों ने बैंकॉक के केंद्र में एक प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र अशोक चौराहे पर दैनिक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

ये मतदान शनिवार 4 सितंबर को संपन्न हुआ। प्रयुत सरकार को उम्मीद के अनुसार सरकार-समर्थक गठबंधन के अधिकांश सांसदों का समर्थन मिला। यह मतदान राजधानी और अन्य जगहों पर व्यापक विरोध और वैक्सीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद संपन्न हुआ।

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में सरकार के लिए समर्थन में काफी कमी आई है। प्रयुत को खुद 56 वोटों का सबसे कम बहुमत प्राप्त हुआ है। इस मतदान के परिणामों को खारिज करते हुए यूडीडी नेता नट्टवुत सैकुअर ने कहा कि "हम (इस मतदान) स्वीकार नहीं करते हैं और हम हार नहीं मानेंगे।"

Thailand
UDD
United Front for Democracy Against Dictatorship

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