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कभी सिख गुरुओं के लिए औज़ार बनाने वाला सिकलीगर समाज आज अपराधियों का जीवन जीने को मजबूर है
मध्य प्रदेश के दक्षिण में महाराष्ट्र से सटे 6 जिले बड़वानी, खरगोन, धार, बुरहानपुर, खंडवा और इंदौर में सिखों की उपजाति "सिकलीगर" समुदाय के 40 हज़ार से ज़्यादा लोग रहते हैं।  इस समुदाय के लोगों को ताले, चाबी, छुरी, चाकू, और लोहे से बनने वाले औजार बनाने में महारत हासिल है और यही बना कर वो अपना जीवन यापन करते हैं। 
न्यूज़क्लिक टीम
19 May 2022

मध्य प्रदेश के दक्षिण में महाराष्ट्र से सटे 6 जिले बड़वानी, खरगोन, धार, बुरहानपुर, खंडवा और इंदौर में सिखों की उपजाति "सिकलीगर" समुदाय के 40 हज़ार से ज़्यादा लोग रहते हैं।  इस समुदाय के लोगों को ताले, चाबी, छुरी, चाकू, और लोहे से बनने वाले औजार बनाने में महारत हासिल है और यही बना कर वो अपना जीवन यापन करते हैं। 

1959 और 1962 में बने कानून के बाद जब बिना लाइसेंस के हथियार बनाना और बेचना प्रतिबंधित हो गया तब लगभग 350 सालों से हथियार बनाने वाला यह समुदाय समाज की नज़र में रातों रात अपराधी हो गया। आज इस समुदाय के लोग देश के लगभग 10 प्रदेशों में रहते हैं और समाज और मीडिया इन्हें अपराधियों की नज़र से देखता है।

पुलिस की कड़ी निगरानी और बेरोजगारी के तले दबे  इस समुदाय के मुद्दों को समझने के लिए न्यूज़क्लिक ने बड़वानी जिले के महाराष्ट्र बॉर्डर पर स्थिति उमर्टी गांव का दौरा कर उनकी परेशानियों पर बात की।

Maharastra
Sikligar Samaj
sikh

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License