NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
रसोई गैस सिलिंडर के दाम 50 रुपये बढ़े, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची कीमत
इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में एलपीजी का 14.2 किलोग्राम वाला सिलिंडर 999.50 रुपये का हो गया है। यह रसोई गैस सिलिंडर के दाम का रिकॉर्ड स्तर है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
07 May 2022
LPG

नयी दिल्ली: खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी गैस सिलिंडर के दाम में शनिवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई। इस तरह रसोई गैस सिलिंडर के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।

इस बढ़ोतरी का कांग्रेस और वाम दलों ने कड़ा विरोध किया है और इसे वापस लेने की मांग की है। कांग्रेस ने जहां दाम 2014 के स्तर पर लाने की मांग की है वहीं सीपीआई-एम ने इसे आम लोगों की रोज़ी-रोटी पर हमला बताते हुए केंद्र से सेस और सरचार्ज हटाने की मांग की है।

सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन वितरक कंपनियों ने एलपीजी सिलिंडर के दाम में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। कहा गया कि एलपीजी सिलिंडर के दाम में यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैस कीमतों में जारी तेजी के बीच की गई है।

इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में एलपीजी का 14.2 किलोग्राम वाला सिलिंडर 999.50 रुपये का हो गया है। यह रसोई गैस सिलिंडर के दाम का रिकॉर्ड स्तर है।

छह सप्ताह के भीतर एलपीजी सिलिंडर के दाम में की गई यह दूसरी वृद्धि है। इसके पहले 22 मार्च को भी ईंधन कंपनियों ने गैस सिलिंडर के दाम में 50 रुपये की वृद्धि की थी।

मई की शुरुआत में सरकार ने वाणिज्यिक इस्तेमाल वाले गैस सिलिंडर के दाम में भी 102.50 रुपये की बड़ी बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के दाम दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत 2355.50 रुपये हो चुकी है।

एलपीजी सिलेंडर की कीमत घटाकर 2014 के स्तर पर लाई जाए: कांग्रेस
 
कांग्रेस ने शनिवार को सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की ताजा बढ़ोतरी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को यह बढ़ोतरी वापस लेनी चाहिए तथा सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम को घटाकर साल 2014 के समय रही कीमत के बराबर लाना चाहिए।

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 585 रुपये की बढ़ोतरी की है और सब्सिडी भी पूरी तरह खत्म कर दी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘संप्रग सरकार के दौरान एलपीजी सिलेंडर का दाम 414 रुपये था। हर सिलेंडर पर 827 रुपये की सब्सिडी दी जाती थी। आज सिलेंडर की कीमत 999 रुपये है। सब्सिडी की राशि शून्य है। मोदी सरकार ने उन सभी सुरक्षा कवचों को हटा दिया है जिनकी व्यवस्था कांग्रेस ने आम आदमी की सुरक्षा के लिए की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज करोड़ों घर महंगाई, बेरोजगारी और खराब शासन की वजह से मुश्किल का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी कभी भी ऐसा नहीं होने देती। हमने हमेशा जरूरतमंद परिवारों की मदद की है और हमेशा करेंगे।’’

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा मालामाल, जनता बेहाल। भाजपा राज में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम ढाई गुना अधिक हो चुका है। रसोई गैस अब मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग की पहुंच से बाहर हो चुकी है।’’

उनके मुताबिक, मई 2014 में सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 414 रुपये थी जो आज 999.50 रुपये हो चुकी है, यानी इसमें 585 रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।

सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘सब्सिडी वाली रसोई गैस की कीमत को घटाकर 2014 के स्तर पर लाया जाए।’’

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पार्टी मुख्यालय में गैस सिलेंडर पर माला चढ़ाकर और सब्जियों के समक्ष अगरबत्ती जलाकर महंगाई को लेकर सरकार पर तंज कसा। उनका कहना था कि यह ‘सिलेंडर की श्रद्धांजलि सभा’ है। 

खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विदेश दौरे से वापस आते ही साहब (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ा दी। कभी मोदी जी ने बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर कहा था कि सब्सिडी को सरेंडर करिये। आज यह हालत देख कर लगता है कि सिलेंडर को ही सरेंडर कर दिया जाए।’’

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एलपीजी पर वर्ष 2013-14 में 46,458 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी, लेकिन मोदी सरकार ने 2015-16 में घटाकर यह सब्सिडी 18 करोड़ रुपये कर दी और 2016-17 में इसे शून्य कर दिया।

