NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
‘चिराग तले अंधेरा है, यहाँ मातम का डेरा है’: झारखंड में 9 मिनट की दिवाली का नागरिक विरोध
गिरीडीह ज़िला स्थित बागोदर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में लोगों ने प्रधानमंत्री के ‘अंधेरा करो, दिया जलाओ’ आह्वान का खुला विरोध प्रदर्शित किया।
अनिल अंशुमन
06 Apr 2020
झारखंड

कोरोना महामारी संकट से निपटने के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार पर झारखंड, दिल्ली व केरल समेत देश की ग़ैर भाजपा राज्य सरकारों के साथ किए जा रहे असहयोग और भेदभाव का आरोप हेमंत सोरेन व अन्य कई मुख्यमंत्रियों द्वारा लगाया गया है। इन्हीं आरोपों के बीच 5 अप्रैल को झारखंड के गिरीडीह ज़िला स्थित बागोदर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में लोगों ने प्रधान मंत्री के ‘अंधेरा करो, दिया जलाओ’ आह्वान का खुला विरोध प्रदर्शित किया। स्वास्थ्य सुरक्षा के सभी एहतियात का पालन करते हुए लोग अपने-अपने गांवों में जमा हुए। और ‘चिराग तले अंधेरा है, यहाँ मातम का डेरा है’, ‘रोको कोरोना महामारी, करो इलाज की तैयारी’ , ‘हमें चाहिए भोजन राशन, नहीं चाहिए थोथा भाषण’ , तर्क विज्ञान की रौशनी जलाओ, अंधविश्वास का अंधेरा भगाओ’ , ‘बाहर फंसे प्रवासी मज़दूरों के लिए भोजन–आश्रय की व्यवस्था करो’ जैसे नारों के वाले पोस्टर लेकर खड़े हुए। विरोध प्रदर्शित कर रहें लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान को महामारी से लड़ने के नाम पर जनता के आत्मविश्वास को बढ़ाने की बजाय ढकोसला–अंधविश्वास बढ़ाने वाला क़रार देते हुए आम लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य व चिकित्सा सुविधा पहुंचाए जाने की मांग की।

इस अभियान का नेतृत्व कर रहे बगोदर स्थित घंघरी इंटर कॉलेज में भौतिक शास्त्र के प्राध्यापक हेमलाल महतो ने बताया, “इस समय कोरोना प्रभावित विश्व के कई राष्ट्रों की सरकारें अपने लोगों को महामारी से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर अधिकाधिक उपाय विकसित कर रही है। हमारे यहाँ के डॉक्टर सवाल कर रहें हैं कि मोदी जी, मेडिकल किट कब तक आ जाएगा, संक्रमित लोगों और मरनेवालों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन यह अमानवीय विडम्बना है कि हमारे देश की सरकार और उसके मुखिया इस विपदा की घड़ी में भी अपनी सांप्रदायिक विचारधारा व राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं।

महामारी विपदा से घिरे आम जन को जल्द से जल्द समुचित जांच–चिकित्सा व अन्य ज़रूरी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न करा कर लोगों में व्याप्त भय का भी फायदा उठा रहें हैं। इसीलिए इस क्षेत्र के लोग प्रधानमंत्री के ‘अंधेरा करो , दिया जलाओ’ आह्वान को मानव-विरोधी क़रार देते हुए जल्द से जल्द बेहतर जांच व ज़रूरी स्वास्थ्य सुविधा व्यवस्था तथा बाहर फंसे मजदूरों व अन्य लोगों की भोजन व्यवस्था इत्यादी मांगों को लेकर गाँव गाँव में विरोध पोस्टर प्रदर्शित कर रहें हैं।

सोशल मीडिया में भी प्रदेश के आदिवासी-झारखंडी समुदाय की काफ़ी तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रहीं हैं जिनमें सरकार से सवाल करने वाले पोस्टरों की भरमार है।

सोशल मीडिया पर जनता ने यह भी सवाल लिए हैं कि लॉकडाउन के दौरान जनता के पास पटाखे कहाँ से आए, और किसने पहुंचाए।

