NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मोदी के न्यू इंडिया का मकसद भारत को भूत के अंधेरे में ले जाना है : येचुरी
शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान में सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त करने की आरएसएस और भाजपा की साज़िशों से देश को किस तरह बचाया जाए। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Aug 2021
येचुरी

दिल्ली : "मोदी के न्यू इंडिया का मकसद  आजादी के बाद भविष्य के उजाले की तलाश में लगे भारत को भूतकाल के अँधेरे में लेजाना है।  आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त करने की आरएसएस और भाजपा की साजिशों से देश को किस तरह बचाया जाए। " यह बात शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान 2021 की पखवाड़े भर चली श्रृंखला के समापन व्याख्यान में सीताराम येचुरी ने कही। 

उन्होंने याद दिलाया कि स्वतंत्रता संग्राम के सार के रूप में देश को आगे ले जाने का एक नजरिया भी सामने आया था।  धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, संघीय गणराज्य  बनाकर उसे आत्मनिर्भर बनाने की आम राय निकल कर सामने आयी थी।  अंग्रेजो की गुलामी के दिनों और थोपे गए विभाजन के दौरान जिन विभी षिकाओं की पीड़ा से इस देश को गुजरना पड़ा था उनका समाधान भारत के संविधान में किया गया था।  पिछले 7 सालों में भाजपा-आरएसएस उसी संविधान को ध्वस्त करने में लगी हैं।  इसे और स्पष्ट करते हुए देश के वरिष्ठ वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि आज वह धारा सत्ता में जाकर बैठ गयी है जिसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत की जनता ने पूरी तरह ठुकरा दिया था।  यह भारत की जनता थी जिसने तय किया था कि वह धर्म के आधार पर हिन्दू राष्ट्र बनाने की बजाय एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाएगी।  मोदी के 7 वर्षों के राज में इस समझ को ही उलट कर आजादी की लड़ाई की उपलब्धियों को ध्वस्त किया जा रहा है। 

सीपीआई (एम) महासचिव येचुरी ने कहा कि आजाद भारत ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की बुनियाद जिस सार्वजनिक क्षेत्र का निर्माण करके रखी थी, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जिन्हे भारत के आधुनिक तीर्थ स्थल बताया था मोदी सरकार उनके निजीकरण और खात्मे  में लगी हुयी है।  यह निजीकरण नहीं है, यह भारत की जनता की संपत्ति की लूट है।  ऐसा करके सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं देश की सम्प्रभुता को भी खतरे में डाला जा रहा है।  महामारी के दौरान जनता को इलाज और राहत पहुंचाने में नाकाम रही मोदी सरकार वैक्सीन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को भी नहीं मान रही।  दिसंबर अंत तक हरेक भारतीय को दोनों टीके लगाने के इस आदेश को पूरा करना है तो हर रोज 1 करोड़ टीके लगाने होंगे - मगर नहीं लगाए जा रहे क्योंकि वैक्सीन है ही नहीं।  सार्वजनिक क्षेत्र में इसका उत्पादन किया जा सकता है - मगर सरकार उसे करने नहीं दे रही।  

उन्होंने कहा कि आम नागरिक की जिंदगी के लिए नए नए खतरे सामने आ रहे हैं मगर मोदी सरकार बजाय उन्हें राहत देने के लूट करने और कराने में लगी है।  सामाजिक शोषण भी बढ़ा है।  महिलायें अनगिनत तरीके के शोषण उत्पीड़न की निशाना बनाई जा रही है।  कोरोना के समय में जहां स्कूल कालेज बंद हैं वहीँ अमानवीयता की हद यह है कि बच्चो की, खासकर लड़कियों की तस्करी बढ़ी है।  सामाजिक न्याय की बजाय सामाजिक अन्याय बढ़ रहा है।  संविधान की संघीय समझदारी उलटकर प्रदेश सरकारों से उनके विधि सम्मत अधिकार छीने जा रहे हैं।  लोकतांत्रिक अधिकार, अभिव्यक्ति का अधिकार, मौलिक अधिकार सभी खतरे में हैं।  बुजुर्ग मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन  स्वामी की जेल में मौत हो गयी - अनेक पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता जेलों में पड़े हुए हैं। 