खेड़ा ने कहा, ‘‘इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जिन 23 करोड़ लोगों को संप्रग सरकार ने गरीबी रेखा से ऊपर उठाया था, वे 23 करोड़ लोग फिर से गरीबी रेखा के नीचे चले गए और इसमें 14 करोड़ लोग और बढ़ गए। ऐसे में सरकार के पास बड़ा दिल होना चाहिए, लेकिन इस सरकार के पास दिल ही नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कमर्शियल सिलेंडर के दाम पिछले महीने 102 रुपये बढ़ा दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार लोगों को हर तरीके से चोट पहुंचा रही है। 

खेड़ा ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि देश को कुछ राहत दीजिए। बढ़ोतरी वापस लीजिए। इसे घटाकर 2014 के दाम के स्तर पर लाइए। देश राहत की भीख मांग रहा है।’’

उधर, भारतीय युवा कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने घरेलू रसोई गैस की कीमत में बढ़ोतरी के खिलाफ शनिवार को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के आवास के निकट प्रदर्शन किया।
 
वाम दलों ने भी रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की कड़ी आलोचना की है। और गैस समेत सभी पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमत वापस लेने की मांग की है। 
 
सीपीआई-एम महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार को अब तक की सबसे अमानवीय और क्रूर सरकार कहा है। 
 
अपने एक ट्वीट में येचुरी ने कहा— लोगों की रोजी-रोटी पर मोदी सरकार के हमले लगातार जारी हैं। आजादी के 75 साल में यह सबसे अमानवीय और क्रूर सरकार है। पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उपकर/अधिभार वापस लें।

Modi govt's assaults on people's livelihoods are relentless.
In the 75 years of Independence this is the most inhuman and callous govt.
Withdraw central cess/surcharges on petroleum products. https://t.co/Ojpe9nLOlq pic.twitter.com/ds3CAZ5Kqc

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 7, 2022

LPG
LPG price hike
Inflation
Modi government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?

ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

गतिरोध से जूझ रही अर्थव्यवस्था: आपूर्ति में सुधार और मांग को बनाये रखने की ज़रूरत


बाकी खबरें

  • workers
    सतीश भारतीय
    गुरुग्राम में बेरोजगारी, कम कमाई और बढ़ती महंगाई के बीच पिसते मजदूरों का बयान
    11 Jan 2022
    मजदूर वर्ग सरकार की योजनाओं का नाम तक नहीं बता पा रहा है, योजनाओं का लाभ मिलना तो दूर की बात है।
  • Swami Prasad Maurya
    रवि शंकर दुबे
    चुनावों से ठीक पहले यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका, श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद तीन और विधायकों के इस्तीफे
    11 Jan 2022
    यूपी में चुनावी तारीखों का एलान हो चुका है, ऐसे वक्त में बीजेपी को बहुत बड़ा झटका लगा है, दरअसल यूपी सरकार में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
  • Schemes workers
    कुमुदिनी पति
    उत्तर प्रदेश में स्कीम वर्कर्स की बिगड़ती स्थिति और बेपरवाह सरकार
    11 Jan 2022
    “आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएँ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन चला रही हैं। पर तमाम वार्ताओं के बाद भी उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की गई। उनकी सबसे प्रमुख मांग है सरकारी कर्मचारी का दर्जा।”
  • AKHILESH AND YOGI
    अरुण कुमार त्रिपाठी
    80/20 : हिंदू बनाम हिंदू की लड़ाई है यूपी चुनाव
    11 Jan 2022
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ठीक ही कहते हैं कि यह 80 प्रतिशत बनाम 20 प्रतिशत की लड़ाई है। बस वे इसकी व्याख्या ग़लत तरीके से करते हैं। पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी का विचार-विश्लेषण
  • Cuba
    ऋचा चिंतन
    वैश्विक एकजुटता के ज़रिये क्यूबा दिखा रहा है बिग फ़ार्मा आधिपत्य का विकल्प
    11 Jan 2022
    दुनिया को बिग फ़ार्मा के एकाधिकारवादी चलन का एक विकल्प सुझाते हुए क्यूबा मुनाफ़े से कहीं ज़्यादा अहमियत लोगों को देता है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली, राज्य से वित्त पोषित अनुसंधान को बढ़ावा देता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License