अपने ट्वीट को सार्वजनिक करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री जी की वीडियो कान्फ्रेंसिंग बैठक में लगातार दूसरी बार मुझे बोलने का मौका नहीं मिला। ये मेरी बातों को दबाना नहीं, साढ़े तीन करोड़ झारखंडियों की बातों को तरजीह नहीं देना और नज़रअंदाज़ करना है। मुझे आशा है कि अगली बैठक में मुझे झारखंडियों की बातें रखने का पूरा मौक़ा मिलेगा। समस्त झारखंडवासियों की बातों, परेशानियों–सुझावों को दिल्ली गंभीरता के साथ सुने-समझे।”

protest - cm2.jpg

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने भी अपने ट्वीट में कहा, “अब तक झारखंड को मेडिकल संसाधनों, खाद्य सामग्रियों और आर्थिक पैकेज की ज़रूरत को न सुनकर, दिया जलाने-लाइट बुझाने का आह्वान राजनीतिक कार्यक्रम प्रतीत होता है।”

इस संगीन हालात में अपनी पार्टी की केंद्र सरकार होते हुए भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी कि ओर से वर्तमान विधान सभा में प्रस्तावित नेता प्रतिपक्ष द्वारा जारी बयानों में सिर्फ प्रदेश की सरकार से ही लोगों को चिकित्सा सुविधा और मज़दूरों-ग़रीबों को फौरन अनाज उपलब्ध करने की मांग की जा रही है।

5 अप्रैल की रात प्रधानमंत्री के आह्वान पर शहरों के गली-मुहल्लों और कोलनियों–अपार्टमेंटों में ख़ूब रौशनी हुई, पटाखे चलाये जबकि ठीक उसी समय देश में कोरोना संक्रमितों और उससे होने वाली मौतों की संख्या में लगातार इजाफ़ा हो रहा है।

क्या देश-प्रदेश के हर जागरुक-जवाबदेह नागरिक के लिए एक सुलगता हुआ सवाल नहीं बनता है कि, जब घर में विपत्ति आ गयी हो और घर का मुखिया अपने लोगों की समुचित सुरक्षा व्यवस्था न करके सिर्फ उनकी अंध भावनाएं जगाने-भंजाने में लगा हुआ हो, और घर के सभी समझदार उसी में शामिल हो रहें हों तो उस घर का क्या होगा?

Coronavirus
COVID-19
Lockdown
9 minutes Drama
Light off
Jharkhand
Hemant Soren
Narendra modi
BJP

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • leather industry
    न्यूज़क्लिक टीम
    बंद होने की कगार पर खड़ा ताज नगरी का चमड़ा उद्योग
    10 Feb 2022
    आगरा का मशहूर चमड़ा उद्योग और उससे जुड़े कारीगर परेशान है। इनका कहना है कि सरकार इनकी तरफ ध्यान नही दे रही जिसकी वजह से पॉलिसी दर पॉलिसी इन्हें नुकसान पे नुक्सान हो रहा है।
  • Lakhimpur case
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखीमपुर कांड: मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को मिली ज़मानत
    10 Feb 2022
    केंद्रीय मंत्री के बेटे की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि उसने किसानों को कुचलने के लिए घटना में शामिल वाहन के चालक को उकसाया था।
  • uttarakhand
    मुकुंद झा
    उत्तराखंड चुनाव : टिहरी बांध से प्रभावित गांव आज भी कर रहे हैं न्याय की प्रतीक्षा!
    10 Feb 2022
    उत्तराखंड के टिहरी ज़िले में बने टिहरी बांध के लिए ज़मीन देने वाले ग्रामीण आज भी बदले में ज़मीन मिलने की आस लगाए बैठे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
  •  Bangladesh
    पीपल्स डिस्पैच
    बांग्लादेश: सड़कों पर उतरे विश्वविद्यालयों के छात्र, पुलिस कार्रवाई के ख़िलाफ़ उपजा रोष
    10 Feb 2022
    बांग्लादेश में शाहजलाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के बाद, देश के कई विश्वविद्यालयों में छात्र एकजुटता की लहर दौड़ गई है। इन प्रदर्शनकारी छात्रों ने…
  • Newsletter
    ट्राईकोंटिनेंटल : सामाजिक शोध संस्थान
    वैश्विक निरक्षरता के स्थिर संकट के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएँ
    10 Feb 2022
    संयुक्त राष्ट्र ने नोट किया कि 'दुनिया भर में 150 करोड़ से अधिक छात्र और युवा कोविड-19 महामारी के कारण बंद स्कूल और विश्वविद्यालयों से प्रभावित हो रहे हैं या प्रभावित हुए हैं'; कम से कम 100 करोड़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License