राजनीतिक नैतिकता और लोकतांत्रिक मर्यादा की सारी सीमाएं लांघी जा चुकी है।  चुनाव प्रणाली से हासिल जनादेश को पैसे की दम पर उलटा जा रहा है।  इसके मध्य प्रदेश सहित कई उदाहरण उन्होंने दिए और कहा कि संविधान निर्माताओं ने विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के जो तीन स्तम्भ निर्मित किये थे उन्हें खोखला किया जा रहा है।  संसद को मखौल बनाकर रख दिया गया है।  जनता की समस्याओं पर पर चर्चा रोकी जा रही है और बिना किसी प्रक्रिया का पालन किये लूट के क़ानून बनाये जा रहे हैं।  इतिहास के अनेक उदाहरण देते हुए सीताराम येचुरी ने बताया कि हरेक ने कोई न कोई नया निर्माण किया।  यह पहला शासक है जो सब कुछ ध्वंस कर मोदी नगर में मोदी महल बनाने में बीसियों हजार करोड़ रुपया फूँक रहा है और भूख बीमारी से खस्ताहाल जनता को राहत देने के नाम पर खजाने को खाली बता रहा है।  

मिथिहास को इतिहास बताकर पढ़ाने के इरादे से शिक्षा नीति को अंधविश्वासी और पोंगापंथी बनाया जा रहा है।  किसान आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने किसान  मजदूरों के बढ़ते संघर्षों तथा मजबूत होती एकता को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि भारत को बचाना है तो  संविधान लोकतंत्र, आजादी, सोच, समझ और बुनियादी अधिकारों की रक्षा के संघर्षो को तेज करना होगा।  

उन्होने शैलेन्द्र शैली की क्षमताओं तथा योग्यताओं का स्मरण करते हुए कहा कि उनका होना जनवादी आंदोलन के लिए बहुत जरूरी था। 

Narendra modi
new india
new india reality
Sitaram yechury

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 975 नए मामले, 4 मरीज़ों की मौत  
    16 Apr 2022
    देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलो ने चिंता बढ़ा दी है | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सरकार कोरोना पर अपनी नजर बनाए रखे हुए हैं, घबराने की जरूरत नहीं। 
  • सतीश भारतीय
    मध्यप्रदेश: सागर से रोज हजारों मरीज इलाज के लिए दूसरे शहर जाने को है मजबूर! 
    16 Apr 2022
    सागर के बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा नहीं है। जिससे जिले की आवाम बीमारियों के इलाज के लिए नागपुर, भोपाल और जबलपुर जैसे शहरों को जाने के लिए बेबस है। 
  • शारिब अहमद खान
    क्या यमन में युद्ध खत्म होने वाला है?
    16 Apr 2022
    यमन में अप्रैल माह में दो अहम राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिला, पहला युद्धविराम की घोषणा और दूसरा राष्ट्रपति आबेद रब्बू मंसूर हादी का सत्ता से हटना। यह राजनीतिक बदलाव क्या यमन के लिए शांति लेकर आएगा ?
  • ओमैर अहमद
    मंडल राजनीति को मृत घोषित करने से पहले, सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान अंबेडकर की तस्वीरों को याद करें 
    15 Apr 2022
    ‘मंदिर’ की राजनीति ‘जाति’ की राजनीति का ही एक दूसरा स्वरूप है, इसलिए उत्तर प्रदेश के चुनाव ने मंडल की राजनीति को समाप्त नहीं कर दिया है, बल्कि ईमानदारी से इसके पुनर्मूल्यांकन की ज़रूरत को एक बार फिर…
  • सोनिया यादव
    बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग
    15 Apr 2022
    बीएचयू में एक बार फिर छात्राओं ने अपने हक़ के लिए की आवाज़ बुलंद की है। लाइब्रेरी इस्तेमाल के लिए छात्राएं हस्ताक्षर अभियान के साथ ही प्रदर्शन कर प्रशासन पर लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखने का आरोप…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License